-->

तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

Question
CBSEENHN10002550

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
'तीसरी कसम' में राजकपूर का महिमामय व्यक्तित्व किस तरह हीरामन की आत्मा में उतर गया? स्पष्ट कीजिए।

Solution

तीसरी कसम फ़िल्म में हीरामन का किरदार कुछ इस तरह निभाया कि जैसे उन्होंने हीरामन को आत्मसात करते हुए भी अपने आप को उस पर हावी नहीं होने दिया था और कलाकार की यह सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। तीसरी कसम में भी हीरामन पर राजकपूर हावी नही था बल्कि राजकपूर ने हीरामन की आत्मा दे दी थी। उसका डकडू बैठना, नौंटकी की बाई में अपनापन खोजना, गीतगाता गाडीवान, सरल देहाती मासमियत को चरम सीमा तक ले जाते हैं। इस तरह उनका महिमामय व्यक्तित्व हीरामन की आत्मा में उतर गया।

Some More Questions From तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म को कौन-कौन-से पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
शैलेंद्र ने कितनी फ़िल्में बनाईं?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
राजकपूर द्वारा निर्देशित कुछ फिल्मों के नाम बताइए। 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म के नायक व नायिकाओं के नाम बताइए और फ़िल्म में इन्होंने किन पात्रों का अभिनय किया है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
फ़िल्म 'तीसरी कसम' का निर्माण किसने किया था?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
राजकपूर ने 'मेरा नाम जोकर' के निर्माण के समय किस बात की कल्पना भी नहीं की थी?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
राजकपूर की किस बात पर शैलेंद्र का चेहरा मुरझा गया?

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
समीक्षक राजकपूर को किस तरह का कलाकार मानते थे? 

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म को 'सैल्यूलाइड पर लिखी कविता' क्यों कहा गया है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
'तीसरी कसम' फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?