Vasant Bhag 3 Chapter 5 चिट्ठियों की अनूठी दुनिया
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    NCERT Solution For Class 8 Hindi Vasant Bhag 3

    चिट्ठियों की अनूठी दुनिया Here is the CBSE Hindi Chapter 5 for Class 8 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 8 Hindi चिट्ठियों की अनूठी दुनिया Chapter 5 NCERT Solutions for Class 8 Hindi चिट्ठियों की अनूठी दुनिया Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 8 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN8000597

    पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता?

    Solution
    पत्र जैसा संतोष फोन या एस.एम.एस. का संदेश नहीं दे सकता, क्योंकि पत्रों का अस्तित्व स्थाई होता है; उनमें मानवीय प्रेम व लगाव का समावेश रहता है। पत्रों को हम सहेज भी सकते हैं लेकिन फोन पर की गई बात अस्थाई होती है। एस.एम.एस से संदेश सीमित शब्दों में भेजे जाते हैं। पत्र भावना प्रधान हैं व शिक्षाप्रद होते हैं। अमिट यादें उनके साथ जुड़ी होती हैं। पत्रों को एकत्रित करके पुस्तक का रूप भी दिया जा सकता है जबकि फोन या एस.एम.एस. मैं ऐसा नहीं होता। संदेश भेजने का सस्ता साधन भी पत्र ही हैं।
    Question 2
    CBSEENHN8000598

    पत्र को खत, कागद, उत्ताम, जादू, लेख, कडिद, पाती, चिट्टी इत्यादि कहा जाता है। इन शब्दों से संबंधित भाषाओं के नाम बताइए।

    Solution
    पत्र को खत उर्दू भाषा में, कागद कन्नड़ में, उत्तरम, जाबू और लेख तेलगू में और तमिल में कडिद कहा जाता है।
    Question 3
    CBSEENHN8000599

    पत्र लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हए? लिखिए।

    Solution
    पत्र-लेखन के विकास हेतु स्कूली पाठ्यक्रम में पत्र लेखन विषय के रूप में शामिल किया गया है। विश्व डाक संघ ने 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया है ताकि बच्चों की रुचि पत्र-व्यवहार में बनी रहे।
    Question 4
    CBSEENHN8000600

    पत्र धरोहर हो सकते हैं लेकिन एसएमएस क्यों नहीं? तर्क सहित अपना विचार लिखिए।

    Solution
    पत्र को धरोहर कह सकते हैं क्योंकि इन्हें सहेज कर रखा जा सकता है। उपयोगी व शिक्षाप्रद पत्रों को पुस्तक के रूप में भी रखा जा सकता है। जैसे गाँधी जी के पत्र एवं जवाहरलाल नेहरू द्वारा इंदिरा को लिखे गए पत्र आज तक सहेजे हुए हैं। ये पुस्तक के रूप में पुस्तकों की दुकानों व प्रत्येक सार्वजनिक पुस्तकालय में प्राप्त हो सकते हैं। जबकि एस.एम.एस भले ही लिखित रूप में हो लेकिन हम उन्हें स्थाई रूप में सहेज कर नहीं रख सकते। यदि कंप्यूटर के द्वारा सहेजना चाहें भी तो यह प्रक्रिया बहुत जटिल व महँगी पड़ती है।
    Question 5
    CBSEENHN8000601

    क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकते हैं?

    Solution
    भले ही ‘वर्तमान में फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल का चलन बढ़ता जा रहा है। लोग सुविधानुसार अपने कार्यो को करने के लिए इन साधनों का प्रयोग करने लगे हैं लेकिन यह भी सत्य है कि पत्रों का चलन कम नहीं हो सकता। पत्रों की अपनी दुनिया है जिसमें विश्व स्तर तक वे अपना विस्तार पाते है। आज व्यापारिक व विभागीय कार्यो की प्रत्येक सूचना पत्रों द्वारा ही पहुँचाई जाती है। डाक विभाग के साथ-साथ कोरियर कंपनियाँ भी चाहे काम करती रहें लेकिन डाक विभाग का अपना महत्त्व है। पत्रों का चलन न कभी कम हुआ था, न कम है और न कभी कम होगा।
    Question 6
    CBSEENHN8000602

    किसी के लिए बिना टिकट सावे लिफ़ाफ़े पर सही पता लिखकर पत्र बैरंग भेजने पर कौन-सी कठिनाई आ सकती है? पता कीजिए।

    Solution
    यदि बिना टिकट लगा सादा लिफ़ाफ़ा सही पता लिखकर पत्र भेज दिया जाए तो कई बार तो पत्र वितरित ही नहीं होता, यदि होता भी है तो पत्र पाने वाले को टिकट का दुगना दाम देकर उसे डाकिए से लेना पड़ता है।
    Question 7
    CBSEENHN8000603

    पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है, कैसे?

    Solution
    पिन कोड की संख्याएँ भी एक तरह का पता होती हैं क्योकि किसी भी शहर को छोटे-छोटे क्षेत्रों में बाँटकर उन्हें पिन कोड नंबर दिया जाता है उसी आधार पर डाकघर में पत्रों की छटाई होती है।
    Question 8
    CBSEENHN8000604

    ऐसा क्यों होता था कि महात्मा गांधी को दुनिया भर से पत्र ‘महात्मा गांधी-इंडिया’ पता लिखकर आते थे?

    Solution
    महात्मा गांधी को दुनिया भर से पत्र महात्मा गांधी-इंडिया के नाम से आते थे, क्योंकि उनका नाम भारत के नाम से जाना जाता था। वे भारत के ही प्रतिबिंब थे।
    Question 9
    CBSEENHN8000605

    रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘भगवान के डाकिए’ आपकी पाठ्यपुस्तक में है। उसके आधार पर पक्षी और बादल को डाकिए की भाँति मानकर अपनी कल्पना से लेख लिखिए।

    Solution

    ‘डाकिया’ ऐसा व्यक्ति है जो लोगों के लिए अपने झोले में पत्र लाता है। हर मनुष्य इसे देखकर अपने पत्र की चाह करने लगता है। इसे किसी बात की कोई चिंता नहीं होती कि पत्र के अंदर क्या संदेश है? इसे पढ़कर कोई खुश होगा या दुखी। वह तो पेशे के अनुरूप कर्तव्यबद्ध होता है। पत्रों को उनके पते तक पहुँचाना ही उसका काम है। यदि हम प्राकृतिक साधनों को देखें तो पाते हैं कि वे भी किसी डाकिए से कम नहीं। ईश्वर के ऐसे संदेश जो केवल हम महसूस करते हैं, इनके द्वारा दिए जाते हैं। पक्षी जो स्वछंद उड़ते हैं उनके लिए देशों की सीमा-रेखाओं का कोई बंधन नहीं होता। वे फूलों की सुगंध को अपने पंखों द्वारा एक देश से दूसरे देश में पहुँचा देते हैं। बादल एक देश में बनते हैं और दूसरे देश में बरसते हैं। इसके क्या मायने हैं? यदि इस पर विचार करें तो पाएँगे कि ये इस बात का संदेश देते हैं कि लोगों को विश्व बंधुत्व की भावना से प्रेरित होना चाहिए सभी को मिलजुलकर आपसी सहयोग से रहना चाहिए।

