Sponsor Area

गीत-अगीत - रामधारी सिंह दिनकर

Question
CBSEENHN9000992

निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उसका शिल्प सौन्दर्य लिखिए
गीत, अगीत, कौन सुदंर है?
गाकर गीत विरह के तटिनी
वेगवती बहती जाती है,
दिल हलका कर लेने को
उपलों से कुछ कहती जाती है।
तट पर एक गुलाब सोचता,
“देते स्वर यदि मुझे विधाता,
अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जंग को गीत सुनाता!”

गा-गाकर बह रही निर्झरी,
पाटक मूक खड़ा तट पर है।
गीत, अगीत, कौन सुदंर है?



Solution

शिल्प सौन्दर्य-
1. प्रस्तुत पद्यांश में प्राकृतिक सौन्दर्य जीवन्त हो उठा है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है।
3. तत्सम प्रधान शब्दावली का प्रयोग किया गया है।
4. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
5. भाषा सरल, सरस व प्रवाहमयी है।
6. भावात्मक व उदाहराणात्मक शैली का प्रयोग किया गया है।
7. चित्रात्मक होने के कारण वर्णन सजीव व रोचक बन पड़ा है।
8. अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है।

Some More Questions From गीत-अगीत - रामधारी सिंह दिनकर Chapter

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
प्रेमी जब गीत गाता है, तब प्रेमिका की’ क्या इच्छा होती है?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
प्रथम छदं में वर्णित प्रकृति-चित्रण को लिखिए।

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों के सबंध की व्याख्या कीजिए।

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
मनुष्य को प्रकृति किस रूप में आंदोलित करती है? अपने शब्दों में लिखिए।

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए:
सभी कुछ गीत है, अगीत कुछ नहीं होता। कुछ अगीत भी होता है क्या? स्पष्ट कीजिए।

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए:
‘गीत-अगीत’ के केंद्रीय भाव को लिखिए।

संदर्भ-सहित व्याख्या कीजिए-
अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जग को गीत सुनता

संदर्भ-सहित व्याख्या कीजिए-
गाता शुक जब किरण वसंती
छूती अंग पर्ण से छनकर

संदर्भ-सहित व्याख्या कीजिए-
हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की
बिधना यों मन में गुनती है

निन्नलिखित उदाहरण में ‘वाक्य-विचलन’ को समझाने का प्रयास कीजिए। इसी आधार पर प्रचलित वाक्य विन्यास लिखिए-
उदाहरण: तट पर एक गुलाब सोचता
एक गुलाब तट पर सोचता है।

देते स्वर यदि मुझे विधाता
.........................................