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ऋतुराज - कन्यादान

Question
CBSEENHN10001909

माँ को अपनी बेटी ‘अंतिम पूँजी’ क्यों लग रही थी?

Solution
बेटी ही तो माँ को अपनी अंतिम पूंजी लग रही थी क्योंकि वह अपने जीवन के सारे सुख-दुःख उसी के साथ ही तो बांटती थी। वही उसके सबसे निकट थी, वही उसकी साथी थी।

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कवि ने कविता के माध्यम से माँ की किस विशेषता को वाणी प्रदान की है?

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर उसकी सप्रसंग व्याख्या कीजिये:
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

अवतरण में निहित भावार्थ स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

माँ के दु:ख को कवि ने क्या माना है?

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

अंतिम पूंजी कौन थी और क्यों थी?



निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

‘लड़की का दान’ से क्या तात्पर्य है?




निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

विवाह के समय लड़की कैसी थी?




निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

लड़की को किसका आभास हो जाता था?


निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

पाठिका किसे कहा गया है?

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कितना प्रामाणिक था उसका दुख
लड़की को दान में देते वक्त
जैसे वही उसकी अंतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी
कि उसे सुख का आभास तो होता था
लेकिन दुख बाँचना नहीं आता था
पाठिका थी बह धुँधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

अवतरण के भाव को स्पष्ट कीजिए।