Question
निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये:
दंड भोगकर जब मैं छूटा,
पैर न उठते थे घर को;
पीछे ठेल रहा था कोई
भय-जर्जन तनु पंजर को।
पहले की-सी लेने मुझको
नहीं दौड़कर आई वह;
उलझी हुई खेल में ही हा!
अबकी दी न दिखाई वह।
दंड भोगकर सुखिया का पिता कहाँ से छूटा था?
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कारावास से
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न्यायालय से
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अदालत से
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बंधनों से
Solution
A.
कारावास से