जहाँ पहिया है

Question
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अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हए शीर्षक के पक्ष में पक्ष में तर्क दीजिए

Solution
इस पाठ का अन्य शीर्षक हो सकता है- ‘सुनहले दिन’। सुनहले दिन शीर्षक भी उपयुक्त है क्योंकि साइकिल चलाना सीखने से पुड़ुकोट्टई नामक स्थान के महिला समाज में ऐसी जागृति आई कि उनके दिन ही बदल गए। बंधनों व रूढ़िवादी जीवन बिताने वाली महिलाएँ साइकिल पर सवार होकर आज़ादी से घूमने लगी। यहाँ तक कि वे पूर्णतया आत्मनिर्भर भी हो गई।

Some More Questions From जहाँ पहिया है Chapter

'... उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं ...”
आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों’ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?

'... उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं ...”
क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

‘साइकिल आंदोलन’ से पुड़ुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?

शुरूआत में पुरुषों ने इस आदोलन का विरोध किया परंतु आर साइकिल के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?

प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?

आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ क्यों रखा होगा?

अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हए शीर्षक के पक्ष में पक्ष में तर्क दीजिए

'लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण औरतों के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज़ उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है।”
साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है? समूह बनाकर चर्चा कीजिए।

“पुड़ुकाट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी क बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था।” साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?

फातिमा ने कहा, '..मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।”
साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी’ का अनुभव क्यों होता होगा?