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नये इलाके में - अरुण कमल

Question
CBSEENHN9001071

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उसका शिल्प सौन्दर्य लिखिए - 
यहाँ रोज़ कुछ बन रहा है
रोज़ कुछ घट रहा है
यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया
जैसे वसंत का गया पतझड़ को लौटा हूँ
जैसे बैसाख का गया भादों को लौटा हूँ
अब यही है उपाय कि हर दरवाज़ा खटखटाओ
और पूछो-क्या यही है वो घर?
समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर।


Solution

शिल्प सौन्दर्य:
1. जीवन की गति परिवर्तनशील है। इस जीवन के सत्य की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।
3. भाषा स्वाभाविक व रोचक है।
4. चित्रात्मक व वर्णनात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
5. कहीं-कहीं भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
6. आम-बोलचाल की भाषा का प्रभाव दिखाई देता है।
7. ‘जैसे बसंत... लौटा हूँ’ में उत्पेक्षा अलंकार है।

Some More Questions From नये इलाके में - अरुण कमल Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
कविता में कौन-कौन से पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
कवि एक घर पीछे या दो घर आगे क्यों चल देता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से क्या अभिप्राय है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
कवि ने इस कविता में 'समय की कमी' की ओर क्यों इशारा किया है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिये:
इस कविता में कवि ने शहरों की किस बिडंबना की ओर संकेत किया है।

व्याख्या कीजिए-
हाँ स्मृति का भरोसा नहीं
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया।
 

व्याख्या कीजिए-
समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर

पाठ में हिन्दी महीनों के कुछ नाम आए हैं। आप सभी हिन्दी महीनों के नाम क्रम से लिखिए।

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ-कहाँ रहते हैं?