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चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
कबूतर का नाम डाक व्यवस्था के साथ जुड़ा है। यह एक ऐसा पक्षी है जिसके पंजे में पत्र को बाँधकर लटकाया जाता था। वह उड़कर पत्र को उसी स्थान पर पहुँचा देता था जहाँ पत्र भेजना होता था। मुगल राजा-महाराजाओं के समय कबूतर अच्छे संदेशवाहक माने जाते थे।
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दो स्वरों के मेल से होनेवाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं; जैसे-रवीन्द्र = रवि + इन्द्र। इस संधि में इ+इ = ई हुई है। इसे दीर्घ संधि कहते हैं। दीर्घ स्वर संधि के और उदाहरण खोजकर लिखिए। मुख्य रूप से स्वर संधियाँ चार प्रकार की मानी गई हैं-दीर्घ, गुण, वृद्धि और यण।
ह्र्स्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, आ आए तो ये आपस में मिलकर क्रमश : दीर्घ आ, ई, ऊ हो जाते हैं, इसी कारण इस संधि को दीर्घ संधि कहते हैं; जैसे-संग्रह + आलय = संग्रहालय, महा + आत्मा= महात्मा।
इस प्रकार के कम-से-कम बस उदाहरण खोजकर लिखिए और अपनी शिक्षिका-शिक्षक को दिखाइए।
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