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निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिये-
काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?
ख्यूक्रिन नामक एक सुनार को कुत्ते ने काट लिया। उसने गिरते-पड़ते कुत्ते की टांग को पकड़ा और चीखा 'मत जाने दो' उसके चीखने की आवाज़ सुनकर भीड़ इकट्ठी हो गई
ख्यूक्रिन पेशे से सुनार था इसलिए उसका काम भी पेचीदा था यदि उसकी उँगली ठीक न होती तो वह काम नहीं कर पाता। अत: उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान होता।
कुत्ते के काटने पर ख्यूक्रिन ने उसकी टांग पकड़ ली थी और उसे वह घसीट रहा था इसलिए कुत्ता किकिया रहा था।
बाजार के चौराहे पर ख़ामोशी इसलिए थी क्योंकि उस रास्ते एक भ्रष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव गुजर रहा था जो की जबरन वसूली करने के लिए प्रसिद्ध था। साथ ही उस समय खरीदारों की कमी के कारण भी बाज़ार के चौराहे पर ख़ामोशी थी।
जनरल साहब के बावर्ची ने कुत्ते के बारे में बताया कि वह कुत्ता जनरल साहब के भाई का है।
ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने के लिए स्वयं को कामकाज़ी बताते हुए दलील दी कि उसका काम पेचीदा है। हफ़्ते भर तक वह काम नहीं कर पाएगा, उसका नुकसान होगा। इसलिए कुत्ते के मालिक से उसे हरज़ाना मिलना चाहिए।
ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को उँगली उठाने का कारण बताया कि वह लकड़ी लेकर चुपचाप अपना कुछ काम कर रहा था तब अचानक एक पिल्ले ने आकर उसकी उँगली काट ली।
येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए कहा कि ख्यूक्रिन हमेशा कोई-न-कोई शरारत करता रहता है इसी ने जलती सिगरेट कुत्ते की नाक में डाली होगी, इसलिए कुत्ते ने इसे काट दिया होगा क्योंकि बिना कारण तो कुत्ता भी किसी को काटता नहीं है।
ओचुमेलॉव एक चापलूस किस्म का सिपाही था। उसने यह संदेश भिजवाया ताकि वह जनरल साहब की नजर में ऊपर उठ सके, वे उसे एक बेहतर इंस्पेक्टर माने और साथ ही वह यह भी बताना चाहता था कि उसे जनरल साहब और उनके कुत्ते का कितना ख्याल है।
ख्यूक्रिन कहाँ तो अपनी उँगली के लिए हरजाना माँगने की बात कर रहा था परन्तु यहाँ तो ओचुमेलॉव ने जनरल को खुश करने के लिए उल्टे उस पर ही दोष मढ़ दिया और उसे डरा धमकाकर भगाने का प्रयास कर रहा था। जिसके कारण सारी खड़ी भीड़ ख्यूक्रिन पर हँसने लगी।
ओचुमेलॉव चापलूस सिपाही है। जब ख्यूक्रिन की उँगली कटती है तो कुत्ते के मालिक को भला बुरा कहता है, उसे मज़ा चखाने तक की बात करता है परन्तु जैसे ही उसे पता चलता है कुत्ता जनरल साहब या उनके भाई का है। वह एकदम बदल गया और ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहराने लगा कि किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी और इल्ज़ाम कुत्ते पर लगा रहा है। ऐसा कहकर अपने अफसरों को खुश करने का तथ्य सामने आता है।
ओचुमेलॉव एक दोहरे व्यक्तित्व, चापलूस, शातिर और मौका परस्त चरित्र का व्यक्ति है। वह अवसर वादी भी है। दुकानदारों से जबरन चीज़ें ऐठता है। वह एक कर्तव्यहीन इंसान है अपने फायदे के लिए वह लोगों के साथ अन्याय करता है, अपने पद का लाभ उठाने के लिए वह ख्यूक्रिन पर दोष लगाता है और कुत्ते को ज़बरदस्ती जनरल साहब के घर भिजवाता है।
ओचुमेलॉव पहले जिस कुत्ते को भद्दा, मरियल और आवारा कुत्ता कहता है और गोली मारने की बात करता है परन्तु जैसे ही उसे पता चलता है कि वह कुत्ता जनरल साहब के भाई का है - उसके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है। वह उसे वह 'सुंदर डॉगी' कहकर संबोधित करने लगता है। वह उस 'खूबसूरत नन्हे पिल्ले' को जनरल साहब तक पहुँचाने के लिए कहने लगा। उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह जानता था कि यह खबर जनरल साहब तक पहुँचेगी और वे खुश होंगे।
