कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी -
क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं ?
माँ तो माँ ही होती हैं। वह सदैव अपनी संतान का हित ही चाहती है। वह अपने अनुभव के आधार पर ही जो कुछ उसने सीखा या समाज में देखा है उसी के आधार पर वह हमें जीवन की सही राह पर चलना सिखाती है।