    इसके अतिरिक्त प्रकृति के जिस भी साधन को देखें तो वह संदेश देता ही दिखाई देगा। जैसे-किसी कवि ने सच ही कहा है कि-

    फूलों से नित हँसना सीखो
    भौरों से नित गाना।
    तरु की झुकी डालियों से
    सीखो नित शीश झुकाना।
    वर्षा की बूँदों से सीखो
    सबको गले लगाना।
    सीख हवा के झोंकों से
    लो, कोमल भाव जगाना।

     
    Question 10
    CBSEENHN8000606

    संस्कृत साहित्य के महाकवि कालिदास ने बादल को संदेशवाहक बनाकर ‘मेघदूत’ नाम का काव्य लिखा है। ‘मेघदूत’ के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।

    Solution
    ‘मेघदूत’ के बारे में यही प्रचलित है कि महाकवि कालिदास ने अपने महाकाव्य ‘मेघदूत’ में नायिका द्वारा बादल को दूत बनाकर अल्कापुरी में रहने वाले अपने प्रियतम को अपनी मन:स्थिति का संदेश भिजवाया अर्थात् बादल ने दूत (संदेशवाहक) का कार्य किया।
    Question 11
    CBSEENHN8000607

    पक्षी को संदेशवाहक बनाकर अनेक कविताएँ एवं गीत लिखे गए हैं। एक गीत है-’जा-जा रे कागा विदेशवा, मेरे पिया से कहियो संदेशवा’। इस तरह के तीन गीतों का संग्रह कीजिए। प्रशिक्षित पक्षी के गले में पत्र बाँधकर निर्धारित स्थान तक पत्र भेजने का उल्लेख मिलता है। मान लीजिए आपको एक पक्षी को संदेशवाहक बनाकर पत्र भेजना हो तो आप वह पत्र किसे भेजना चाहेंगे और उसमें क्या लिखना चाहेंगे।

    Solution

    तीन गीतों का संग्रह-
    1. कबूतर जा जा, जा, पहले प्यार की पहली चिट्ठी साजन को दे आ।
    2. पंछी, नदियाँ, पवन के झोंके, कोई सरहद न इन्हें रोके।
    3. उड़जा काले कागा, तेरे मुंह विच खंड पावाँ
    ले जा तू संदेशा मेरा मैं सदके जावाँ।
    यदि मुझे एक पक्षी को संदेशवाहक बनाकर पत्र भेजना हो तो मैं वह पत्र ‘भगवान’ को भेजना चाहूँगा और उसमें यह लिखूँगा कि मेरे भारत देश में सदा अमन-शांति रहे, सभी लोग मिलजुल कर रहें व देश दिनों-दिन चौगुनी उन्नति करे।

    Question 12
    CBSEENHN8000608

    केवल पड़ने के लिए दी गई रामदरश मिश्र की कविता ‘चिट्ठियाँ’ काे ध्यानपूर्वक पढ़िए और विचार कीजिए कि क्या यह कविता केवल लेटर बॉक्स में पड़ी निर्धारित पते पर जाने के लिए तैयार चिट्ठियों के बारे में है? या रेल के डिब्बे में बैठी सवारी भी उन्हीं चिट्ठियों की तरह हैं जिनके पास उनके गंतव्य तक का टिकट है। पत्र के पते की तरह और क्या विद्यालय भी एक लेटर बॉक्स की भाँति नहीं है जहाँ से उत्तीर्ण होकर विद्यार्थी अनेक क्षेत्रों में चले जाते हैं? अपनी कल्पना को पंख लगाइए और मुक्त मन से इस विषय में विचार-विमर्श कीजिए।

    Solution

    ‘रामदरश मिश्र जी’ ने अपनी कविता ‘चिट्ठियाँ’ में यह बताना चाहा है कि लेटरबॉक्स में अनेक चिट्ठियाँ होती हैं कोई दुख की कोई सुख की लेकिन सभी अपने-अपने लिफाफों में बंद होती हैं। कोई अपना सुख-दुख दूसरे को नहीं कहती। सभी अपनी मंजिल पाना चाहती हैं अर्थात् अपने पते पर जाना चाहती हैं। यह एक-दूसरे का साथ भी क्या है कि जब हम एक-दूसरे से हँस-रो नहीं सकते। अंत में कवि ने अपने मुख्य विचार को दर्शाना चाहा है कि क्या हम भी इन चिट्ठियों की भाँति नहीं हो गए ऐसा कवि का कहना इसलिए है क्योंकि आज समाज में एक साथ रहते हुए भी हम एक-दूसरे से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं रखते, सभी आत्मकेंद्रित हो गए हैं। कवि का यह कहना कि रेल कं डिब्बे में बैठी सवारियाँ भी उन्हीं चिट्ठियों की तरह भी बिल्कुल सही हैं, क्योंकि वहाँ भी सभी लोग मिलकर बैठते तो हैं लेकिन मन में चाह कंवल मंजिल पाने की होती है। किसी से किसी का कोई संबंध नहीं होता। यदि संपर्क होता भी है तो वह स्थाई नहीं होता।

    विद्यालय को पूरी तरह से लेटरबॉक्स की चिट्ठियों की भाँति नहीं कहा जा सकता क्योंकि विद्यालय में पढ़कर भले ही विद्यार्थी अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हैं लेकिन विद्यालय में वे मेल-जोल, आपसी प्रेम, एक-दूसरे के प्रति समर्पण आदि की भावनाएँ सीखते हैं। वहाँ शिक्षक सदा उनकी निगरानी करता है, काफी हद तक उन्हें आत्मकेंद्रित नहीं होने देता। विद्यालय में नैतिक शिक्षा के द्वारा भी विद्यार्थी सामाजिक भावनाओं को समझता है लेकिन जब विद्यार्थी स्कूली जीवन के पश्चात् जीवन का बोझ अपने कंधों पर लादता है तो उसमें स्वार्थ की भावना अधिक जन्म लेने लगती है। आर्थिक परेशानियों से जूझते हुए वह आत्मकेंद्रित होता चला जाता है और चिट्ठियों की भाँति केवल अपने बारे में ही सोचने लगता है।

