Vasant Bhag 3 Chapter 14 अकबरी लोटा
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    NCERT Solution For Class 8 Hindi Vasant Bhag 3

    अकबरी लोटा Here is the CBSE Hindi Chapter 14 for Class 8 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 8 Hindi अकबरी लोटा Chapter 14 NCERT Solutions for Class 8 Hindi अकबरी लोटा Chapter 14 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 8 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN8000951

    “लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।”
    लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।

    Solution
    लाला झाऊलाल छत पर टहल रहे थे। कुछ प्यास लगने पर उन्होंने नौकर को पानी के लिए आवाज़ दी। नौकर के न होने पर उनकी पत्नी उनके लिए स्वयं पानी लेकर आई। वह पानी एक बेढंगे से लोटे में लाई जो लाला को जरा भी पसंद न था लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को कुछ न कहा क्योंकि वे अपनी पत्नी की इज़्ज़त करते थे बिना वजह उसे टोकना नहीं चाहते थे। दूसरा वे पत्नी के तेज़-तर्रार स्वभाव को भी जानते थे वे सोचने लगे कि यदि मैंने लोटे के बारे में कुछ कह दिया तो खाना बाल्टी में ही खाना पड़ेगा। इसलिए वे चुप रहे।
    Question 2
    CBSEENHN8000952

    “लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया” आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?

    Solution

    दो और दो जोड़कर स्थिति समझना-अर्थात् परिस्थिति को भाँप जाना। जब लालाजी के हाथों से लोटा गिरने के बाद आँगन में भीड़ एकत्रित हो गई और एक अंग्रेज़ नखशिख तक भीगा हुआ लोटा हाथ में लिए गालियाँ देता हुआ आ रहा था, तो लाला ने परिस्थिति का अनुमान लगा लिया कि कुछ गड़बड़ हो गई है।
    इस प्रकार लालाजी दो प्रमुख बातें समझ गए कि लोटा अंग्रेज़ को लगा है और वह अब उनसे लड़ने आया है।

    Question 3
    CBSEENHN8000953

    अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने ऐसा अजीब व्यवहार किया कि ये झाऊलाल को पहचानते नहीं हैं। ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि अंग्रेज़ का क्रोध शांत हो जाए और मामला जल्दी ही समाप्त हो।
    Question 4
    CBSEENHN8000954

    बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।

    Solution

    बिलवासी जी के दिमाग में न जाने क्या आया कि उन्होंने लोटे की कथा को समाप्त करने हेतु व अंग्रेज़ काे चुप करवाने के लिए लोटे को ऐतिहासिक लोटा बता दिया। उसका नामकरण भी ‘अकबरी लोटा’ कहकर कर दिया।
    अंग्रेज़ पहले से ही पुरानी चीजें खरीदने का शौकीन था। जब उसे यह पता चला कि जब हुमायूँ शेरशाह से हारकर सिंध के रेगिस्तान में मारा-मारा फिर रहा था तो एक दिन उसे प्यास लगने पर एक ब्राह्मण ने इसी लोटे से पानी पिलाया था और बाद में अकबर को जब यह बात मालूम हुई तो उसने इस लोटे को दस सोने के लोटे देकर उस ब्राह्मण से लिया। इसी कारण इसका नाम ‘अकबरी लोटा’ है। यह सुनकर अंग्रेज़ लोटा खरीदने हेतु लालायित हो उठा और उसने पाँच सौ रुपए मैं उसे खरीद लिया। लालाजी को तो अपनी पत्नी को देने के लिए ढाई सौ रुपयों की जरूरत थी जबकि बिलवासी जी ने उन्हें पाँच सौ रुपए थमा दिए।

    Question 5
    CBSEENHN8000955

    आपके विचार से अंग्रेज़ ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।

    Solution
    अंग्रेज़ को पुरानी व ऐतिहासिक वस्तुएं खरीदने का चाव था इसलिए उसने इस लोटे को खरीदा जिसका नाम बिलवासी जी ने ‘अकबरी लोटा’ रखा था। ऐसा हम इसलिए कह सकते हैं क्योंकि लालाजी के हाथों से लोटा खरीदने के पूर्व भी वह एक दुकान से पीतल की पुरानी मूर्तियाँ खरीद रहा था।
    Question 6
    CBSEENHN8000956

