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लाख की चूड़ियाँ

Question
CBSEENHN8000453

मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?

Solution
बदलू एक मनिहार अर्थात् चूड़ियाँ बनाने वाला था। उसकी बनाई लाख की रंग-बिरंगी चूड़ियाँ इतनी प्रसिद्ध थीं कि उसके गाँव के साथ-साथ दूसरे गाँवों से भी स्त्रियाँ उसकी बनाई चूड़ियाँ लेने आती थीं। अचानक मशीनी युग आन से मशीन पर बनी काँच की चूड़ियाँ अधिक बिकने लगीं और बदलू की चूड़ियाँ सबने लेनी बंद कर दीं। ऐसा होने पर उसका पैतृक पेशा जाता रहा। उसे अपना काम ही बंद करना पड़ा। अब हरदम प्रसन्नचित्त रहने वाला बदलू मन ही मन व्यथित रहने लगा।

Some More Questions From लाख की चूड़ियाँ Chapter

बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी।

मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?

आपने मेले-बाजार आदि में हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा होगा। आपके मन में किसी चीज को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए।

लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीजें बनती हैं? ज्ञात कीजिए।

घर में मेहमान के आने पर आप उसका अतिथि-सत्कार कैसे करेंगे?

आपको छुट्टियों में किसके घर जाना सबसे अच्छा लगता है? वहाँ की दिनचर्या अलग कैसे होती है? लिखिए।

मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं। आप अपने आस-पास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखिए।

बाज़ार में बिकने वाले सामानों की डिज़ाइनों में हमेशा परिवर्तन होता रहता है। आप इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हैं? आपस में चर्चा कीजिए।

हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़ों में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के पक्ष-विपक्ष में बातचीत कीजिए और बातचीत के आधार पर लेख तैयार कीजिए।

‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से’ और बदलू स्वयं कहता है- “जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है?” ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।