    Question 13
    CBSEENHN8000609

    किसी प्रयोजन विशेष से संबधित शब्दों के साथ पत्र शब्द जोड़ने से कुछ नए शब्द बनते है, जैसे-प्रशस्ति पत्र, समाचार पत्र। आप भी पत्र के योग से बननेवाले दस शब्द लिखिए।

    Solution

    - 1. प्रार्थना पत्र          2. शोक पत्र          3. प्रशंसा पत्र         4. शिकायती पत्र
      5. कार्यालय पत्र       6. आवेदन पत्र        7. जवाबी पत्र        8. निमंत्रण पत्र
      9. क्षमायाचना पत्र    10. संवेदना पत्र।

    Question 14
    CBSEENHN8000610

    ‘व्यापारिक’ शब्द व्यापार के साथ ‘इक’ प्रत्यय के योग से बना है। इक प्रत्यय के योग से बननेवाले शब्दों को अपनी पाठ्यपुस्तक से खोजकर लिखिए।

    Solution
    मूल शब्द प्रत्यय मूल शब्द प्रत्यय
    व्यापारिक व्यापार+इक आर्थिक अर्थ+इक
    सामाजिक समाज+इक दैनिक दिन+इक
    Question 15
    CBSEENHN8000611

    दो स्वरों के मेल से होनेवाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं; जैसे-रवीन्द्र = रवि + इन्द्र। इस संधि में इ+इ = ई हुई है। इसे दीर्घ संधि कहते हैं। दीर्घ स्वर संधि के और उदाहरण खोजकर लिखिए। मुख्य रूप से स्वर संधियाँ चार प्रकार की मानी गई हैं-दीर्घ, गुण, वृद्धि और यण।
    ह्र्स्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, आ आए तो ये आपस में मिलकर क्रमश : दीर्घ आ, ई, ऊ हो जाते हैं, इसी कारण इस संधि को दीर्घ संधि कहते हैं; जैसे-संग्रह + आलय = संग्रहालय, महा + आत्मा= महात्मा।
    इस प्रकार के कम-से-कम बस उदाहरण खोजकर लिखिए और अपनी शिक्षिका-शिक्षक को दिखाइए।

    Solution
    विद्या + आलय = विद्यालय
    हिम + आलय = हिमालय
    कपि + इंद्र = कपींद्र
    साधु + उपदेश = साधूपदेश
    लघु + उर्मि = लघूर्मि
    सु + उक्ति = सूक्ति
    महा + आशय = महाशय
    हरि + इंद्र = हरींद्र
    अभि + इष्ट = अभीष्ट
    जानकी + ईश = जानकीश
    Question 16
    CBSEENHN8000612

    ‘चिट्टियों की दुनिया अनूठी है’ कैसे?

    Solution
    चिट्ठियों की दुनिया अनूठी अर्थात् निराली है। वर्तमान में भी संदेश भेजने का सर्वोत्तम साधन पत्रों को ही माना जाता है। भले ही फोन, एस.एम.एस., फैक्स, ई-मेल आदि ने संचार के साधनों में अपना विशेष स्थान बनाया है लेकिन पत्र के महत्त्व को कम नहीं कर सके। आज भी राजनीति, साहित्य व कला में प्रमुख कार्य पत्रों के आधार पर ही किए जाते हैं। पत्र स्थाई, भावनाप्रद व लिखित प्रमाण होते हैं।
    Question 17
    CBSEENHN8000613

    हरकारे कौन होते थे?

    Solution
    वे आदमी जो डाक अपने थैले में डालकर मीलों दूर दौड़-दौड़कर दूर गाँवों में चिट्ठियाँ पहुँचाया करते थे।

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    Question 18
    CBSEENHN8000614

    परिवहन साधनों के विकास ने डाक विभाग को कैसे प्रभावित किया है?

    Solution
    परिवहन साधनों की दिन-प्रतिदिन उन्नति ने डाक व्यवस्था को अत्यधिक प्रभावित किया है। जहाँ पहले मनुष्यों द्वारा भाग- भाग कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर पत्र पहुँचाए जाते थे। वहीं अब पत्रों को बसों, रेलगाड़ियों, हवाई जहाजों से जल्द-से-जल्द पहुँचाया जाता है।
    Question 19
    CBSEENHN8000615

    कौन-से पक्षी का नाम डाक व्यवस्था से जुड़ा है और क्यों?

    Solution
    कबूतर का नाम डाक व्यवस्था के साथ जुड़ा है। यह एक ऐसा पक्षी है जिसके पंजे में पत्र को बाँधकर लटकाया जाता था। वह उड़कर पत्र को उसी स्थान पर पहुँचा देता था जहाँ पत्र भेजना होता था। मुगल राजा-महाराजाओं के समय कबूतर अच्छे संदेशवाहक माने जाते थे।
    Question 20
    CBSEENHN8000616

    किन पत्रों का संकलन किया जाता है और क्यों?

    Solution
    जो पत्र भविष्य में हमारे लिए उपयोगी हो सकते हैं उनका संकलन किया जाता है।
    Question 26
    CBSEENHN8000622

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    पत्रों की दुनिया भी अजीबो-गरीब है और उसकी उपयोगिता हमेशा से बनी रही है। पत्र जाे काम कर सकते हैं, वह संचार का आधुनिकतम साधन नहीं कर सकता है। पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश कहाँ दे सकता है। पत्र एक नया सिलसिला शुरू करते हैं और राजनीति, साहित्य तथा कला के क्षेत्रों में तमाम विवाद और नयी घटनाओं की जड़ भी पत्र ही होते हैं। दुनिया का तमाम साहित्य पत्रों पर केंद्रित है और मानव सभ्यता के विकास में इन पत्रों में अनूठी भूमिका निभाई है।

    ‘पत्र’ से आप क्या समझते हैं?

    • लिखित प्रारूप
    • एक पुस्तक
    • समाचार-पत्र
    • पोस्टकार्ड

    Solution

    A.

    लिखित प्रारूप
    Question 27
    CBSEENHN8000623

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    पत्रों की दुनिया भी अजीबो-गरीब है और उसकी उपयोगिता हमेशा से बनी रही है। पत्र जाे काम कर सकते हैं, वह संचार का आधुनिकतम साधन नहीं कर सकता है। पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश कहाँ दे सकता है। पत्र एक नया सिलसिला शुरू करते हैं और राजनीति, साहित्य तथा कला के क्षेत्रों में तमाम विवाद और नयी घटनाओं की जड़ भी पत्र ही होते हैं। दुनिया का तमाम साहित्य पत्रों पर केंद्रित है और मानव सभ्यता के विकास में इन पत्रों में अनूठी भूमिका निभाई है।

    आधुनिक संचार के साधन पत्रों का मुकाबला क्यों नहीं करते?
    • अस्थायी होते हैं
    • पूर्ण गोपनीय नहीं होते
    • पूरी तरह से भावनाओं को उजागर नहीं करते
    • दिए गए सभी

    Solution

    D.

