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एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त

Question
CBSEENHN9000903

निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर उसका भाव पक्ष स्पष्ट कीजिये:
भक्त-वृंद मृदु-मधुर कंठ से
गाते थे सभक्ति मुद-मय,-
‘पतित-तारिणी पाप-हारिणी,
माता, तेरी जय-जय-जय!’
‘पतित-तारिणी, तेरी जय-जय’-
मेरे सुख से भी निकला,
बिना बढ़े ही मैं आगे को
जाने किस बल से ढिकला!

Solution
भाव पक्ष- कवि कहते है कि वहाँ मंदिर में उपस्थित भक्तों का समूह पूर्ण भक्ति और प्रसन्नता के साथ कोमल और मधुर कंठ से गा रहे थे-हे पापियों को तारने वालीं और सबके पापों को दूर करने वाली माँ तेरी जय हो, जय हो। यह देखकर और सुनकर मेरे मुख से अनायास ही माँ की जय जयकार निकल पड़ी और मैंने भी कहा-हे पतित लोगों का उद्धार करने वाली माँ, तेरी जय हो, जय हो, जय हो। मैंने आगे बढ़ने का प्रयास किए बिना ही न मालूम किस अज्ञात-शक्ति के जोर से आगे जा पहुँचा अर्थात् मैंने जानबूझकर बढ़ने का प्रयास नहीं किया बल्कि लोगों की भीड़ के धक्के लगने से अपने आप ही आगे अर्थात् अंदर जा पहुँचा।

Some More Questions From एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Chapter

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता का केंद्रीय भाव शब्दों में लिखिए।

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों/ बिंबों को. छाँटकर लिखिए-
उदाहरण: अंधकार की छाया
(i) .........................     (ii) ..........................
(iii) ........................      (iv)..........................
(v) .........................

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
अविश्रांत बरसा करके भी
आँखे तनिक नहीं रीती।

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
हाय! वही चुपचाप पड़ी थी
अटल शांति-सी धारण कर

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी

सुखिया ने अपने पिता से देवी के प्रसाद का एक फूल क्यों माँगा?

मंदिर के सौन्दर्य का वर्णन अपने शब्दों में करो।