स्पर्श भाग २ Chapter 13 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
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    NCERT Solution For Class 10 Social+science स्पर्श भाग २

    तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Here is the CBSE Social+science Chapter 13 for Class 10 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 10 Social+science तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Chapter 13 NCERT Solutions for Class 10 Social+science तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Chapter 13 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 10 Social+science.

    Question 1
    CBSEENHN10002534

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    'तीसरी कसम' फ़िल्म को कौन-कौन-से पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है?

    Solution

    'तीसरी कसम' फिल्म को राष्ट्रपति द्वारा स्वर्णपदक मिला तथा बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का अवार्ड दिया। इस फ़िल्म को मास्को फ़िल्म फेस्टिवल में भी पुरस्कृत किया गया।

    Question 2
    CBSEENHN10002535

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    शैलेंद्र ने कितनी फ़िल्में बनाईं?

    Solution
    शैलेंद्र ने अपने जीवन काल में केवल एक ही फ़िल्म 'तीसरी कसम' बनाई थी।
    Question 3
    CBSEENHN10002536

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    राजकपूर द्वारा निर्देशित कुछ फिल्मों के नाम बताइए। 

    Solution
    मेरा नाम जोकर, सत्यम शिवम् सुन्दरम, संगम, प्रेमरोग, अजंता, जागते रहो, मैं और मेरा दोस्त आदि राजकपूर द्वारा निर्देशित कुछ फिल्मों के नाम हैं।
    Question 4
    CBSEENHN10002537

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    'तीसरी कसम' फ़िल्म के नायक व नायिकाओं के नाम बताइए और फ़िल्म में इन्होंने किन पात्रों का अभिनय किया है?

    Solution

    तीसरी कसम' के नायक राजकपूर और नायिका वहीदा रहमान थीं। राजकपूर ने इस फ़िल्म में 'हीरामन' गाड़ीवान का किरदार और 'वहीदा रहमान' द्वारा नौटंकी कलाकार 'हीराबाई' का किरदार निभाया गया था।

    Question 5
    CBSEENHN10002538
    Question 6
    CBSEENHN10002539

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    राजकपूर ने 'मेरा नाम जोकर' के निर्माण के समय किस बात की कल्पना भी नहीं की थी?

    Solution

    राजकपूर ने 'मेरा नाम जोकर' के निर्माण के समय इस बात की कल्पना भी नहीं की थी कि इस फ़िल्म के एक भाग को बनाने में ही छह साल का समय लग जाएगा।

    Question 7
    CBSEENHN10002540

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    राजकपूर की किस बात पर शैलेंद्र का चेहरा मुरझा गया?

     

    Solution

    'तीसरी कसम' की कहानी सुनते जब राजकपूर ने फ़िल्म में काम करने के लिए अपना पारिश्रमिक एडवांस में माँगने की बात की तब शैलेन्द्र का चेहरा मुरझा गया। 

    Question 8
    CBSEENHN10002541

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
    समीक्षक राजकपूर को किस तरह का कलाकार मानते थे? 

     

    Solution

    समीक्षक राजकपूर को कला मर्मज्ञ तथा आँखों से बात करनेवाला कलाकार मानते थे। 

    Question 9
    CBSEENHN10002542

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
    'तीसरी कसम' फ़िल्म को 'सैल्यूलाइड पर लिखी कविता' क्यों कहा गया है?

    Solution

    इस फ़िल्म को देखकर कविता जैसी अनुभूति होती थी क्योंकि यह फ़िल्म एक कवि की कोमल भावनाओं की प्रस्तुति थी जिसे फ़िल्म के जरिए उतारा गया था।यह फ़िल्म भी कविता के समान भावुकता, संवेदना, मार्मिकता से भरी हुई कैमरे की रील पर उतरी हुई फ़िल्म है। अत: 'तीसरी कसम' फ़िल्म को 'सैल्यूलाइड पर लिखी कविता' कहा गया है।

    Question 10
    CBSEENHN10002543

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
    'तीसरी कसम' फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?

