अकबरी लोटा

Question
CBSEENHN8000988

निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जब चार दिन ज्यों-त्यों में यों ही बीत गए और रुपयों का कोई प्रबंध न हो सका तब उन्हें चिंता होने लगी। प्रश्न अपनी प्रतिष्ठा का था, अपने ही घर में अपनी साख का था। देने का पक्का वादा करके अगर अब दे न सके तो अपने मन में वह क्या सोचेगी? उसकी नज़रों में उसका क्या मूल्य रह जाएगा? अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ सुना चुके थे। अब जो एक काम पड़ा तो चारों खाने चित हो रहे। यह पहली बार उसने मुँह खोलकर कुछ रुपयों का सवाल किया था। इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे? 

लाला के समक्ष कैसा प्रश्न था?
  • उनकी प्रतिष्ठा व घर में साख का
  • पत्नी पर रोब डालने का
  • पत्नी को रुपए देने का
  • पत्नी के समक्ष न झुकने का

Solution

A.

उनकी प्रतिष्ठा व घर में साख का

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