ख्यूक्रिन का यह कथन कि 'मेरा एक भाई भी पुलिस में है' इस ओर संकेत करता हैं कि अगर आपके परिचित किसी उच्चे पद पर कार्यरत हों तो आप अपनी बात प्रभावशाली ढंग से रख सकते हैं। ये समाज में पहले जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली लोकक्ति की ओर संकेत करता है। आज भी लोग जान-पहचान ऊँचे ओहदों का प्रयोग करके कई सारे गलत कामों को अंजाम देते हैं। इसलिए इस कथन को कहकर इंस्पेक्टर पर वो अपना प्रभाव जमाना चाहता है।
इस कहानी का शीर्षक गिरगिट इसलिए रखा गया होगा क्योंकि जिस प्रकार गिरगिट समयनुसार अपना रंग बदलने में माहिर है ठीक उसी प्रकार ओचुमेलॉव भी मौके के अनुसार अपना रंग बदल देता है। पहले तो कुत्ते को भला बुरा कहता है, गोली मारने की बात करता है परन्तु जनरल के भाई के कुत्ते होने का पता लगते ही वह बदल जाता है।
इस पाठ के लिए कुछ अन्य नाम अवसरवादी, चापलूसी या रंग-बदलू आदि भी हो सकते है।
मेरे अनुसार यह सारे शीर्षक पाठ को दिए जा सकते हैं क्योंकि आज के इस अवसरवादी युग में सभी उचित समय और मौके को देखकर अपने स्वभाव में परिवर्तन कर देते हैं ।
गिरगिट कहानी के माध्यम से समाज की विसंगतियों जैसे भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, भाई-भतीजावाद, अवसरवादिता आदि पर व्यंग्य किया गया है। कमजोर लोगों को न्याय प्राप्त नहीं होता। लोग सच्चाई का साथ ना देकर उच्चे पद पर आसीन लोगों चापलूसी करते हैं। पूरी शासन व्यवस्था पक्षपात पर टिकी है। सच्ची राह पर चलने वाले ईमानदार व्यक्ति को अनेकों मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
ऐसी विसगतियाँ हम अपने समाज में भी देखते हैं। समचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों में इसी तरह की खबरें छायी रहती हैं जहाँ लोग अवसरवादिता को सच्चाई से ज्यादा महत्व देते हैं।
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
उसकी आँसुओं से सनी आँखों में संकट और आतंक की गहरी छाप थी।
ख्यूक्रिन ने कुत्ते को बुरी तरह पीटा और घसीटा था जिससे वह बहुत डरा और घबराया हुआ था। उसकी आँखों से आंसू टपक रहे थे जिससे साफ़ पता चलता था की वह ख्यूक्रिन का आतंक उसमे समाया हुआ है। अर्थात् इस पंक्ति का आशय यह है कि कुत्ता अपने ऊपर आनेवाले संकट से घबराया हुआ था।
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निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
कानून सम्मत तो यही है... कि सब लोग अब बराबर हैं।
ख्यूक्रिन एक आम आदमी था। जब यह पता चला कि यह कुत्ता जनरल का है तो वह कानून की दुहाई देने लगा कि कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए। इस पंक्ति का यह आशय है कि कानून की नज़र में सभी लोग बराबर होते हैं। न्याय गरीब और अमीर नहीं देखता है। सभी को उचित न्याय पाने का हक़ है।
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
हुज़ूर! यह तो जनशांति भंग हो जाने जैसा कुछ दिख रहा है।
इस पंक्ति का आशय यह है कि बाज़ार के पसरे हुए सन्नाटे में अचानक ख्यूक्रिन के चिल्लाने के कारण भीड़ जमा हो गयी थी ऐसा लग रहा था मानो कोई दंगा हो गया है। इस स्थिति को निपटाने के लिए चापलूस सिपाही ने इंस्पेक्टर से कहा कि जैसे जनशांति भंग होती है उसी तरह उस समय शांति भंग होती दिखाई दे रही थी।
(क) माँ ने पूछा 'बच्चों कहाँ जा रहे हो?'
