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नये इलाके में - अरुण कमल

Question
CBSEENHN9001091

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उसका भाव पक्ष लिखिए
यहीं इस गली में बनती है
मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ
इन्हीं गंदे मुहल्लों के गंदे लोग
बनाते हैं केवड़ा गुलाब खस और रातरानी
     अगरबत्तियाँ
दुनिया की सारी गंदगी बीच
दुनिया की सारी खुशबू
रचते रहते हैं हाथ

खुशबू रचते हैं हाथ
खुशबू रचते हैं हाथ।

Solution
भाव पक्षकवि कहता है कि देश की प्रसिद्ध अगरबत्तियाँ इस गंदी. तंग, बदबूदार गली में बनती है। इन्हीं गंदे मुहल्लों में रहने वाले गंदे लोग सुगंधित केवड़ा, गुलाब, पोस्ता और रात-रानी की सुगंध वाली महकती अगरबत्तियाँ बनाते हैं। यद्यपि वे खुद दुनिया भर की गंदगी के बीचोंबीच रहते हैं और जीते हैं किन्तु अपने हाथों से दुनिया को महकाने वाली खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनते हैं। इस प्रकार वे स्वयं गंदे रहकर भी खुशबू बाँटते हैं। ये ही श्रमिक खुशबू पैदा करते हैं। खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनाते हैं और सुगंध बिखेरते हैं।

Some More Questions From नये इलाके में - अरुण कमल Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
कविता में कौन-कौन से पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
कवि एक घर पीछे या दो घर आगे क्यों चल देता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से क्या अभिप्राय है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
कवि ने इस कविता में 'समय की कमी' की ओर क्यों इशारा किया है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
इस कविता में कवि ने शहरों की किस बिडंबना की ओर संकेत किया है।

व्याख्या कीजिए-
हाँ स्मृति का भरोसा नहीं
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया।
 

व्याख्या कीजिए-
समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर

पाठ में हिन्दी महीनों के कुछ नाम आए हैं। आप सभी हिन्दी महीनों के नाम क्रम से लिखिए।

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?