Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
छाया मत छूना
मन, होगा दु:ख दूना।।
यश है या न वैभव है, मान है न सरमाया;
जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया।
प्रभुता का शरण-बिंब केवल मृगतृष्णा है,
हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है।
जो है यथार्थ कठिन उस का तू कर पूजन
‘कृष्णा’ शब्द से कवि किस की ओर संकेत करता है?
Solution
‘कृष्णा’ शब्द से कवि ने दुःख रूपी अमावस्या का बोध कराया है। हर व्यक्ति के जीवन में दुःखों का आना-जाना तो लगा ही रहता है।