    दिए गए सभी
    Question 28
    CBSEENHN8000624

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    पत्रों की दुनिया भी अजीबो-गरीब है और उसकी उपयोगिता हमेशा से बनी रही है। पत्र जाे काम कर सकते हैं, वह संचार का आधुनिकतम साधन नहीं कर सकता है। पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश कहाँ दे सकता है। पत्र एक नया सिलसिला शुरू करते हैं और राजनीति, साहित्य तथा कला के क्षेत्रों में तमाम विवाद और नयी घटनाओं की जड़ भी पत्र ही होते हैं। दुनिया का तमाम साहित्य पत्रों पर केंद्रित है और मानव सभ्यता के विकास में इन पत्रों में अनूठी भूमिका निभाई है।

    कौन-कौन से क्षेत्र पत्रों पर ही निर्भर हैं?
    • भौतिकी, रसायन व जीवविज्ञान
    • अर्थशास्त्रीय
    • राजनीति, साहित्य व कला
    • इनमें से कोई नहीं

    Solution

    C.

    राजनीति, साहित्य व कला
    Question 29
    CBSEENHN8000625

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    पत्रों की दुनिया भी अजीबो-गरीब है और उसकी उपयोगिता हमेशा से बनी रही है। पत्र जाे काम कर सकते हैं, वह संचार का आधुनिकतम साधन नहीं कर सकता है। पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश कहाँ दे सकता है। पत्र एक नया सिलसिला शुरू करते हैं और राजनीति, साहित्य तथा कला के क्षेत्रों में तमाम विवाद और नयी घटनाओं की जड़ भी पत्र ही होते हैं। दुनिया का तमाम साहित्य पत्रों पर केंद्रित है और मानव सभ्यता के विकास में इन पत्रों में अनूठी भूमिका निभाई है।

    पत्रों की क्या विशेषता होती है?
    • ये सुंदर होते हैं।
    • ये लिखित और स्थायी होते हैं।
    • ये किसी एक विशेष के लिए होते हैं।

    • ये आसानी से पहुँचाए जा सकते हैं।

    Solution

    B.

    ये लिखित और स्थायी होते हैं।
    Question 30
    CBSEENHN8000626

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    पत्रों की दुनिया भी अजीबो-गरीब है और उसकी उपयोगिता हमेशा से बनी रही है। पत्र जाे काम कर सकते हैं, वह संचार का आधुनिकतम साधन नहीं कर सकता है। पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश कहाँ दे सकता है। पत्र एक नया सिलसिला शुरू करते हैं और राजनीति, साहित्य तथा कला के क्षेत्रों में तमाम विवाद और नयी घटनाओं की जड़ भी पत्र ही होते हैं। दुनिया का तमाम साहित्य पत्रों पर केंद्रित है और मानव सभ्यता के विकास में इन पत्रों में अनूठी भूमिका निभाई है।

    मानव सभ्यता के विकास में पत्रों ने अनुठी भूमिका कैसे निभाई है?
    • पत्र संदेशवाहक माने जाते हैं।
    • पत्रों ने ही एक पीढ़ी का ज्ञान दूसरी पीढ़ी को दिया है।
    • पत्रों ने विकास का स्तर निश्चित किया है।
    • पत्रों ने विकास के स्तर को बढ़ाया है।

    Solution

    B.

    पत्रों ने ही एक पीढ़ी का ज्ञान दूसरी पीढ़ी को दिया है।
    Question 31
    CBSEENHN8000627

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    डाक व्यवस्था के सुधार के साथ पत्रों को सही दिशा देने के लिए विशेष प्रयास किए गए। पत्र संस्कृति विकसित करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रमों पत्र लेखन का विषय भी शामिल किया गया। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में ये प्रयास चले और विश्व डाक संघ ने अपनी ओर से भी काफी प्रयास किए। विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयु- वर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का सिलसिला सन् 1972 से शुरू किया गया। यह सही है कि खास तौर पर बड़े शहरों और महानगरों में संचार साधनों के तेज़ विकास तथा अन्य कारणों से पत्रों की आवाजाही प्रभावित हुई है पार देहाती दुनिया आज भी चिट्ठियों से ही चल रही है। फैक्स, ई-मेल. टेलीफोन तथा मोबाइल ने चिट्ठियों की तेजी को रोका है पर व्यापारिक डाक की संख्या लगातार बढ़ रही है।

    डाक व्यवस्था के सुधार के साथ पत्रों को सही दिशा देने का प्रयास क्या किया गया है?

    • ताकि पत्र नए तरीके से लिखे जाएँ।
    • ताकि पत्रों का नया रूप लोगों के समक्ष आए।
    • ताकि पत्र लिखने की विधा नए संचार साधनो में समाप्त न हो जाए।
    • ताकि लोग पत्र लिखना भूल न जाएँ।

    Solution

    C.

    ताकि पत्र लिखने की विधा नए संचार साधनो में समाप्त न हो जाए।
    Question 32
    CBSEENHN8000628

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    डाक व्यवस्था के सुधार के साथ पत्रों को सही दिशा देने के लिए विशेष प्रयास किए गए। पत्र संस्कृति विकसित करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रमों पत्र लेखन का विषय भी शामिल किया गया। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में ये प्रयास चले और विश्व डाक संघ ने अपनी ओर से भी काफी प्रयास किए। विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयु- वर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का सिलसिला सन् 1972 से शुरू किया गया। यह सही है कि खास तौर पर बड़े शहरों और महानगरों में संचार साधनों के तेज़ विकास तथा अन्य कारणों से पत्रों की आवाजाही प्रभावित हुई है पार देहाती दुनिया आज भी चिट्ठियों से ही चल रही है। फैक्स, ई-मेल. टेलीफोन तथा मोबाइल ने चिट्ठियों की तेजी को रोका है पर व्यापारिक डाक की संख्या लगातार बढ़ रही है।

    पत्र संस्कृति के विकास हेतु क्या-क्या कदम उठाए गए हैं?

    • पत्रों के आकार में परिवर्तन किया गया है।
    • पत्रो को पहुँचाने का माध्यम समयानुसार बदला जाता है।
    • इन्हें स्कूली पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है साथ ही विश्व डाक संघ इसे बढ़ावा देने हेतु विभिन्न कदम उठाता है।
    • उपर्युक्त सभी।

    Solution

    C.

