निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ,
शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ।
A.
कवि के रोदन में भी क्या होता है?
B.
कवि की वाणी में किन विरोधी स्थितियों का समावेश रहता है?
C.
इस काव्याशं में किस अलंकार का प्रयोग है और कैसे? भाषा का नाम भी बताओ।
D.
‘रोदन में राग’ तथा ‘शीतल वाणी में आग’ विरोधाभास अलंकार का प्रयोग है। इसमें ऊपरी तौर पर विरोध दिखाई देता है, पर वास्तव में यह है नहीं, केवल आभास मात्र है।
खड़ी बोली का प्रयोग है।
A. कवि के अपने रोने में भी एक प्रकार राग समाया रहता है। उसकी शीतल वाणी भी आग की दाहकता को अपने में समेटे रहती है। |
B. कवि की वाणी में शीतलता और आग, विरोधी स्थितियों का समावेश रहता है। उसकी वाणी लोगों के हृदयों में उत्साह का संचार कर देती है। |