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अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले

Question
CBSEENHN10002598

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों?


Solution

लेखक की माँ दिन छिपने या सूरज ढलने के बाद पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं क्योंकि उनका मानना था कि ऐसा करते समय वे रोते हैं और हमें बददुआ देते हैं। रात में फूल तोड़ने पर वे श्राप देते हैं।

Some More Questions From अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
'डेरा डालने' से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े हुए?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए−
'मट्टी से मट्टी मिले,
खो के सभी निशान,
किसमें कितना कौन है,
कैसे हो पहचान'
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए−
नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था।

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए−
जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। 

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए−
इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है।