    इन्हें स्कूली पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया है साथ ही विश्व डाक संघ इसे बढ़ावा देने हेतु विभिन्न कदम उठाता है।
    Question 33
    CBSEENHN8000629

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    डाक व्यवस्था के सुधार के साथ पत्रों को सही दिशा देने के लिए विशेष प्रयास किए गए। पत्र संस्कृति विकसित करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रमों पत्र लेखन का विषय भी शामिल किया गया। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में ये प्रयास चले और विश्व डाक संघ ने अपनी ओर से भी काफी प्रयास किए। विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयु- वर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का सिलसिला सन् 1972 से शुरू किया गया। यह सही है कि खास तौर पर बड़े शहरों और महानगरों में संचार साधनों के तेज़ विकास तथा अन्य कारणों से पत्रों की आवाजाही प्रभावित हुई है पार देहाती दुनिया आज भी चिट्ठियों से ही चल रही है। फैक्स, ई-मेल. टेलीफोन तथा मोबाइल ने चिट्ठियों की तेजी को रोका है पर व्यापारिक डाक की संख्या लगातार बढ़ रही है।

    देहाती दुनिया आज भी पत्रों पर क्यों चलती है?
    • क्योंकि वे लोग नवीनीकरण नहीं चाहते।
    • क्योंकि वे नवीन साधनों से परिचित नहीं।
    • क्योंकि नवीन साधन उन तक पहुँचे नहीं।
    • क्योंकि वे शहरों से कटे हुए हैं।

    Solution

    C.

    क्योंकि नवीन साधन उन तक पहुँचे नहीं।
    Question 34
    CBSEENHN8000630

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    डाक व्यवस्था के सुधार के साथ पत्रों को सही दिशा देने के लिए विशेष प्रयास किए गए। पत्र संस्कृति विकसित करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रमों पत्र लेखन का विषय भी शामिल किया गया। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में ये प्रयास चले और विश्व डाक संघ ने अपनी ओर से भी काफी प्रयास किए। विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयु- वर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का सिलसिला सन् 1972 से शुरू किया गया। यह सही है कि खास तौर पर बड़े शहरों और महानगरों में संचार साधनों के तेज़ विकास तथा अन्य कारणों से पत्रों की आवाजाही प्रभावित हुई है पार देहाती दुनिया आज भी चिट्ठियों से ही चल रही है। फैक्स, ई-मेल. टेलीफोन तथा मोबाइल ने चिट्ठियों की तेजी को रोका है पर व्यापारिक डाक की संख्या लगातार बढ़ रही है।

    चिट्ठियों की तेजी को किसने रोका है?
    • नवीन संचार साधनों ने (ई मेल, फैक्स, टेलीफोन व मोबाइल आदि)
    • सरकार ने
    • विदेशी सभ्यता ने
    • लोगों की सोच ने

    Solution

    A.

    नवीन संचार साधनों ने (ई मेल, फैक्स, टेलीफोन व मोबाइल आदि)
    Question 35
    CBSEENHN8000631

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    डाक व्यवस्था के सुधार के साथ पत्रों को सही दिशा देने के लिए विशेष प्रयास किए गए। पत्र संस्कृति विकसित करने के लिए स्कूली पाठ्यक्रमों पत्र लेखन का विषय भी शामिल किया गया। भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में ये प्रयास चले और विश्व डाक संघ ने अपनी ओर से भी काफी प्रयास किए। विश्व डाक संघ की ओर से 16 वर्ष से कम आयु- वर्ग के बच्चों के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित करने का सिलसिला सन् 1972 से शुरू किया गया। यह सही है कि खास तौर पर बड़े शहरों और महानगरों में संचार साधनों के तेज़ विकास तथा अन्य कारणों से पत्रों की आवाजाही प्रभावित हुई है पार देहाती दुनिया आज भी चिट्ठियों से ही चल रही है। फैक्स, ई-मेल. टेलीफोन तथा मोबाइल ने चिट्ठियों की तेजी को रोका है पर व्यापारिक डाक की संख्या लगातार बढ़ रही है।

    किस क्षेत्र में डाक चिट्ठियों का चलन सबसे अधिक है?
    • राजनैतिक क्षेत्र में
    • व्यापारिक क्षेत्र में
    • सामाजिक क्षेत्र में
    • धार्मिक क्षेत्र में

    Solution

    B.

    व्यापारिक क्षेत्र में
    Question 36
    CBSEENHN8000632

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जहाँ तक पत्रों का सवाल है, अगर आप बारीकी से उसकी तह में जाएँ तो आपको ऐसा कोई नहीं मिलेगा जिसने कभी किसी को पत्र न लिखा या न लिखाया हो या पत्रों का बेसब्री से जिसने इंतजार न किया हो। हमारे सैनिक तो पत्रों का जिस उत्सुकता से इंतजार करते हैं, उसकी कोई मिसाल ही नहीं। एक दौर था जब लोग पत्रों का महीनों इंतजार करते थे पर अब वह बात नहीं। परिवहन साधनों के विकास ने दूरी बहुत घटा दी है। पहले लोगों के लिए संचार का इकलौता साधन चिट्ठी ही थी पर आज और भी साधन विकसित हो चुके हैं।

    सभी के मन में पत्रों की उत्सुकता क्यों बनी रहती है?

    • क्योंकि हर कोई कुछ नया पढ़ना चाहता है।
    • क्योंकि हर कोई डाक संचार के साधनों से परिचित होना चाहता है।
    • क्योंकि हर कोई अपने रिश्ते-नातों के सुख-दुख के संदेश पाना चाहता है।
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    C.

    क्योंकि हर कोई अपने रिश्ते-नातों के सुख-दुख के संदेश पाना चाहता है।
    Question 37
    CBSEENHN8000633

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जहाँ तक पत्रों का सवाल है, अगर आप बारीकी से उसकी तह में जाएँ तो आपको ऐसा कोई नहीं मिलेगा जिसने कभी किसी को पत्र न लिखा या न लिखाया हो या पत्रों का बेसब्री से जिसने इंतजार न किया हो। हमारे सैनिक तो पत्रों का जिस उत्सुकता से इंतजार करते हैं, उसकी कोई मिसाल ही नहीं। एक दौर था जब लोग पत्रों का महीनों इंतजार करते थे पर अब वह बात नहीं। परिवहन साधनों के विकास ने दूरी बहुत घटा दी है। पहले लोगों के लिए संचार का इकलौता साधन चिट्ठी ही थी पर आज और भी साधन विकसित हो चुके हैं।

    सैनिक पत्रों का इतंजार क्यों करते हैं?
    • ताकि वे पत्र को बार-बार पढ़कर मन बहला सके।
    • क्योंकि घर का समाचार पाने हेतु कई इलाकों में फोन या ई-मेल की सुविधा नहीं है।
    • घर के सभी समाचारों की जानकारी विस्तृत रूप में ले सके।
    • उपर्युक्त सभी।

    Solution

    B.

