Sponsor Area

कबीर

Question
CBSEENHN11012182

कबीर ने नियम और धर्म का पालन करने वाले लोगों की किन कमियों की ओर संकेत किया है?

Solution

कबीर ने नियम और धर्म का पालन करने वाले लोगों की अनेक कमियों की ओर संकेत किया है, जैसे-

-ये लोग प्रात:काल स्नान तो करते हैं, पर ये आत्मज्ञान को छोड्कर पत्थर-पूजा करने में विश्वास करते हैं। उन्हें (हिन्दू धर्म के अनुयायी) धर्म का सच्चा ज्ञान नहीं है।

-मुसलमान भी पीर- औलिया की बातें मानते हैं, कुरान को पढ़ते हैं, पर ये भी आडंबरों में लिप्त हैं। ये लोग भी कब पर दीपक जलाने को कहते हैं।

Some More Questions From कबीर Chapter

संतो देखत जग बौराना।

साँच कहीं तो मारन धावै, झूठे जग पतियाना।।

नेमी देखा धरमी देखा, प्रात करै असनाना।

आतम मारि पखानहि पूजै, उनमें कछु नहिं ज्ञाना।।

बहुतक देखा पीर औलिया, पढ़ै कितेब कुराना।

कै मुरीद तदबीर बतावैं, उनमें उहै जो ज्ञाना।।

आसन, मारि डिंभ धरि बैठे, मन में बहुत गुमाना।

पीपर पाथर पूजन लागे, तीरथ गर्व भुलाना।।

टोपी पहिरे माला पहिरे, छाप तिलक अनुमाना।

साखी सब्दहि गावत भूले, आतम खबरि न जाना।।

हिन्दू कहै मोहि राम पियारा, तुर्क कहै रहिमाना।

आपस में दोउ लरि लरि मूए, मर्म न काहू जाना।।

घर-घर मंतर देत फिरत हैं, महिमा के अभिमाना।

गुरु के सहित सिख सब बूड़े, अंत काल पछिताना।।

कहै कबीर सुनो हो संतो, ई सब भर्म भुलाना।

केतिक कहीं कहा नहिं मानै, सहजै सहज समाना।।

कबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है? इसके समर्थन में उन्होंने क्या तर्क दिए है?

मानव शरीर का निर्माण किन पाँच तत्त्वों से हुआ है?

“जैसे बाड़ी काष्ठ ही का, अगिनि न काटे, कोई।

सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।”

-इसके आधार पर बताइए कि कबीर की दृष्टि में ईश्वर का क्या स्वरूप है?

कबीर ने अपने को दीवाना क्यों कहा है?

कबीर ने ऐसा क्यों कहा है कि संसार बौरा गया है?

कबीर ने नियम और धर्म का पालन करने वाले लोगों की किन कमियों की ओर संकेत किया है?

अज्ञानी गुरूओं की शरण में जाने पर शिष्यों की क्या गति होती है?

बाह्याडंबरों की अपेक्षा स्वयं ( आत्म) को पहचानने की बात किन पंक्तियों में कही गई है? उन्हें अपने शब्दों में लिखे।

अन्य संत कवियों नानक, दादू और रैदास के ईश्वर संबंधी विचारों का संग्रह करें और उन पर एक परिचर्चा करें।