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आत्मत्राण

Question
CBSEENHN10002444

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
कवि किससे और क्या प्रार्थना कर रहा है?  

Solution

कवि करुणामय ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि उसे जीवन की विपदाओं से दूर चाहे ना रखे पर इतनी शक्ति दे कि इन मुश्किलों पर विजय पा सके। दुखों में भी ईश्वर को न भूले, उसका विश्वास अटल रहे। 

Some More Questions From आत्मत्राण Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
'आत्मत्राण' शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।  

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप प्रार्थना के अतिरिक्त और क्या-क्या प्रयास करते हैं? लिखिए। 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है? यदि हाँ, तो कैसे? 

निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए-  
नत शिर होकर सुख के दिन में
तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में।

निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए-  
हानि उठानी पड़े जगत् में लाभ अगर वंचना रही
तो भी मन में ना मानूँ क्षय।

निम्नलिखित अंशों का भाव स्पष्ट कीजिए-  
तरने की हो शक्ति अनामय
मेरा भार अगर लघु करके न दो सांत्वना नहीं सही।

Q12'आत्त्मत्राण' शीर्षक का अर्थ बताते हुए उसकी सार्थकता, ​कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

'आत्मत्राण' कवित में कवि की प्रार्थना से क्या संदेश मिलता है? अपने शब्दों में लिखिए।

'आत्मत्राण' कविता के द्वारा कवि क्या कहना चा​हता है? उसका संदेश स्पष्ट कीजिए।