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तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी

Question
CBSEENHN9000509

तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा?

Solution
तीसरे दिन सुबह अतिथि ने लॉण्ड्री में कपड़े देने को कहा क्योंकि वह उससे कपड़े धुलवाना चाहता था।

Some More Questions From तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी Chapter

तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा?

सत्कार की उष्मा समाप्त होने पर क्या हुआ?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था?

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
 अंदर ही अंदर कहीं मेरा बटुआाँ काँप गया।

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है।

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़े।

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी।

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते।

(ख) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:
कौन सा आघात अप्रत्याशित था और उसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा।

(ख) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए:
‘सबंधों का संक्रमण के दौर से गुज़रना’-इस पंक्ति से आप क्या समझते है? विस्तार से लिखिए।