    Solution

    यह फ़िल्म एक सामान्य कोटि की मनोरंजक फ़िल्म न होकर एक उच्च कोटि की साहित्यिक फ़िल्म थी। इस फ़िल्म में अनावश्यक मनोरंजक मसाले नहीं डाले गए थे साथ ही फ़िल्म वितरक इस फ़िल्म की करुणा को पैसे के तराजू में तौल रहे थे और कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं थे इसलिए 'तीसरी कसम' फ़िल्म को खरीददार नहीं मिल रहे थे।

    Question 11
    CBSEENHN10002544

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
    शैलेन्द्र के अनुसार कलाकार का कर्तव्य क्या है?

    Solution

    शैलेन्द्र के अनुसार हर कलाकार का यह कर्तव्य है कि वह दर्शकों की रुचियों को ऊपर उठाने का प्रयास करें न कि दर्शकों का नाम लेकर सस्ता और उथला मनोरंजन उनपर थोपने का प्रयास करे। कलाकार का दायित्व स्वस्थ एवं सुंदर समाज की रचना करना है, विकृत मानसिकता को बढ़ावा देना नहीं है।

    Question 12
    CBSEENHN10002545

    फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफ़ाई क्यों कर दिया जाता है?

    Solution

    फिल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफाई इसलिए कर दिया जाता है जिससे कि दर्शकों का भावनात्मक शोषण किया जा सके और उन्हें फ़िल्म देखने के लिए मजबूर और आकर्षित किया जा सके। उनका उद्देश्य केवल टिकट-विंडो पर ज़्यादा से ज़्यादा टिकटें बिकवाना और अधिक से अधिक पैसा कमाना होता है। इसलिए दुख को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं जो वास्तव में सच नहीं होता है। दर्शक उसे पूरा सत्य मान लेते हैं। 

    Question 13
    CBSEENHN10002546

    'शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं' - इस कथन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    राजकपूर अभिनय में मंझे हुए कलाकार थे और शैलेन्द्र एक अच्छे गीतकार थे। राजकपूर की छिपी हुई भावनाओं को शैलेन्द्र ने शब्द दिए। राजकूपर भावनाओं को आँखों के माध्यम से व्यक्त कर देते थे और शैलेंद्र उन भावनाओं को अपने गीतों से तथा संवाद से पूर्ण कर दिया करते थे। कहने का तात्पर्य यह है कि राजकपूर जो कुछ भी अपनी फिल्मों के माध्यम से कहना चाहते थे उसे गीतकार शैलेन्द्र अपने गीतों के माध्यम से प्रकट कर देते थे।

    Question 14
    CBSEENHN10002547

    लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन कहा है। शोमैन से आप क्या समझते हैं?

    Solution

    शोमैन ऐसे व्यक्ति को कहते है जो अपने ही जीवनकाल में एक किंदवंती बन चूका हो, जिसका नाम सुनकर ही फ़िल्में बिकती हो और उसका नाम ही दर्शक को सिनेमाघर तक खींच सकता हो। और उनकी सभी फ़िल्में और उनका व्यक्तित्व शोमैन के मानदंडों पर खरी उतरती थी। अत: लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन कहा है।

    Question 15
    CBSEENHN10002548

    फ़िल्म 'तीसरी कसम' के गीत 'रातों दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ' पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति क्यों की?

    Solution

    फ़िल्म 'तीसरी कसम' के गीत 'रातों दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ' पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति इसलिए की क्योंकि उनके अनुसार साहित्यिक सोच और जनसामान्य की सोच में अंतर होता है इसलिए दर्शक चार दिशाएँ तो जानते हैं परन्तु दसों दिशाओं का ज्ञान सभी को नहीं होगा। जिसके कारण दर्शक और कहानीकार या गीतकार के बीच में उचित तालमेल का अभाव हो रहा था।

    Question 16
    CBSEENHN10002549

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    राजकपूर द्वारा फ़िल्म की असफलता के खतरों से आगाह करने पर भी शैलेंद्र ने यह फ़िल्म क्यों बनाई?

