Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
माँ-ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलने के लिए नहीं
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की जैसी दिखाई मत देना।
आग के विषय में बताते हुए माँ के हृदय में क्या हो रहा था?
Solution
आग के विषय में बताते हुए माँ के हृदय में बेचैनी और पीड़ा के भाव थे कि हीं वह भी कहीं सुसराल की ओर से दी जाने वाली पीड़ा का शिकार न बन जाए। कहीं उसे भी दहेज के लालची आग में न झोंक दें।