लाख की चूड़ियाँ

Question
CBSEENHN8000461

‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से’ और बदलू स्वयं कहता है- “जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है?” ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।

Solution

(क) ‘अब पहले जैसी औलाद कहाँ?’
किसी भी बुजुर्ग के मुख से आमतौर पर यह सुनने को मिल जाता है जिसमें स्पष्ट रूप से यह दुख और व्यंग्य छिपा रहता है कि आजकल की संतान बुजुर्गों को अधिक सम्मान नहीं देती।

(ख) ‘आजकल के खाद्य-पदार्थो में शुद्धता कहाँ?’ 
इस वाक्य से यह व्यंग्य किया जाता है कि दिन-प्रतिदिन खाद्य-पदार्थों में मिलावटी चीजों से उनकी शुद्धता समाप्त होती जा रही है।

Some More Questions From लाख की चूड़ियाँ Chapter

वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?

‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं’ -इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया हैं? 

बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी।

मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?

आपने मेले-बाजार आदि में हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा होगा। आपके मन में किसी चीज को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए।

लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीजें बनती हैं? ज्ञात कीजिए।

घर में मेहमान के आने पर आप उसका अतिथि-सत्कार कैसे करेंगे?

आपको छुट्टियों में किसके घर जाना सबसे अच्छा लगता है? वहाँ की दिनचर्या अलग कैसे होती है? लिखिए।

मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं। आप अपने आस-पास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखिए।

बाज़ार में बिकने वाले सामानों की डिज़ाइनों में हमेशा परिवर्तन होता रहता है। आप इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हैं? आपस में चर्चा कीजिए।