    क्योंकि घर का समाचार पाने हेतु कई इलाकों में फोन या ई-मेल की सुविधा नहीं है।
    Question 38
    CBSEENHN8000634

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जहाँ तक पत्रों का सवाल है, अगर आप बारीकी से उसकी तह में जाएँ तो आपको ऐसा कोई नहीं मिलेगा जिसने कभी किसी को पत्र न लिखा या न लिखाया हो या पत्रों का बेसब्री से जिसने इंतजार न किया हो। हमारे सैनिक तो पत्रों का जिस उत्सुकता से इंतजार करते हैं, उसकी कोई मिसाल ही नहीं। एक दौर था जब लोग पत्रों का महीनों इंतजार करते थे पर अब वह बात नहीं। परिवहन साधनों के विकास ने दूरी बहुत घटा दी है। पहले लोगों के लिए संचार का इकलौता साधन चिट्ठी ही थी पर आज और भी साधन विकसित हो चुके हैं।

    अब पत्रों का इतंजार महीनों क्यों नहीं करना पड़ता?
    • संचार के साधन अधिक होने के कारण।
    • यातायात के साधन सुलभ व तेज होने के कारण।
    • पत्रों का प्रचलन कम होने के कारण।
    • डाकियों की संख्या बढ़ जाने के कारण।

    Solution

    B.

    यातायात के साधन सुलभ व तेज होने के कारण।
    Question 39
    CBSEENHN8000635

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जहाँ तक पत्रों का सवाल है, अगर आप बारीकी से उसकी तह में जाएँ तो आपको ऐसा कोई नहीं मिलेगा जिसने कभी किसी को पत्र न लिखा या न लिखाया हो या पत्रों का बेसब्री से जिसने इंतजार न किया हो। हमारे सैनिक तो पत्रों का जिस उत्सुकता से इंतजार करते हैं, उसकी कोई मिसाल ही नहीं। एक दौर था जब लोग पत्रों का महीनों इंतजार करते थे पर अब वह बात नहीं। परिवहन साधनों के विकास ने दूरी बहुत घटा दी है। पहले लोगों के लिए संचार का इकलौता साधन चिट्ठी ही थी पर आज और भी साधन विकसित हो चुके हैं।

    आज संचार के कौन-कौन से साधन विकसित हो चुके हैं?
    • फोन, ई-मेल, फैक्स, मोबाइल
    • फोन, टी.वी, फैक्स, मोबाइल
    • फोन, ई-मेल, कंप्यूटर, फैक्स
    • फोन, ई-मेल, समाचार-पत्र, फैक्स

    Solution

    A.

    फोन, ई-मेल, फैक्स, मोबाइल

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    Question 40
    CBSEENHN8000636

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जहाँ तक पत्रों का सवाल है, अगर आप बारीकी से उसकी तह में जाएँ तो आपको ऐसा कोई नहीं मिलेगा जिसने कभी किसी को पत्र न लिखा या न लिखाया हो या पत्रों का बेसब्री से जिसने इंतजार न किया हो। हमारे सैनिक तो पत्रों का जिस उत्सुकता से इंतजार करते हैं, उसकी कोई मिसाल ही नहीं। एक दौर था जब लोग पत्रों का महीनों इंतजार करते थे पर अब वह बात नहीं। परिवहन साधनों के विकास ने दूरी बहुत घटा दी है। पहले लोगों के लिए संचार का इकलौता साधन चिट्ठी ही थी पर आज और भी साधन विकसित हो चुके हैं।

    संचार का स्थायी साधन कौन-सा है?
    • एस.एम.एस.
    • फैक्स
    • पत्र
    • ई -मेल

    Solution

    C.

    पत्र
    Question 41
    CBSEENHN8000637

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    महात्मा गांधी के पास दुनिया भर से तमाम पत्र केवल महात्मा गांधी-इंडिया लिखे आते थे और वे जहाँ भी रहते थे वहाँ तक पहुँच जाते थे। आज़ादी के आदोलन की कई अन्य दिग्गज हस्तियों के साथ भी ऐसा ही था। गांधीजी के पास देश-दुनिया से बड़ी संख्या में पत्र पहुँचते थे पर पत्रों का जवाब देने के मामले में उनका कोई जोड़ नहीं था। कहा जाता है कि जैसे ही उन्हें पत्र मिलता था, उसी समय वे उसका जवाब भी लिख देते थे। अपने हाथों से ही ज्यादातर पत्रों का जवाव देते थे। जब लिखते-लिखते उनका दाहिना हाथ दर्द करने लगता था तो वे बाएँ हाथ से लिखने में जुट जाते थे। महात्मा गांधी ही नहीं आदोलन के तमाम नायकों के पत्र गाँव-गाँव में मिल जाते है। पत्र भेजनेवाले लोग उन पत्रों को किसी प्रशस्तिपत्र से कम नहीं मानते हैं। 

    महात्मा गाँधी को पत्र किस नाम से आते थे?

    • ‘महात्मा’
    • ‘महात्मा गाँधी’
    • ‘करम चंद गाँधी’
    • ‘महात्मा गाँधी- इंडिया’

    Solution

    D.

    ‘महात्मा गाँधी- इंडिया’
    Question 42
    CBSEENHN8000638

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    महात्मा गांधी के पास दुनिया भर से तमाम पत्र केवल महात्मा गांधी-इंडिया लिखे आते थे और वे जहाँ भी रहते थे वहाँ तक पहुँच जाते थे। आज़ादी के आदोलन की कई अन्य दिग्गज हस्तियों के साथ भी ऐसा ही था। गांधीजी के पास देश-दुनिया से बड़ी संख्या में पत्र पहुँचते थे पर पत्रों का जवाब देने के मामले में उनका कोई जोड़ नहीं था। कहा जाता है कि जैसे ही उन्हें पत्र मिलता था, उसी समय वे उसका जवाब भी लिख देते थे। अपने हाथों से ही ज्यादातर पत्रों का जवाव देते थे। जब लिखते-लिखते उनका दाहिना हाथ दर्द करने लगता था तो वे बाएँ हाथ से लिखने में जुट जाते थे। महात्मा गांधी ही नहीं आदोलन के तमाम नायकों के पत्र गाँव-गाँव में मिल जाते है। पत्र भेजनेवाले लोग उन पत्रों को किसी प्रशस्तिपत्र से कम नहीं मानते हैं। 

    गाँधीजी पत्रों का जवाब कैसे देते थे?
    • अपने कार्यकर्ताओं से लिखवाकर
    • अपने हाथ से लिखकर
    • टंकन (टाइप) विधि द्वारा
    • फोन पर

    Solution

    B.