    Solution

    राजकपूर जैसे अनुभवी निर्माता-निर्देशक के आगाह करने के बावजूद शैलेन्द्र फ़िल्म बनाना चाहते थे क्योंकि उन्हें धन सम्मान की कामना नहीं थी वे तो केवल अपनी आत्मतुष्टि, अपनी मन की भावनाओं की अभिव्यक्ति और दर्शकों के मन को छूना चाहते थे। इसलिए नफ़ा नुकसान के परे और अपने कलाकार मन के साथ समझौता न करते हुए तीसरी कसम फ़िल्म का निर्माण किया।  

    Question 17
    CBSEENHN10002550

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    'तीसरी कसम' में राजकपूर का महिमामय व्यक्तित्व किस तरह हीरामन की आत्मा में उतर गया? स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    तीसरी कसम फ़िल्म में हीरामन का किरदार कुछ इस तरह निभाया कि जैसे उन्होंने हीरामन को आत्मसात करते हुए भी अपने आप को उस पर हावी नहीं होने दिया था और कलाकार की यह सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। तीसरी कसम में भी हीरामन पर राजकपूर हावी नही था बल्कि राजकपूर ने हीरामन की आत्मा दे दी थी। उसका डकडू बैठना, नौंटकी की बाई में अपनापन खोजना, गीतगाता गाडीवान, सरल देहाती मासमियत को चरम सीमा तक ले जाते हैं। इस तरह उनका महिमामय व्यक्तित्व हीरामन की आत्मा में उतर गया।

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    Question 18
    CBSEENHN10002551

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    लेखक ने ऐसा क्यों लिखा है कि 'तीसरी कसम' ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है?

    Solution

    तीसरी कसम एक शुद्ध साहित्यिक फ़िल्म थी। इस कहानी के मूल स्वरुप में जरा भी बदलाव नहीं किया गया था। शैलेन्द्र ने इस फ़िल्म में दर्शकों के लिए किसी भी प्रकार के काल्पनिक मनोरंजन को जबरदस्ती ठूँसा नहीं गया था। शैलेंद्र ने धन कमाने के लिए फ़िल्म नहीं बनाई थी। उनका उद्देश्य एक सुंदर कृति बनाना था। इस फ़िल्म ने कहानी की मूल आत्मा अर्थात् भावुकता के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया था इसलिए लेखक ने ऐसा लिखा है कि 'तीसरी कसम' ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है। 

    Question 19
    CBSEENHN10002552

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    शैलेन्द्र के गीतों की क्या विशेषताएँ हैं। अपने शब्दों में लिखिए।

    Solution

    शैलेन्द्र के गीत भावपूर्ण थे। उन्होंने धन कमाने की लालसा में गीत कभी नहीं लिखे। उनके गीतों की विशेषता थी कि उनमें घटियापन या सस्तापन नहीं था। उनके द्वारा रचित गीत उनके दिल की गहराइयों से निकले हुए थे। अतः वे दिल को छू लेने वाले गीत थे। यही कारण है कि उनके लिखे हर गीत अत्यन्त लोकप्रिय भी हुए। उनके गीतों में करूणा, संवेदना, आदि के भाव बिखरे हुए थे। जैसा उनका व्यक्तित्व सीधा और सरल था वैसे ही उनकी गीत रचनाएँ भी कठिनता से कोसों दूर होती थी।

    Question 20
    CBSEENHN10002553

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    फ़िल्म निर्माता के रूप में शैलेंद्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। 

