सुदामा चरित

Question
CBSEENHN8000855

अपने गाँव लौटने पर सुदामा के भ्रमित होने का कारण क्या था?

Solution
अपने गाँव लौटने पर सुदामा के भ्रमित का कारण था उसके गाँव का बदलाव होना, अब उसका गाँव भी द्वारका की भाँति दिख रहा था। वह यह सोचने लगा कि कहीं गलती से घूम कर फिर से द्वारका ताे नहीं पहुंच गया। वास्तव में यह श्रीकृष्ण की असीम कृपा थी। उन्होंने प्रत्यक्ष नहीं अप्रत्यक्ष रूप से सुदामा को सब कुछ दे दिया।

Some More Questions From सुदामा चरित Chapter

निर्धनता के बाद मिलनेवाली संपन्नता का चित्रण कविता की अंतिम पक्तियों में वर्णित है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।

द्रुपद और द्रोणाचार्य भी सहपाठी थे, इनकी मित्रता और शत्रुता की कथा महाभारत से खोजकर सुदामा के कथानक से तुलना कीजिए।

उच्च पद पर पहुँचकर या अधिक समृद्ध होकर व्यक्ति अपने निर्धन माता-पिता-भाई-बंधुओं से नजर फेरने लग जाता है, ऐसे लोगों के लिए सुदामा चरित कैसी चुनौती खड़ी करता है? लिखिए।

अनुमान कीजिए यदि आपका कोई अभिन्न मित्र आपसे बढ़त वर्षो बाद मिलने आए तो आप को कैसा अनुभव होगा?

कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीति।
विपति कसौटी जे कसे तेई साँचे मीत।।
इस दोहे में रहीम ने सच्चे मित्र की पहचान बताई है। इस दोहे से सुदामा चरित की समानता किस प्रकार दिखती है? लिखिए।

“पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सो पग धोए”
ऊपर लिखी गई पंक्ति को ध्यान से पढ़िए। इसमें बात को बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर चित्रित किया गया है। जब किसी बात को इतना बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है तो वहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है। आप भी कविता में से एक अतिशयोक्ति अलंकार का उदाहरण छाँटिए।

इस कविता को एकांकी में बदलिए और उसका अभिनय कीजिए।

कविता के उचित सस्वर वाचन का अभ्यास कीजिए।

‘मित्रता’ संबंधी दोहों का संकलन कीजिए।

सुदामा की वेशभूषा क्या दर्शाती है?