निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए- हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चलें, मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।
आए बनकर उल्लास अभी, आँसू बनकर बह चल अभी, सब कहते ही रह गए. अरे, तुम कैसे आए, कहाँ चले?
‘धूल उड़ाते जहाँ चले’ शब्दों का क्या अर्थ है?
उनके कदमों से धूल उठती है।
बलिदानी वीर जहाँ भी जिस ओर जोश से बढ़ते है उनके कदमो से सारे वातावरण में धूल छा जाती है अर्थात् सब ओर उनका अस्तित्व दिखाई देता है।
तेज कदमों से चलना
मिट्टी के रास्ते पर बढ़ना
Solution
Multi-choise Question
B.
बलिदानी वीर जहाँ भी जिस ओर जोश से बढ़ते है उनके कदमो से सारे वातावरण में धूल छा जाती है अर्थात् सब ओर उनका अस्तित्व दिखाई देता है।