Question
नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
”तू समझती नहीं।” गवरा हँसकर बोला, “कपड़े पहन-पहनकर जाड़ा-गरमी-बरसात सहने की उनकी सकत भी जाती रही है। ... और इस कपड़े में बड़ा लफड़ा भी है। कपड़ा पहनते ही पहननेवाले की औकात पता चल जाती हैं ... आदमी-आदमी की हैसियत में भेद पैदा हो जाता है।”
क्या गवरा अपने विचार में सही है?
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गवरा गलत था क्योकि कपड़े पहनना मनुष्य का मात्र शौक है?
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गवरा पूर्णतया सही है कि कपड़े पहनने से उनकी मौसम को सहने की शक्ति समाप्त होती है और औकात पता चलती है।
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गवरा गलत है क्योंकि कपड़े पहनने से आदमी सुंदर लगता है।
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गवरा गलत है क्योंकि कपड़े मनुष्य को पहनने ही चाहिए।
Solution
B.
गवरा पूर्णतया सही है कि कपड़े पहनने से उनकी मौसम को सहने की शक्ति समाप्त होती है और औकात पता चलती है।