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था।
(ग) हाय राम! यह क्या हो गया?
(घ) रीना, सुहेल, कविता और शेखर खेल रहे थे।
(ङ) सिपाही ने कहा 'ठहर तुझे अभी मज़ा चखाता हूँ।'
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित अंश पर ध्यान दीजिए -
• मेरा एक भाई भी पुलिस में है।
• यह तो अति सुंदर 'डॉगी' है।
• कल ही मैंने बिलकुल इसी की तरह का एक कुत्ता उनके आँगन में देखा था।
वाक्य के रेखांकित अंश 'निपात' कहलाते हैं जो वाक्य के मुख्य अर्थ पर बल देते हैं। वाक्य में इनसे पता चलता है कि किस बात पर बल दिया जा रहा है और वाक्य क्या अर्थ दे रहा है। वाक्य में जो अव्यय किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष प्रकार का बल या भाव उत्पन्न करने में सहायता करते हैं उन्हें निपात कहते हैं; जैसे-ही, भी, तो, तक आदि
ही, भी, तो, तक आदि निपातों का प्रयोग करते हुए पाँच वाक्य बनाइए।
ही - भूकंप आते ही दीवार में दरार पड़ गई।
भी - आप कल भी दूध दे जाना।
तो - तुमने तो संदेश नहीं दिया।
तक - राधा ने मेरी तरफ़ देखा तक नहीं।
भी - वह खेल में भी अच्छा है।
1. मजा चखाना - अपने दुश्मनों को मजा चखाना हमें बखूबी आता है।
2. काट खाना - बीमारी के दिनों में रीना सभी को काट खाने के लिए दौड़ती थी।
3. त्योरियाँ चढ़ाना - बच्चे की शरारत को देखकर पिता की त्योरियाँ चढ़ने लगीं।
4. मत्थे मढ़ना - अपनी गलतियों को मेरे मत्थे मढ़ने की चेष्टा मत करो।
5. फायदा उठाना - गाँववाले रामू की भलमनसाहत का गलत फायदा उठाते हैं।
6. गाँठ बाँधना - माता-पिता की दी हुई नसीहतों को गाँठ बाँधकर रखना चाहिए।
नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए −
(क) ................. + भाव = .................
(ख) ................. + पसंद = .................
(ग) ................. + धारण = .................
(घ) ................. + उपस्थित = .................
(ङ) ................. + लायक = .................
(च) ................. + विश्वास = .................
(छ) ................. + परवाह = .................
(ज) ................. + कारण = .................
(क) दुर् + भाव = दुर्भाव
(ख) ना + पसंद = नापसंद
(ग) निर् + धारण = निर्धारण
(घ) अन्+ उपस्थित = अनुपस्थित
(ङ) ना + लायक = नालायक
(च) अ + विश्वास = अविश्वास
(छ) ला + परवाह = लापरवाह
(ज) अ + कारण = अकारण
नीचे दिए गए शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए-
मदद + .............. =..................
बुद्धि + ............... = ................
गंभीर + .............. = ...............
सभ्य + ............... = ...............
ठंड + ............... = ...............
प्रदर्शन + ............. = ..............
मदद + गार = मददगार
बुद्धि + मान = बुद्धिमान
गंभीर + ता = गंभीरता
सभ्य+ता = सभ्यता
ठंड+अक = ठंडक
प्रदर्शन+ई = प्रदर्शनी
नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए -
(क) दुकानों में ऊँघते हुए चेहरे बाहर झाँके।
(ख) लाल बालोंवाला एक सिपाही चला आ रहा था।
(ग) यह ख्यूक्रिन हमेशा कोई न कोई शरारत करता रहता है।
(घ) एक कुत्ता तीन टाँगों के बल रेंगता चला आ रहा है।
(क) ऊँघते हुए चेहरे - संज्ञा पदबंध
(ख) लाल बालोंवाला - विशेषण पदबंध
(ग) कोई शरारत करता रहता है - संज्ञा पदबंध
(घ) तीन टाँगों के बल - क्रिया पदबंध
आपके मोहल्ले में लावारिस/आवारा कुत्तों की संख्या बहुत ज़्यादा हो गई है जिससे आने-जाने वाले लोगों को असुविधा होती है। अत: लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नगर निगम अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
पताः ....................
दिनांकः ................