    अपने हाथ से लिखकर
    Question 43
    CBSEENHN8000639

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    महात्मा गांधी के पास दुनिया भर से तमाम पत्र केवल महात्मा गांधी-इंडिया लिखे आते थे और वे जहाँ भी रहते थे वहाँ तक पहुँच जाते थे। आज़ादी के आदोलन की कई अन्य दिग्गज हस्तियों के साथ भी ऐसा ही था। गांधीजी के पास देश-दुनिया से बड़ी संख्या में पत्र पहुँचते थे पर पत्रों का जवाब देने के मामले में उनका कोई जोड़ नहीं था। कहा जाता है कि जैसे ही उन्हें पत्र मिलता था, उसी समय वे उसका जवाब भी लिख देते थे। अपने हाथों से ही ज्यादातर पत्रों का जवाव देते थे। जब लिखते-लिखते उनका दाहिना हाथ दर्द करने लगता था तो वे बाएँ हाथ से लिखने में जुट जाते थे। महात्मा गांधी ही नहीं आदोलन के तमाम नायकों के पत्र गाँव-गाँव में मिल जाते है। पत्र भेजनेवाले लोग उन पत्रों को किसी प्रशस्तिपत्र से कम नहीं मानते हैं। 

    गाँधीजी द्वारा लिखे पत्रों को लोग प्रशस्ति पत्र क्यों मानते थे?
    • क्योंकि उन्हें गाँधीजी के हाथ से लिखे पत्रों को पढ़कर संतुष्टि मिलती थी।
    • क्योंकि वे गाँधीजी के प्रेम को समझ पाते थे।
    • क्योंकि उन पत्रों में गांधीजी उनकी प्रशंसा करते थे।
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    A.

    क्योंकि उन्हें गाँधीजी के हाथ से लिखे पत्रों को पढ़कर संतुष्टि मिलती थी।
    Question 44
    CBSEENHN8000640

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    महात्मा गांधी के पास दुनिया भर से तमाम पत्र केवल महात्मा गांधी-इंडिया लिखे आते थे और वे जहाँ भी रहते थे वहाँ तक पहुँच जाते थे। आज़ादी के आदोलन की कई अन्य दिग्गज हस्तियों के साथ भी ऐसा ही था। गांधीजी के पास देश-दुनिया से बड़ी संख्या में पत्र पहुँचते थे पर पत्रों का जवाब देने के मामले में उनका कोई जोड़ नहीं था। कहा जाता है कि जैसे ही उन्हें पत्र मिलता था, उसी समय वे उसका जवाब भी लिख देते थे। अपने हाथों से ही ज्यादातर पत्रों का जवाव देते थे। जब लिखते-लिखते उनका दाहिना हाथ दर्द करने लगता था तो वे बाएँ हाथ से लिखने में जुट जाते थे। महात्मा गांधी ही नहीं आदोलन के तमाम नायकों के पत्र गाँव-गाँव में मिल जाते है। पत्र भेजनेवाले लोग उन पत्रों को किसी प्रशस्तिपत्र से कम नहीं मानते हैं। 

    लोग गाँधीजी के पत्रों को फ्रेम करवाकर क्यों रखते थे?


    • क्योंकि वे चाहते थे कि पत्र कभी खराब न हो।
    • एक यादगार के रूप में
    • क्योंकि वे उन्हें अमूल्य मानते थे।
    • दुसरे लोगों को दिखाने के लिए।

    Solution

    C.

    क्योंकि वे उन्हें अमूल्य मानते थे।
    Question 45
    CBSEENHN8000641

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    महात्मा गांधी के पास दुनिया भर से तमाम पत्र केवल महात्मा गांधी-इंडिया लिखे आते थे और वे जहाँ भी रहते थे वहाँ तक पहुँच जाते थे। आज़ादी के आदोलन की कई अन्य दिग्गज हस्तियों के साथ भी ऐसा ही था। गांधीजी के पास देश-दुनिया से बड़ी संख्या में पत्र पहुँचते थे पर पत्रों का जवाब देने के मामले में उनका कोई जोड़ नहीं था। कहा जाता है कि जैसे ही उन्हें पत्र मिलता था, उसी समय वे उसका जवाब भी लिख देते थे। अपने हाथों से ही ज्यादातर पत्रों का जवाव देते थे। जब लिखते-लिखते उनका दाहिना हाथ दर्द करने लगता था तो वे बाएँ हाथ से लिखने में जुट जाते थे। महात्मा गांधी ही नहीं आदोलन के तमाम नायकों के पत्र गाँव-गाँव में मिल जाते है। पत्र भेजनेवाले लोग उन पत्रों को किसी प्रशस्तिपत्र से कम नहीं मानते हैं। 

    लिखित कार्य करने में गांधीजी की क्या विशेषता थी?

    • वे बहुत गंदा लिखते थे।
    • वे जब दाएँ हाथ से लिखते-लिखते थक जाते तो बाएँ हाथ से लिखने लगते।
    • वे बहुत साफ और स्पष्ट लिखते थे।
    • वे लोगों की इच्छानुसार लिखते थे।

    Solution

    B.

    वे जब दाएँ हाथ से लिखते-लिखते थक जाते तो बाएँ हाथ से लिखने लगते।
    Question 46
    CBSEENHN8000642

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तमाम सरकारी विभागों की तुलना में सबसे ज्यादा गुडविल डाक विभाग की ही है। इसकी एक खास वजह यह भी है कि यह लोगों को जोड़ने का काम करता है। घर-घर तक इसकी पहुँच है। संचार के तमाम उन्नत साधनों के बाद भी चिट्ठी-पत्री की हैसियत बरकरार है। शहरी इलाकों में आलीशान हवेलियाँ हों या फिर झोपड़पट्टियों में रह रहे लोग, दुर्गम जंगलों से घिरे गाँव हों या फिर बर्फबारी के बीच जी रहे पहाड़ों के लोग, समुद्र तट पर रह रहे मक्मछुआरें या फिर रेगिस्तान की ढाँणियों में रह रहे लोग, आज भी खतों का ही सबसे अधिक बेसब्री से इंतजार होता है। एक दो नहीं, करोड़ों लोग खतों और अन्य सेवाओं के लिए रोज भारतीय डाकघरों के दरवाजों तक पहुँचते हैं और इसकी बहु आयामी भूमिका नजर आ रही है। दूर देहात में लाखों गरीब घरों में चूल्हे मनीआर्डर अर्थव्यवस्था से ही जलते हैं। गाँवों या गरीब बस्तियों में चिट्ठी या मनीआर्डर लेकर पहुँचनेवाला डाकिया देवदूत के रूप में देखा जाता है।

    सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा गुडविल (साख) किस विभाग की है?
    • कर विभाग की
    • डाक विभाग की
    • पूछताछ विभाग की
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    B.