    Solution

    फ़िल्म निर्माता के रूप में शैलेन्द्र की पहली और आखिरी फ़िल्म 'तीसरी कसम' थी। उनकी फ़िल्म यश और धन की इच्छा से नही बनाई गई थी। शैलेन्द्र ने साहित्यिक रचना को बेहद ईमानदारी के साथ पर्दे पर उतारा। शैलेन्द्र ने न केवल कहानी को पर्दे पर उकेरा बल्कि हीरामन और हीराबाई की भावनाओं को शब्द भी दिए। उनकी संवेदनशीलता पुरे फिल्मे में नज़र आती है। शैलेन्द्र फ़िल्म निर्माण के खतरों से परिचित होकर भी एक शुद्ध साहित्यिक फ़िल्म का निर्माण कर अपने साहसी होने का परिचय दिया है। सिद्धांतवादी होने के कारण उन्होंने अपनी फ़िल्म में कोई भी परिवर्तन स्वीकार नहीं किया।

    Question 21
    CBSEENHN10002554

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    शैलेंद्र के निजी जीवन की छाप उनकी फ़िल्म में झलकती है-कैसे? स्पष्ट कीजिए। 

    Solution

    शैलेंद्र के निजी जीवन की छाप उनकी फ़िल्म में झलकती है। शैलेन्द्र ने झूठे अभिजात्य को कभी नहीं अपनाया। शैलेन्द्र अपने जीवन में सीधे - सरल, व्यावसायिकता से कोसों दूर, सिद्धांतवादी व्यक्ति थे। यही सब बातें उनकी इस फ़िल्म में भी झलकती है। जिस प्रकार शांत नदी का प्रवाह और समुद्र की गहराई उनके जीवन की विशेषता थी वही सब विशेषताएँ उनके सीधे-साधे, धन से कोसों दूर, प्रेम को ही अपना सर्वस्व समझना आदि फ़िल्म के किरदार हीरामन में बखूबी दिखाई देते हैं। 

    Question 22
    CBSEENHN10002555

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
    लेखक के इस कथन से कि 'तीसरी कसम' फ़िल्म कोई सच्चा कवि हृदय ही बना सकता था, आप कहाँ तक सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    मैं लेखक के विचार से पूरी तरह सहमत हूँ क्योंकि इस फ़िल्म को देखकर कविता जैसी अनुभूति होती ही है। लेखक के अनुसार 'तीसरी कसम' फ़िल्म कोई सच्चा कवि-हृदय ही बना सकता था। लेखक का यह कथन बिलकुल सही है क्योंकि इस फिल्म की कलात्मकता काबिल-ए-तारीफ़ है। शैलेन्द्र एक संवेदनशील तथा भाव-प्रवण कवि थे और उनकी संवेदनशीलता इस फ़िल्म में स्पष्ट रुप से मौजूद है। यह संवेदनशीलता किसी साधारण फ़िल्म निर्माता में नहीं होती है।

    Question 23
    CBSEENHN10002556

    निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
    ..... वह तो एक आदर्शवादी भावुक कवि था, जिसे अपार संपत्ति और यश तक की इतनी कामना नहीं थी जितनी आत्म-संतुष्टि के सुख की अभिलाषा थी।

    Solution

    इन पंक्तियों में लेखक का आशय है कि शैलेन्द्र एक ऐसे कवि थे जो जीवन में आदर्शों और भावनाओं को सर्वोपरि मानते थे। वे अति भावुक और संवेदनशील कवि थे। उन्हें धन सम्मान की कामना नहीं थी वे तो केवल अपनी आत्मसंतुष्टि, अपने मन की भावनाओं की अभिव्यक्ति और दर्शकों के मन को छूना चाहते थे। इसलिए नफ़ा नुकसान के परे और अपने कलाकार मन के साथ समझौता न करते हुए तीसरी कसम फ़िल्म का निर्माण किया।

     

    Question 24
    CBSEENHN10002557

    निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
    उनका यह दृढ़ मतंव्य था कि दर्शकों की रूचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए। कलाकार का यह कर्त्तव्य भी है कि वह उपभोक्ता की रूचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करे।

