क्षितिज भाग १ Chapter 16 यमराज की दिशा
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    NCERT Solution For Class 9 About 2.html क्षितिज भाग १

    यमराज की दिशा Here is the CBSE About 2.html Chapter 16 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 About 2.html यमराज की दिशा Chapter 16 NCERT Solutions for Class 9 About 2.html यमराज की दिशा Chapter 16 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 About 2.html.

    Question 1
    CBSEENHN9001419

    कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नही हुई?

    Solution

    कवि को बचपन में माँ ने यह सिखाया था कि दक्षिण दिशा की ओर यमराज का घर होता है अत: वहाँ पर पैर करके सोना उन्हें नाराज करने के समान है। इससे वह रुष्ट होते हैं। माँ द्वारा मिली इस सीख के कारण कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल नहीं हुई। तथा उन्होंने इसका जीवन भर पालन किया।

    Question 2
    CBSEENHN9001420

    कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था?

    Solution

    बचपन में कवि की माँ ने उससे बताया था कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से मृत्यु की प्राप्ति होती है। क्योंकि दक्षिण दिशा में यमराज का घर होता हैं। यह बात उसके मन में घर कर गयी थी तथा उसका मन आजीवन आशंकित रहा। इसके साथ उसने दक्षिण दिशा को एक प्रतीक के रूप में शोषण से जोड़ा है कि शोषण का भी कोई ओर-छोर नहीं होता। इससे हम बच नहीं सकते हैं। इसलिए कवि ने ऐसा कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था।

    Question 3
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    कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है?

    Solution

    यहाँ पर कवि ने हर दिशा की तुलना दक्षिण दिशा इसलिए की हैं दक्षिण दिशा का आशय मृत्यु की दिशा से है, यह दिशा यमराज का घर हैं। समाज में चारों ओर हिंसा, असंतोष का बोल-बाला हैं। कोई भी इससे अछुता नही है। एक ओर जहाँ विज्ञान ने आविष्कारों द्वारा समाज को प्रगतिशील बनाया है वही उसका यह आविष्कार समाज के लिए एक विस्फोट साबित हो रहा हैं। विध्वंसक हथियारों द्वारा चारों ओर हिंसा और आंतक फ़ैल रहा हैं। एक देश दूसरे देश का दुश्मन बनता जा रहा हैं। कोई भी स्थान संसार में सुरक्षित नही रह गया है। संसार के हर एक कोने में मौत अपना डेरा जमाए बैठी है।कवि सभ्यता के विकास की इसी खतरनाक दिशा के कारण कह रहा है कि आज हर दिशा दक्षिण दिशा बन गई है।

    Question 4
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    भाव स्पष्ट कीजिए -
    सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
    और वे सभी में एक साथ
    अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं

    Solution

    प्रस्तुत पंक्तियों का भाव यह यह कि आज मनुष्य समाज के किसी भी कोने में सुरक्षित नही हैं। आज आतंक तथा हिंसा यमराज का चेहरा बने बैठे हैं। उन्होंने यमराज के रुप में आज संपूर्ण सृष्टि पर अपना कब्जा कर लिया है। इस प्रकार आज के समय में यमराज का चेहरा भी बदल गया है और वह सभी जगह विराजमान भी है।

    Question 5
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    कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी-
    वह आपको क्या सीख देती हैं?

    Solution

    माँ सदैव ही अपनी संतान का हित सोचती हैं। मेरी माँ भी अपने अनुभवो के आधार पर मुझे समय समय पर समाज में व्यापत सही ओर गलत की नसीहयत देती रहती हैं। इसके साथ साथ वह मुझे छोटों-बड़ों का उचित सम्मान करना, जीवन मूल्यों को जीवन में उतारना इत्यादि शिक्षा देती रहती हैं।

    Question 6
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    कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी -
    क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं ?

    Solution

    माँ तो माँ ही होती हैं। वह सदैव अपनी संतान का हित ही चाहती है। वह अपने अनुभव के आधार पर ही जो कुछ उसने सीखा या समाज में देखा है उसी के आधार पर वह हमें जीवन की सही राह पर चलना सिखाती है।

    Question 7
    CBSEENHN9001425

    कभी-कभी उचित-अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं?

    Solution

    माँ कितना भी हमें डाँट दे वह सदैव हमारा भला ही चाहयेगी। अक्सर बच्चे अपनी माँ की बातों को अनदेखा कर देते हैं या माँ के डाँट ने पर उन्हें भला बुरा भी कह देते हैं। इसलिए माँ उन्हें सही रास्ता दिखाने के लिए ईश्वर का भय दिखाती हैं। जिससे उनकी ईश्वर के प्रति आस्था बनी रहे, वह बुराइयों और अनैतिक कृत्यों से दूर रहे, तथा मर्यादित जीवन जिएं।

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