Question
“यह धर्मयात्रा है चलकर पूरी करूँगा”- गाँधीजी के इस कथन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है?
Solution
यह धर्म यात्रा चलकर पूरी करूँगा। गाँधी का यह कथन अटूट साहस, उत्साह और तीव्र लगन का परिचय देता है। गाँधी जी मानते हैं कि धर्म मार्ग सत्य व अहिंसा का मार्ग है। मन वचन कर्म की पवित्रता अनिवार्य है। ऐसी यात्रा उनकी अंतिम यात्रा है। इसे उन्होंने धर्म यात्रा का नाम दिया है। ऐसी यात्रा के लिए वे वाहनों का प्रयोग नहीं करना चाहते थे। धर्म यात्रा में हवाई जहाज, मोटर या बैलगाड़ी में जाने वाले को लाभ नहीं मिलता। यात्रा में कस्ट सहना पड़ता है। लोगों का दर्द समझना पड़ता है। तभी यात्रा सफल होती है। गाँधी जी किसी भी तरह विदेशी शासन के राक्षसी राज के अनुसार काम करने के लिए तैयार नहीं थे।