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दिये जल उठे - मधुकर उपाध्याय

Question
CBSEENHN9001160

“मैं चलता हूँ। अब आपकी बारी है।” यहाँ पटेल के कथन का आशय उद्धरत् पाठ के सदंर्भ में स्पष्ट कीजिए?

Solution
सरदार पटेल को जब सजा सुना दी गई तो उन्हें अहमदाबाद साबरमती जेल ले जाया गया। साबरमती आश्रम में गाँधी जी को पटेल की गिरफ्तारी, उनकी सजा और साबरमती जेल ले जाए जाने की सूचना थी। गाँधी जी इस गिरफ्तारी से बहुत क्रोधित थे। उन्होनें दांडी कूच की तारीख बदलने का निर्णय ले लिया। आश्रम में एक-एक व्यक्ति यह हिसाब लगा रहा था कि मोटर कार द्वारा वोरसद से साबरमती जेल पहुँचने में कितना समय लगेगा। जेल का रास्ता आश्रम के सामने से ही होकर जाता था। आश्रमवासी पटेल की एक झलक पाना चाहते थे। समय का अनुमान लगाकर गाँधी जी स्वयं आश्रम से बाहर निकल आए। पीछे-पीछे सभी आश्रमवासी आकर सड़क के किनारे खड़े हो गए लोगों का अनुमान था कि गाड़ी नहीं रूकेगी परन्तु उनके रोब के कारण गाड़ी रूकी तब पटेल ने गाँधी जी से कहा कि वे चलते हैं। अब उनकी बारी हैं। उन्होंने तो आंदोलन का प्रारम्भ कर दिया है। अब जन जागृति फैलाने की उनकी बारी हहै।यह पंक्ति का प्रतीकार्थ हैं।

Some More Questions From दिये जल उठे - मधुकर उपाध्याय Chapter

किस कारण से प्रेरित हो स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया?

जज को पटेल की सज़ा ले लिए आठ लाइन के फ़ैसले को लिखने में डेढ़ घंटा क्यों लगा? स्पष्ट करें।

“मैं चलता हूँ। अब आपकी बारी है।” यहाँ पटेल के कथन का आशय उद्धरत् पाठ के सदंर्भ में स्पष्ट कीजिए?

“इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखे”- गाँधीजी ने यह किसके लिए और किस संदर्भ में कहा?

पाठ द्वारा यह कैसे सिद्ध होता है कि- 'कैसी भी कठिन परिस्थिति हो उसका सामना तात्कालिक सूझबूझ और आपसी मेलजोल से किया जा सकता है। अपने शब्दों में लिखिए। 

महिसागर नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य उपस्थित था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए?

“यह धर्मयात्रा है चलकर पूरी करूँगा”-  गाँधीजी के इस कथन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है?

गाँधी जी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इन बात से सहमत नहीं थे कि गाँधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे फिर भी उन्होंने किस डर से और क्या एहतियाती कदम उठाए?

गाँधीजी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर क्यों खड़े रहे?

सरदार पटेल की गिरफ़्तारी पर देशवासी सुब्धं क्यों हो उठे?