Question
निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर उसका भाव पक्ष लिखिए
मैने स्वीकृत किया दंड वह
शीश झुकाकर चुप ही रह;
उस असीम अभियोग, दोष का
क्या उत्तर देता, क्या कह?
सात रोज़ ही रहा जेल में
या कि वहाँ सदियाँ बीतीं,
अविश्रांत बरसा करके भी
आँखें तनिक नहीं रीतीं।
Solution
भाव पक्ष- सुखिया के पिता ने सिर झुकाकर इस दंड को स्वीकार कर लिया। उस पर जो आरोप लगाया गया था, वह उसका क्या उत्तर देता। वह अपनी रक्षा में क्या कहता! उसे कुछ न छा। वह सात दिनों तक जेल में रहा। उसके लिए ये सात दिन सैकड़ों वर्षा के समान भारी थे। उसकी आँखो से निरंतर आँसू बहते रहे। उनकी वेदना कम नहीं हुई।