क्षितिज भाग १ Chapter 6 प्रेमचंद के फटे जूते
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    NCERT Solution For Class 9 About 2.html क्षितिज भाग १

    प्रेमचंद के फटे जूते Here is the CBSE About 2.html Chapter 6 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 About 2.html प्रेमचंद के फटे जूते Chapter 6 NCERT Solutions for Class 9 About 2.html प्रेमचंद के फटे जूते Chapter 6 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 About 2.html.

    Question 1
    CBSEENHN9001288

    हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?

     

    Solution

    प्रेमचंद के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ -
    1. प्रेमचंद के विचार बहुत ही उच्च थे वे सामाजिक बुराइयों से दूर रहे।
    2. प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे।
    3. प्रेमचंद को समझौता करना मंजूर न था।
    4. प्रेमचंद बहुत ही सीधा-सादा जीवन जीते थे वे गांधी जी की तरह सादा जीवन जीते थे।
    5. वे हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करते थे।

    Question 3
    CBSEENHN9001290

    नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए -
    जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।

    Solution

    व्यंग्य-यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान, मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है। वैसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पत्ति से अधिक हैं। परन्तु आज  समाज के समृद्ध एवं प्रतिष्ठित लोग अपने सामर्थ्य के बल अनेक टोपियाँ (सम्मानित एवं गुणी व्यक्तियों) को अपने जूते पर झुकने को विवश कर देते हैं।

    Question 4
    CBSEENHN9001291

    नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए -
    तुम परदे का महत्व नहीं जानते, हम पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं।

    Solution

    यहाँ परदे का सम्बन्ध इज़्जत से है। जहाँ कुछ लोग इज़्ज़त को अपना सर्वस्व मानते हैं तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए इज़्ज़त महत्वहीन है।

    Question 5
    CBSEENHN9001292

    नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
    जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?

    Solution

    प्रेमचंद ने सामाजिक बुराइयों को अपनाना तो दूर उनकी तरफ देखा भी नहीं। प्रेमचंद गलत वस्तु या व्यक्ति को हाथ से नहीं पैर से ही सम्बोधित करना उचित समझते है। अर्थात लेखक गलत वस्तु या व्यक्ति को इस लायक नहीं समझते थे कि उनके लिए अपने हाथ का प्रयोग करके हाथ के महत्व को कम करें।

    Question 6
    CBSEENHN9001293

    पाठ में एक जगह लेखक सोचता है कि 'फोटो खिंचाने कि अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी ?' लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि 'नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।' आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं ?

    Solution

    लेखक ने पहले सोचा प्रेमचंद खास मौके पर इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे क्योंकि लोग प्रायः दैनिक जीवन में साधारण कपड़ों का प्रयोग करते हैं और विशेष अवसरों पर अच्छे कपड़ों का। फिर लेखक को लगा कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व दिखावे की दुनिया से बिलकुल भिन्न हैं क्योंकि वे जैसे भीतर हैं वैसे ही बाहर भी हैं।

    Question 7
    CBSEENHN9001294

    आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन-सी बात आकर्षित करती है?

    Solution

    मुझे इस व्यंग्य की सबसे आकर्षक बात लगती है -विस्तारण शैली तथा लेखक ने व्यंग्यात्मक शैली में महान साहित्यकार प्रेमचंद का चित्र प्रस्तुत किया है। इस पाठ की शुरुआत प्रेमचंद के फटे जूते से होती है और प्रेमचंद के पूरे व्यक्तित्व को उजागर कर देती है । प्रेमचंद के व्यक्तित्व की विशेषताओं को व्यक्त करने के लिए जिन उदाहरणों का प्रयोग किया गया है, वे व्यंग को और भी आकर्षक बनाते हैं। लेखक ने अप्रत्यक्ष रुप से  सामाजिक कुरीतियों पर व्यंग्य द्वारा प्रहार किया है। 

    Question 8
    CBSEENHN9001295

    पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग किन संदर्भो को इंगित करने के लिए किया गया होगा?

    Solution

    पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग 'मार्ग की बाधा' का प्रतीक है। इस पाठ में टीला शब्द सामाजिक कुरीतियों,अन्याय तथा भेदभाव को दर्शाता है क्योंकि यह मानव के सामजिक विकास में बाधाएँ उत्पन्न करता हैं।

    Question 9
    CBSEENHN9001296

    प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।

    Solution

    हमारे एक पड़ोसी है। जो बहुत ही कंजूस है। यहाँ तक के बच्चों के खाने-पीने की चीजों में भी कटौती करते हैं। परंतु दुनिया में अपनी झूठी शान दिखाने के लिए बड़ी-बड़ी नामचीन कम्पनियों के कपड़े ही पहनते। उनका यह दोघलापन मेरी समझ से परे है।

     

    Question 10
    CBSEENHN9001297

    आपकी दृष्टि में वेश-भूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है?

    Solution

    आज के समय में लोगों का दृष्टिकोण बहुत बदल गया है। आज की दुनिया दिखावे के प्रति जयादा जागरूक है। यहाँ तक की व्यक्ति का मान-सम्मान और चरित्र भी वेश-भूषा पर अवलम्बित हो गया हैं। आज सादा जीवन जीने वालों को पिछड़ा समझा जाने लगा है। अगर समाज में अपनी शान बनाए रखनी है तो महँगे से महँगे कपड़े पहनना आवश्यक हो गया है और समय के साथ कोई खुद को न बदले तो उसकी समाज में प्रतिष्ठा नही बनती।

    Question 11
    CBSEENHN9001298

    पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

     

    Solution

    (1) लहुलुहान होना - (घायल होना) कार दुर्घटना में ड्राइवर लहुलुहान हो गया।
    (2) रास्ते पर खड़ा होना - (बाधा पड़ना) तुम मेरी सफलता के रास्ते पर खड़े हो।
    (3) बाजू से निकलना - (कठिनाईयों का सामना न करना) इस कठिन परिस्थिति में तुमने मेरा साथ छोड़कर बाजू से निकलना सही समझा।
    (4) न्योछावर होना - (कुर्बान होना) मंगल पांडे फ़िल्म देखने के बाद देश के लिए अपना सब कुछ अर्पण करने के साथ खुद भी न्योछावर होने का मन करता है।

    Question 12
    CBSEENHN9001299

    प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए।

    Solution

    इस पाठ में प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभरने के लिए निम्नलिखित विशेषणों का प्रयोग हुआ है -
    1. उपन्यास सम्राट
    2. जनता के लेखक
    3. महान कथाकार
    4. साहित्यिक पुरखे
    5. युग- प्रवर्तक।

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