-->

तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी

Question
CBSEENHN9000513

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है।

Solution
अतिथि यदि बिना तिथि के घर आते हैं तो अपना देवत्व खो बैठते हैं। ‘अतिथि देवा भव’ का मूल्य नगण्य हो जाता है। उन्हें देवता नहीं माना जा सकता। वह मानव जबरदस्ती दूसरों के घर में ठहरकर राक्षसत्व का स्वरूप पा लेता है। यदि अतिथि लम्बे समय तक ठहर जाता है तो वह अपना महत्व खो बैठता है। अधिक दिनों तक अतिथि का ठहरना व्याकुलता उत्पन्न कर देता है। उसकी विदाई की प्रतीक्षा में मन डूबने लगता है। अतिथि के मुख पर सुलभ व सहज मुस्कान होती है और वह मुस्कान लेखक की सहनशीलता को ठेस पहुंचाती है।

Some More Questions From तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी Chapter

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
तुम्हें यहाँ अच्छा लग रहा है न! मैं जानता हूँ। दूसरों के यहाँ अच्छा लगता है। अगर बस चलता तो सभी लोग दूसरों के यहाँ रहते, पर ऐसा नहीं हो सकता। अपने घर की महत्ता के गीत इसी कारण गाए गए हैं। होम को इसी कारण स्वीट-होम कहा गया है कि लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़े। तुम्हें यहाँ अच्छा लग रहा है, पर सोचो प्रिय, कि शराफ़त भी कोई चीज होती है और गेट आउट भी एक वाक्य है, जो बोला जा सकता है।

प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) लेखक की मानसिक स्थिति पर प्रकाश डालिए
(ग) अपने घर को स्वीट होम क्यों कहा जाता है।
(घ) लेखक किसे ‘गेट आउट’ कहने की धमकी दे रहा है

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए:
अपने खर्राटों से एक और रात गुंजायमान करने के बाद कल जो किरण तुम्हारे बिस्तर पर आएगी वह तुम्हारे यहाँ आगमन के बाद पाँचवें सूर्य की परिचित किरण होगी। आशा है, वह तुम्हें चूमेगी और तुम घर लौटने का सम्मानपूर्ण निर्णय ले लोगे। मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी। उसके बाद मैं स्टैंड नहीं कर सकूँगा और लड़खड़ा जाऊँगा। मेरे अतिथि, मैं जानता हूँ कि अतिथि देवता होता है, पर आखिर मैं भी मनुष्य हूँ। मैं कोई तुम्हारी तरह देवता नहीं। एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते। देवता दर्शन देकर लौट जाता है। तुम लौट जाओ अतिथि! इसी में तुम्हारा देवत्व सुरक्षित रहेगा। यह मनुष्य अपनी वाली पर उतरे, उसके पूर्व तुम लौट जाओ!

प्रशन:
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) लेखक ने खर्राटों का प्रसगं क्यों उठाया है?
(ग) लेखक अतिथि से क्या उपेक्षा करता है?
(घ) ‘एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर तक साथ नहीं रहते’ का आशय स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है?

कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही है?

 पति-पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया?

दोपहर के भोजन को कौन-सी गरिमा प्रदान की गई?

तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा?

सत्कार की उष्मा समाप्त होने पर क्या हुआ?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था?

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
 अंदर ही अंदर कहीं मेरा बटुआाँ काँप गया।