    डाक विभाग की
    Question 47
    CBSEENHN8000643

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तमाम सरकारी विभागों की तुलना में सबसे ज्यादा गुडविल डाक विभाग की ही है। इसकी एक खास वजह यह भी है कि यह लोगों को जोड़ने का काम करता है। घर-घर तक इसकी पहुँच है। संचार के तमाम उन्नत साधनों के बाद भी चिट्ठी-पत्री की हैसियत बरकरार है। शहरी इलाकों में आलीशान हवेलियाँ हों या फिर झोपड़पट्टियों में रह रहे लोग, दुर्गम जंगलों से घिरे गाँव हों या फिर बर्फबारी के बीच जी रहे पहाड़ों के लोग, समुद्र तट पर रह रहे मक्मछुआरें या फिर रेगिस्तान की ढाँणियों में रह रहे लोग, आज भी खतों का ही सबसे अधिक बेसब्री से इंतजार होता है। एक दो नहीं, करोड़ों लोग खतों और अन्य सेवाओं के लिए रोज भारतीय डाकघरों के दरवाजों तक पहुँचते हैं और इसकी बहु आयामी भूमिका नजर आ रही है। दूर देहात में लाखों गरीब घरों में चूल्हे मनीआर्डर अर्थव्यवस्था से ही जलते हैं। गाँवों या गरीब बस्तियों में चिट्ठी या मनीआर्डर लेकर पहुँचनेवाला डाकिया देवदूत के रूप में देखा जाता है।

    डाक विभाग की क्या विशेषता है?
    • लोगों को जोड़ने का कार्य करते हैं।
    • घर-घर तक इसकी पहुँच है।
    • हर व्यक्ति इस संचार साधन से परिचित है।
    • दिए गए सभी।

    Solution

    D.

    दिए गए सभी।
    Question 48
    CBSEENHN8000644

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तमाम सरकारी विभागों की तुलना में सबसे ज्यादा गुडविल डाक विभाग की ही है। इसकी एक खास वजह यह भी है कि यह लोगों को जोड़ने का काम करता है। घर-घर तक इसकी पहुँच है। संचार के तमाम उन्नत साधनों के बाद भी चिट्ठी-पत्री की हैसियत बरकरार है। शहरी इलाकों में आलीशान हवेलियाँ हों या फिर झोपड़पट्टियों में रह रहे लोग, दुर्गम जंगलों से घिरे गाँव हों या फिर बर्फबारी के बीच जी रहे पहाड़ों के लोग, समुद्र तट पर रह रहे मक्मछुआरें या फिर रेगिस्तान की ढाँणियों में रह रहे लोग, आज भी खतों का ही सबसे अधिक बेसब्री से इंतजार होता है। एक दो नहीं, करोड़ों लोग खतों और अन्य सेवाओं के लिए रोज भारतीय डाकघरों के दरवाजों तक पहुँचते हैं और इसकी बहु आयामी भूमिका नजर आ रही है। दूर देहात में लाखों गरीब घरों में चूल्हे मनीआर्डर अर्थव्यवस्था से ही जलते हैं। गाँवों या गरीब बस्तियों में चिट्ठी या मनीआर्डर लेकर पहुँचनेवाला डाकिया देवदूत के रूप में देखा जाता है।

    मनीआर्डर क्या होता है?
    • धन का आर्डर करना
    • किसी स्थान से धन पा जाना
    • डाकघर द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर डाकिए द्वारा धन भेजना
    • धन देकर पत्र छुड़ाना।

    Solution

    C.

    डाकघर द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर डाकिए द्वारा धन भेजना
    Question 49
    CBSEENHN8000645

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तमाम सरकारी विभागों की तुलना में सबसे ज्यादा गुडविल डाक विभाग की ही है। इसकी एक खास वजह यह भी है कि यह लोगों को जोड़ने का काम करता है। घर-घर तक इसकी पहुँच है। संचार के तमाम उन्नत साधनों के बाद भी चिट्ठी-पत्री की हैसियत बरकरार है। शहरी इलाकों में आलीशान हवेलियाँ हों या फिर झोपड़पट्टियों में रह रहे लोग, दुर्गम जंगलों से घिरे गाँव हों या फिर बर्फबारी के बीच जी रहे पहाड़ों के लोग, समुद्र तट पर रह रहे मक्मछुआरें या फिर रेगिस्तान की ढाँणियों में रह रहे लोग, आज भी खतों का ही सबसे अधिक बेसब्री से इंतजार होता है। एक दो नहीं, करोड़ों लोग खतों और अन्य सेवाओं के लिए रोज भारतीय डाकघरों के दरवाजों तक पहुँचते हैं और इसकी बहु आयामी भूमिका नजर आ रही है। दूर देहात में लाखों गरीब घरों में चूल्हे मनीआर्डर अर्थव्यवस्था से ही जलते हैं। गाँवों या गरीब बस्तियों में चिट्ठी या मनीआर्डर लेकर पहुँचनेवाला डाकिया देवदूत के रूप में देखा जाता है।

    डाकिए का क्या नाम दिया जाता है?
    • संदेशवाहक
    • देवदूत
    • देवव्रत
    • अन्य

    Solution

    B.

    देवदूत
    Question 50
    CBSEENHN8000646

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    तमाम सरकारी विभागों की तुलना में सबसे ज्यादा गुडविल डाक विभाग की ही है। इसकी एक खास वजह यह भी है कि यह लोगों को जोड़ने का काम करता है। घर-घर तक इसकी पहुँच है। संचार के तमाम उन्नत साधनों के बाद भी चिट्ठी-पत्री की हैसियत बरकरार है। शहरी इलाकों में आलीशान हवेलियाँ हों या फिर झोपड़पट्टियों में रह रहे लोग, दुर्गम जंगलों से घिरे गाँव हों या फिर बर्फबारी के बीच जी रहे पहाड़ों के लोग, समुद्र तट पर रह रहे मक्मछुआरें या फिर रेगिस्तान की ढाँणियों में रह रहे लोग, आज भी खतों का ही सबसे अधिक बेसब्री से इंतजार होता है। एक दो नहीं, करोड़ों लोग खतों और अन्य सेवाओं के लिए रोज भारतीय डाकघरों के दरवाजों तक पहुँचते हैं और इसकी बहु आयामी भूमिका नजर आ रही है। दूर देहात में लाखों गरीब घरों में चूल्हे मनीआर्डर अर्थव्यवस्था से ही जलते हैं। गाँवों या गरीब बस्तियों में चिट्ठी या मनीआर्डर लेकर पहुँचनेवाला डाकिया देवदूत के रूप में देखा जाता है।

    डाकिए को देवदूत मानने का कारण क्या है?
    • क्योंकि वह लोगों के लिए अच्छे-अच्छे तोहफे लाता है।
    • क्योंकि वह ईश्वर के दूत की भाँति अच्छे-बुरे संदेश लाता है।
    • क्योंकि यह स्वर्गलोक से आता है।
    • क्योकि वह दुख का समाचार देने से भी नहीं कतरता।

    Solution

    B.

    क्योंकि वह ईश्वर के दूत की भाँति अच्छे-बुरे संदेश लाता है।

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