-
Call Us
+91 8076753736 -
Send us an Email
[email protected]
टोपी
टोपी पहनकर गवरइया राजा को दिखाने पहुँची क्योंकि वह राजा को यह अहसास दिलवाना चाहती थी कि यदि वह अपनी प्रजा से कोई भी काम करवाता है तो उसे उस कार्य की पूरी मजूरी देनी चाहिए। मुफ़्त में काम करवाने से बेचारे मज़दूर अपना खर्च कैसे चलाएँगे। ऐसा अहसास गवरइया को तब हुआ जब वह अपनी टोपी बनवाने के लिए धुनिए, कोरी, बुनकर व दरजी के पास गई थी। उसने यह समझ लिया था कि राजा अपने काम करवाता है लेकिन पारिश्रमिक किसी की नहीं देता। इसी कारण वे सब अच्छा और उम्दा काम भी नहीं करते क्योंकि उनके मन में उत्साह ही नहीं होता कि काम पूरा करके पैसे मिलेंगे। काम उनके लिए बोझ के समान था।
इसी कारण गवरइया ने राजा को चुनौती देकर उसकी गलती का उसे अहसास करवाना चाहा।
Sponsor Area
Sponsor Area