    Solution

    फ़िल्म 'श्री 420' के एक गाने में शैलेंद्र ने दसों दिशाओं शब्द का प्रयोग किया तो संगीतकार जयकिशन ने उन्हें कहा कि दसों दिशाओं का नहीं चारों दिशाओं का प्रयोग होना चाहिए क्योंकि लोग चार दिशाएं जानते हैं दस दिशाएं नही। लेकिन शैलेन्द्र का कहना था कि फ़िल्म निर्माताओं का यह कर्तव्य है कि वह दर्शकों की रुचियों को ऊपर उठाने का प्रयास करें न कि दर्शकों का नाम लेकर सस्ता और उथला मनोरंजन उनपर थोपने का प्रयास करे।

    Question 25
    CBSEENHN10002558

    व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती, उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।

    Solution

    यह पंक्ति लेखक ने शैलेन्द्र के गीतों के सन्दर्भ में लिखी है। शैलेन्द्र के गीत केवल मनोरंजन के लिए नही बल्कि जिंदगी से जूझने का संदेश भी देते हैं। अपनी गीतों द्वारा वह सन्देश देना चाहते थे की थक-हारकर बैठ जाना उचित नही होता अपितु जीवन में आई हुई कठिनाईयों का सामना करते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए। जिंदगी में दुःख, कष्ट और तकलीफें आती रहती है परन्तु हमें उनसे हार न मानकर साहसपूर्वक उसका सामना करना चाहिए।

    Question 26
    CBSEENHN10002559

    दरअसल इस फ़िल्म की संवेदना किसी दो से चार बनाने वाले की समझ से परे है।

    Solution

    इस पंक्ति का आशय यह है कि इस तरह की फ़िल्में जो नितान्त भावुकता से बनाई जाती है उसे शुद्ध व्यवसायिक लोग जो केवल हर चीज से धन अर्जित करने की कामना रखते हैं, नहीं समझ सकते। तीसरी कसम' फ़िल्म की संवेदना किसी आम आदमी के समझ के परे थी।

     

    Question 27
    CBSEENHN10002560

    निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
    उनके गीत भाव-प्रवण थे − दुरूह नहीं।

    Solution

    इस पंक्ति का आशय यह है कि कवि शैलेन्द्र के गीत भावनाओं से भरे, सीधे और सरल होते थे। वे गहरे भावों से भरे होकर भी कठिन नहीं होते थे। इनके गीत भावनात्मक गहन विचारों वाले तथा संवेदनशील थे।

    Question 28
    CBSEENHN10002561

    पाठ में आए 'से' के विभिन प्रयोगों से वाक्य की संरचना को समझिए।
    (क) राजकपूर ने एक अच्छे और सच्चे मित्र की हैसियत से शैलेंद्र को फ़िल्म की असफलता के खतरों से आगाह भी किया।
    (ख) रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ।
    (ग) फ़िल्म इंडस्ट्री में रहते हुए भी वहाँ के तौर-तरीकों से नावाकिफ थे।
    (घ) दरअसल इस फ़िल्म की संवेदना किसी दो से चार बनाने के गणित जानने वाले की समझ से परे थी।
    (ङ) शैलेंद्र राजकपूर की इस याराना दोस्ती से परिचित तो थे।

    Solution

    (क) राजकपूर ने एक अच्छे और सच्चे मित्र की हैसियत से शैलेंद्र को फ़िल्म की असफलता के खतरों से आगाह भी किया।
    (ख) रातें दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ।
    (ग) फ़िल्म इंडस्ट्री में रहते हुए भी वहाँ के तौर-तरीकों से नावाकिफ थे।
    (घ) दरअसल इस फ़िल्म की संवेदना किसी दो से चार बनाने के गणित जानने वाले की समझ से परे थी। 
    (ङ) शैलेंद्र राजकपूर की इस याराना दोस्ती से परिचित तो थे।

     

