Question
निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर उसका शिल्प सौन्दर्य लिखिए।
सभी ओर दिखलाई दी बस,
अधंकार की ही छाया
छोटी-सी बच्ची को ग्रसने
कितना बड़ा तिमिर आया!
ऊपर विस्तृत महाकाश में
जलते-से अंगारों से,
झुलसी-सी जाती थी आँखें
जगमग जगते तारों से।
Solution
शिल्प सौन्दर्य:
1. सुखिया की असाध्य बीमारी का सजीव व कारूणिक चित्रण किया गया है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।
3. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
4. भावों को कथात्मक रूप में प्रस्तुत किया गया है।
5. तत्सम प्रधान शब्दावली का प्रयोग दृष्टव्य है।
6. भाषा सरस, सरल व मर्मस्पर्शी है।
7. भाषा शैली-भावात्मक, कथात्मक, संवादात्मक व उदाहरणात्मक है।
8. (i) ‘तिमिर’ का मानवीकरण किया गया है।
(ii) ‘जलते से अंगारों’ और जगमग जगते तारों से’ मे उपमा अलंकार है।