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आत्मत्राण

Question
CBSEENHN10002450

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है? यदि हाँ, तो कैसे? 

Solution

यह प्रार्थना अन्य प्रार्थना गीतों से भिन्न है क्योंकि अन्य प्रार्थना गीतों में दास्य भाव, आत्म समर्पण, समस्त दुखों को दूर करके सुखशांति की प्रार्थना, कल्याण, मानवता का विकास, ईश्वर सभी कार्य पूरे करें ऐसी प्रार्थनाएँ होती हैं परन्तु इस कविता में कष्टों से छुटकारा नहीं कष्टों को सहने की शक्ति के लिए प्रार्थना की गई है। यहाँ ईश्वर में आस्था बनी रहे, कर्मशील बने रहने की प्रार्थना की गई है। यह प्रार्थना किसी सांसारिक या भौतिक सुख की कामना के लिए नहीं है।

Some More Questions From आत्मत्राण Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कवि किससे और क्या प्रार्थना कर रहा है?  

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
'विपदाओं से मुझे बचाओं, यह मेरी प्रार्थना नहीं' - कवि इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है? 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कवि सहायक के न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
अंत में कवि क्या अनुनय करता है? 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
'आत्मत्राण' शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।  

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप प्रार्थना के अतिरिक्त और क्या-क्या प्रयास करते हैं? लिखिए। 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है? यदि हाँ, तो कैसे? 

निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए-  
नत शिर होकर सुख के दिन में
तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में।

निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए-  
हानि उठानी पड़े जगत् में लाभ अगर वंचना रही
तो भी मन में ना मानूँ क्षय।

निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए-  
तरने की हो शक्ति अनामय
मेरा भार अगर लघु करके न दो सांत्वना नहीं सही।