सेवा में,
नगर निगम अधिकारी,
क.ख.ग. ।
विषयः आवारा कुत्तों के कारण उपजी समस्या को दर्शाने हेतु पत्र।
माननीय महोदय,
इस पत्र के द्वारा अपने इलाके में बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ।
हमारे इलाके में कई दिनों से न जाने कहाँ से ये आवारा पशु घूम रहे हैं जिसके कारण आम नागरिकों को काफ़ी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों तथा बुजर्गों का घर से निकलना दूभर हो रखा है। ये पशु राहगीरों के पास से खाने-पीने की सामग्री प्राप्त करने के लिए उनके ऊपर भौकने लगते हैं तो कभी झपट भी पड़ते हैं।
अत:आप से आशा करते हैं कि आप इन आवारा पशुओं को पकड़वाने और हमें इस समस्या से निजात दिलवाने के लिए जल्द-से जल्द कोई कार्यवाही करेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
क.ख.ग.
Q8.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए—
(क) 'गिरगिट' कहानी में पुलिस और जनता के सम्बंधों को कैसे दिखाया गया है?
(ख) शुद्ध सोना और गिननी के सोने में क्या अंतर है?
(ग) काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?
(क) ‘ गिरगिट’ पाठ में पुलिस और जनता के बीच संबंधों को अच्छा नहीं दिखाया गया है| जनता का पुलिस से विश्वास उठ गया है| पुलिस जनता को अपने स्वार्थ का साधन मानती है| अतः जनता भी पुलिस से कोई काम करवाना चाहती है, तो वह कोई और मजबूत सहारा ढूंढती है| इस तरह का संबंध कानूनी व्यवस्था की खिल्ली उड़ाते दिखाई देता है|
(ख) शुद्ध सोने का अर्थ होता है वह सोना जिसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती| वह शुद्ध होता है|
गिन्नी के सोने में तांबे की मिलावट की जाती है|
(ग) ख्यूक्रिन नामक एक सुनार को कुत्ते ने काट लिया। उसने जैसे-तैसे कुत्ते की टाँग को पकड़कर रखा था।वह जोर जोर से चीख रहा था कि ‘मत जाने दो’ उसके चीखने की आवाज सुनकर काठगोदाम में भीड़ इकट्ठी हो गई|
निम्नलिखित में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दीजिएः
(क) ‘सआदत अली’ अंग्रेज़ों का हिमायती क्यों था? ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
(ख) ‘गिरगिट’ पाठ के आधार पर ओचुमेलाॅव की तीन चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
(ग) ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए कि वजीर अली एक नीतिकुशल योद्धा था।
(क) सआदत अली वज़ीर अली का चाचा और नवाब आसिफउदौला का भाई था। सआदत अली अंग्रेज़ों का चमचा था। अंग्रेज़ जानते थे कि यदि अवध को अपने अधिकार में लेना है, तो सआदत अली का तख्त पर बैठना आवश्यक है। वज़ीर अली के रहते अवध को अपने कब्जे में लेना संभव नहीं था।इसलिए ‘सआदत अली’ अंग्रेज़ों का हिमायती था|
(ख) ओचुमेलॉव की तीन चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
1.अवसरवादी- ओचुमेलॉव अवसरवादी व्यक्ति है। अवसर का लाभ उठाना उसे बहुत अच्छा आता है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है, तो वह तुरंत कुत्ते के पक्ष में बोलने लगता है। इससे पहले वह ख्यूक्रिन के पक्ष में बोल रहा था।
2. चापलूस- ओचुमेलॉव एक चापलूस व्यक्ति है। वह जनरल साहब की चापलूसी करने के लिए उन पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करता है। जब तक वह इस सच से अनजान था कि कुत्ता जनरल साहब का नहीं है, तब तक वह कुत्ते के मालिक को सज़ा दिलाने के लिए तैयार था। परन्तु जनरल साहब का कुत्ता होने की बात पता चलने पर जनरल साहब के प्रति वफादर हो जाता है और कुत्ते को सकुशल घर भिजवा देता है।
