बच्चन की कविता ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि शाम होने से पहले गंतव्य के निकट आ पहुँचने पर लोगों की मानसिकता कैसी होती है?
यदि मंजिल दूर हो तो लोगों की वहाँ तक पहुँचने की मानसिकता यह होती है कि कुछ ऐसा हो जाए कि वे अपनी मंजिल पर शीघ्र पहुँच जाएँ। इसके लिए वे कई प्रकार के उपाय भी करते हैं। मंजिल का दूर होना उनके मन में निराशा का भाव भी लाता है। गंतव्य के निकट पहुँचकर लोगों को लगता, दिन जल्दी ढलने लगा है। कहीं मंजिल तक पहुँचने से पहले ही रात न हो जाए। इसलिए थका यात्री भी कदम तेज कर लेता है।