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प्रेमचंद के फटे जूते

Question
CBSEENHN9001296

प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।

Solution

हमारे एक पड़ोसी है। जो बहुत ही कंजूस है। यहाँ तक के बच्चों के खाने-पीने की चीजों में भी कटौती करते हैं। परंतु दुनिया में अपनी झूठी शान दिखाने के लिए बड़ी-बड़ी नामचीन कम्पनियों के कपड़े ही पहनते। उनका यह दोघलापन मेरी समझ से परे है।