3. स्वार्थी- ओचुमेलॉव स्वार्थी व्यक्ति है। अपने स्वार्थ के लिए वह किसी का भी फायदा उठा सकता है। अपने पद की गरिमा भी उसे दिखाई नहीं देती है। उसके लिए अपना स्वार्थ महत्वपूर्ण है। लोगों का विश्वास, न्याय जैसी बातें उसके लिए बेकार हो जाती है।
(ग) वज़ीर अली एक नीतिकुशल योद्धा था। अंग्रेज़ी सरकार उसे पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश कर रही थी परन्तु उसे पकड़ने में असमर्थ थी। वह जंगलों में इस कदर रहता था कि किसी के हाथ नहीं आया था। उसकी नीति कुशलता का ही प्रमाण है कि कुछ जाँबाज़ सिपाहियों के ही दम पर वह वर्षों तक अंग्रेज़ी सरकार को चकमा देता रहा।
‘गिरगिट’ पाठ के शीर्षक का आधार पाठ में क्या दिया गया है? अपने शब्दों में उत्तर देते हुए कोई अन्य शीर्षक कारण सहित सुझाइए।
अथवा
‘गांधीजी के नेतृत्व में अद्भुत क्षमता थी’ − कथन की पुष्टि ‘गिन्नी का सोना’ पाठ के आधार पर उदाहरण सहित कीजिए।
इस कहानी का शीर्षक 'गिरगिट' रखा गया है क्योंकि गिरगिट समय के अनुसार अपने को बचाने के लिए रंग बदलता रहता है। उसी प्रकार इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव भी मौका परस्त है। पहले तो कुत्ते को भला- बुरा कहता है, गोली मारने की बात करता है परन्तु जनरल के भाई के कुत्ते होने का पता लगते ही वह बदल जाता है। उसके लिए मरियल कुत्ता 'सुन्दर डॉगी' हो जाता है और ख्यूक्रिन को बुरा भला कहने लगता है। वह गिरगिट की भांति रंग बदलता रहता है। इस पाठ का अन्य नाम 'बदलते रंग' रखा जा सकता है। इस पाठ में क्योंकि ओचुमेलॉव हर कदम पर रंग बदलता रहता है। कभी ख्यूक्रिन के पक्ष में होता है कभी कुत्ते के पक्ष में। यह नाम उसके बदलते स्वभाव को बहुत अच्छा प्रदर्शित करता है।
अथवा
गाँधीजी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी। उनका नेतृत्व ही था, जो विभिन्न धर्मों और संप्रदायों में बाँटा भारत एक हो गया और लोग आज़ादी पाने के लिए तत्पर हो गए। उन्होंने जब भी नेतृत्व किया, वे सफल रहे। उनके नेतृत्व के तले सभी धर्मों के लोगों ने अपना भरपूर सहयोग दिया। ऐसे अनेक उदाहरण हमारे सामने विद्यमान हैं, जब उन्होंने सफल नेतृत्व किया। दांडी मार्च ऐसा ही एक आंदोलन है। इसकी सफलता को भुलाया नहीं जा सकता है। भारत छोड़ो आन्दोलन, सत्याग्रह तथा असहयोग आन्दोलन उनके अद्भुत नेतृत्व को दर्शाते हैं। अपनी इसी क्षमता के बल पर उन्होंने पूर्ण स्वराज की स्थापना की।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए?
(क) 'गिरगिट' कहानी में पुलिस और जनता के सम्बंधों को कैसे दिखाया गया है?
(ख) शुद्ध सोना और गिननी के सोने में क्या अंतर है?
(ग) काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?
.(क) ‘ गिरगिट’ पाठ में पुलिस और जनता के बीच संबंधों को अच्छा नहीं दिखाया गया है| जनता का पुलिस से विश्वास उठ गया है| पुलिस जनता को अपने स्वार्थ का साधन मानती है| अतः जनता भी पुलिस से कोई काम करवाना चाहती है, तो वह कोई और मजबूत सहारा ढूंढती है| इस तरह का संबंध कानूनी व्यवस्था की खिल्ली उड़ाते दिखाई देता है|
(ख) शुद्ध सोने का अर्थ होता है वह सोना जिसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं की जाती| वह शुद्ध होता है|
गिन्नी के सोने में तांबे की मिलावट की जाती है|
(ग) ख्यूक्रिन नामक एक सुनार को कुत्ते ने काट लिया। उसने जैसे-तैसे कुत्ते की टाँग को पकड़कर रखा था।वह जोर जोर से चीख रहा था कि ‘मत जाने दो’ उसके चीखने की आवाज सुनकर काठगोदाम में भीड़ इकट्ठी हो गई|
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