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तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

Question
CBSEENHN10002559

दरअसल इस फ़िल्म की संवेदना किसी दो से चार बनाने वाले की समझ से परे है।

Solution

इस पंक्ति का आशय यह है कि इस तरह की फ़िल्में जो नितान्त भावुकता से बनाई जाती है उसे शुद्ध व्यवसायिक लोग जो केवल हर चीज से धन अर्जित करने की कामना रखते हैं, नहीं समझ सकते। तीसरी कसम' फ़िल्म की संवेदना किसी आम आदमी के समझ के परे थी।

 

Some More Questions From तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
शैलेन्द्र के अनुसार कलाकार का कर्तव्य क्या है?

फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफ़ाई क्यों कर दिया जाता है?

'शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं' - इस कथन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन कहा है। शोमैन से आप क्या समझते हैं?

फ़िल्म 'तीसरी कसम' के गीत 'रातों दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ' पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति क्यों की?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
राजकपूर द्वारा फ़िल्म की असफलता के खतरों से आगाह करने पर भी शैलेंद्र ने यह फ़िल्म क्यों बनाई?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
'तीसरी कसम' में राजकपूर का महिमामय व्यक्तित्व किस तरह हीरामन की आत्मा में उतर गया? स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ने ऐसा क्यों लिखा है कि 'तीसरी कसम' ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
शैलेन्द्र के गीतों की क्या विशेषताएँ हैं। अपने शब्दों में लिखिए।