Q12'आत्त्मत्राण' शीर्षक का अर्थ बताते हुए उसकी सार्थकता, कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
यह कविता हमें ईश्वर के सहारे ना रहकर स्वयं संघर्ष करने के लिए प्रेरित करती है| कवि के अनुसार हमें दृढ़तापूर्वक अपने जीवन मार्ग पर हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए| कैसी भी इस स्थिति क्यों ना आ जाए हमें कभी भी अपने जीवन में कठिनाइयों से हार नहीं माननी चाहिए| यदि ईश्वर से कुछ मांगना ही है तो अच्छा स्वास्थ्य, निडरता, बल, विश्वास तथा भगवान का साथ मांगना चाहिए| मनुष्य चाहे तो वह परिस्थिति से निपट सकता है| यही कविता का शीर्षक सार्थक करता है| हमें स्वयं को मजबूत बनाना है| ईश्वर या अन्य किसी के सहारे आगे नहीं बढ़ना है| हमें हर स्थिति का सामना डट कर करना है| इसके साथ-साथ हमें स्वयं की क्षमताओं पर और ईश्वर पर अटल विश्वास रखना चाहिए|