Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
छाया मत छूना
मन, होगा दुख दूना।
दुविधा-हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं,
देह सुखी हो पर मन के दुख का अंत नहीं।
दुख है न चाँद खिला शरद-रात आने पर,
क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर?
जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण,
छाया मत छूना
मन, होगा दुख दूना।
देह का सुख किससे प्राप्त करने की ओर संकेत है?
Solution
देह का सुख मन के सुख से प्राप्त करने की ओर संकेत किया गया है। धन-वैभव से देह के लिए सुख बटोरे जा सकते हैं पर वास्तविक सुख तभी प्राप्त होते हैं जब मन पूर्ण रूप से संतुष्ट हो; उसमें सुख का भाव छिपा हो।