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कबीर

Question
CBSEENHN11012195

कबीर के दोहों को साखी क्यों कहा गया है?

Solution

साखी ‘शब्द’ या ‘साक्षी’ का अपभ्रंश रूप है। इस रूप में यह शब्द उस अनुभूति का द्योतक है, जिसको कवि ने अपनी बुद्धि से नहीं वरन् अपने अंत:करण से साक्षात्कार किया है। ये साखियाँ उस ज्ञान की साक्षी भी हैं और उसका साक्षात्कार कराने वाली भी हैं। ‘साखी’ शब्द में ‘शिक्षा’` या ‘सीख’ अर्थात् उपदेश देने का अथ भी निहित है। इन साखियों में नैतिक उपदेश का समावेश मिलता है। छंद की दृष्टि से ‘साखी’ दोहा के निकट है।

Some More Questions From कबीर Chapter

“जैसे बाड़ी काष्ठ ही का, अगिनि न काटे, कोई।

सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।”

-इसके आधार पर बताइए कि कबीर की दृष्टि में ईश्वर का क्या स्वरूप है?

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कबीर के पदों को शास्त्रीय संगीत और लोग संगीत दोनों में लयबद्ध भी किया गया है। जैसे-कुमारगंधर्व, भारती बंधु और प्रल्हाद सिंह टिप्पाणियाँ आदि द्वारा गाए गए पद। इनके कैसेट्स अपने पुस्तकालय के लिए मंगवाएं और पाठ्य-पुस्तक के पदों को भी लयबद्ध करने का प्रयास करें।

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