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लाख की चूड़ियाँ
‘मशीनी युग ने कितने ही हाथ काट दिए हैं’ -इस पंक्ति के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि हाथ से किए जाने वाले उद्योग- धंधे मशीनों द्वारा किए जाने लगे हैं। ऐसे में हाथ से काम करने वाले लोग या तो बेरोजगार हो गए हैं या फिर अपने पैतृक (पूर्वजों के) कार्यों को छोड्कर दूसरे कार्य करने के लिए मजबूर हो गए हैं।
इस पाठ में भी जब लेखक को यह पता चलता है कि बदलू की हाथ से बनने वाली लाख की चूड़ियों का स्थान मशीन से बनने वाली काँच की चूड़ियों ने ले लिया है तो उसे बहुत दु:ख होता है।
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