नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए -
तुम परदे का महत्व नहीं जानते, हम पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं।
यहाँ परदे का सम्बन्ध इज़्जत से है। जहाँ कुछ लोग इज़्ज़त को अपना सर्वस्व मानते हैं तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए इज़्ज़त महत्वहीन है।