    Question 29
    CBSEENHN10002562

    इस पाठ में आए निम्नलिखित वाक्यों की संरचना पर ध्यान दीजिए -
    (क) 'तीसरी कसम' फ़िल्म नहीं, सैल्यूलाइड पर लिखी कविता थी।
    (ख) उन्होंने ऐसी फ़िल्म बनाई थी जिसे सच्चा कवि-हृदय ही बना सकता था।
    (ग) फ़िल्म कब आई, कब चली गई, मालूम ही नहीं पड़ा।
    (घ) खालिस देहाती भुच्च गाड़ीवान जो सिर्फ दिल की जुबान समझता है, दिमाग की नहीं।

    Solution

    इस पाठ में आए निम्नलिखित वाक्यों की संरचना पर ध्यान दीजिए-
    (क) 'तीसरी कसम' फ़िल्म नहीं, सैल्यूलाइड पर लिखी कविता थी।
    (ख) उन्होंने ऐसी फ़िल्म बनाई थी जिसे सच्चा कवि-हृदय ही बना सकता था।
    (ग) फ़िल्म कब आई, कब चली गई, मालूम ही नहीं पड़ा।
    (घ) खालिस देहाती भुच्च गाड़ीवान जो सिर्फ दिल की जुबान समझता है, दिमाग की नहीं।

    Question 30
    CBSEENHN10002563

    पाठ में आए निम्नलिखित मुहावरों से वाक्य बनाइए -
    चेहरा मुरझाना, चक्कर खा जाना, दो से चार बनाना, आँखों से बोलना

    Solution

    चेहरा मुरझाना - अपना रिजल्ट सुनते ही उसका चेहरा मुरझा गया।
    चक्कर खा जाना - बहुत तेज़ धूप में घूमकर वह चक्कर खाकर गिर गया।
    दो से चार बनाना - धन के लोभी हर समय दो से चार बनाने में लगे रहते हैं।
    आँखों से बोलना - प्रेम की भाषा आँखों से व्यक्त की जा सकती है।

    Question 31
    CBSEENHN10002564

    निम्नलिखित शब्दों के हिंदी पर्याय दीजिए -
    (क) शिद्दत..................    (ङ) नावाकिफ़ .................
    (ख) याराना..................    (च) यकीन .................
    (ग) बमुश्किल.................  (छ) हावी .................
    (घ) खालिस..................   (ज) रेशा .................

    Solution

    (क) शिद्दत- प्रयास                (ङ) नावाकिफ - अपरिचित, अनजान
    (ख) याराना- दोस्ती, मित्रता       (च) यकीन - विश्वास
    (ग) बमुश्किल- कठिनाई से       (छ) हावी - दवाब, भारी
    (घ) खालिस- मात्र                 (ज) रेशा - बारीक कण, तंतु

    Question 32
    CBSEENHN10002565

    निम्नलिखित का संधिविच्छेद कीजिए −
    (क) चित्रांकन - ---------------   +  ---------------
    (ख) सर्वोत्कृष्ट - ---------------  + ---------------
    (ग) चर्मोत्कर्ष - ---------------  + ---------------
    (घ) रूपांतरण - --------------- + ---------------
    (ङ) घनानंद - ---------------   + ---------------

    Solution

    (क) चित्रांकन - चित्र + अकंन
    (ख) सर्वोत्कृष्ट - सर्व + उत्कृष्ट
    (ग) चर्मोत्कर्ष - चरम + उत्कर्ष
    (घ) रूपांतरण - रूप + अतंरण
    (ङ) घनानंद - घन + आनंद

    Question 33
    CBSEENHN10002566

    निम्नलिखित का समास विग्रह कीजिए और समास का नाम भी लिखिए-
    (क) कला मर्मज्ञ ...............
    (ख) लोकप्रिय ...............
    (ग) राष्ट्रपति ...............

    Solution

    (क) कला-मर्मज्ञ         कला के मर्मज्ञ            (तत्पुरूष समास)
    (ख) लोकप्रिय           लोक में प्रिय               (तत्पुरूष समास)
    (ग) राष्ट्रपति            राष्ट्र का पति               (तत्पुरूष समास)

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