    “इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।”
    बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।

    Solution
    यह बात बिलवासी जी ने लाला झाऊलाल से कही क्योंकि वे जानना चाहते थे कि पाँच सौ रुपए कहाँ से आए। अब बिलवासी जी ने उन्हें यह कहा कि इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। ऐसा उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि उन्हें यह कहना भी सही नहीं लग रहा था कि उस बेढंगे लोटे को ‘अकबरी लोटा’ बताकर उन्होंने अंग्रेज़ को मूर्ख बनाकर ये रुपए ऐंठे हैं।
    Question 7
    CBSEENHN8000957

    “उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।”
    समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।

    Solution
    समस्या तो झाऊलाल की थी लेकिन नींद बिलवासी की उड़ी क्योंकि वे उनके पक्के मित्र थे और झाऊलाल जी ने बड़े ही विश्वास से उन्हें रुपयों का प्रबंध करने के लिए कहा था। इसी कारण वे भी परेशान थे।
    Question 8
    CBSEENHN8000958

    “लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।”
    “अजी इसी सप्ताह में ले लेना।”
    “सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?”
    झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।

    Solution

    झाऊलाल व उसकी पत्नी की इन बातों से निम्न बातें उजागर होती हैं-
    1. झाऊलाल की पत्नी कड़क स्वभाव की है।
    2. झाऊलाल कंजूस प्रवृति के हैं।
    3. झाऊलाल कई बार अपने वायदे पर खरे नहीं उतरते।
    4. पत्नी काे पति पर विश्वास नहीं है।
    5. झाऊलाल जी स्वाभिमानी व्यक्ति हैं।

    Question 9
    CBSEENHN8000959

    अंग्रेज़ लोटा न खरीदता?

    Solution
    झाऊलाल जी को ढ़ाई सौ का प्रबंध करना मुश्किल होता, रुपए अगर मिल भी जाते, तो उधार ही मिलते।
    Question 10
    CBSEENHN8000960

    यदि अंग्रेज़ पुलिस को बुला लेता?

    Solution
    पुलिस अपना रौब दिखाने हेतु एक बार तो झाऊलाल जी को पुलिस स्टेशन अवश्य ले जाती या उन पर जुर्माना किया जाता।
    Question 11
    CBSEENHN8000961

    जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?

    Solution
    जब बिलवासी जी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे तो उनकी पत्नी अगर जाग जाती तो बवंडर मचा देती, पति-पत्नी में झगड़ा हो जाता।
    Question 12
    CBSEENHN8000962

    “अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।”
    उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?

    Solution

    अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया’- ये शब्द लेखक ने लोटे के लिए कहे हैं क्योंकि लोटा उल्का की गति से भी तीव्र गति से नीचे की ओर गिरा था।
    उल्का-उल्काओं का निर्माण चट्टानों के छोटे-छोटे कणों से होता है। ये छोटी-बेटी आकृतियाँ मंगल और बृहस्पति ग्रह के मध्य घूमती हैं। ये घूमते-घूमते कई बार पृथ्वी के वायुमंडल में प्रविष्ट हो जाती हैं और घर्षण से जल कर राख हो जाती हैं। उनके जलने पर एक विशेष प्रकार की चमक उत्पन्न होती है। लोग इसे टूटता तारा समझते हैं।
    ग्रहों और उल्काओं में समानताएँ-
    1. दोनों सूर्य के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हैं।
    2. दोनों में चट्टानों के कणों का मिश्रण पाया जाता है।
    असमानताएँ-
    1. ग्रह अपनी धुरी पर घूमते हैं जबकि उल्काओं की कोई निश्चित धुरी नहीं होती।
    2. ग्रह सूर्य कै इर्द-गिर्द शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण की वज़ह से घूमते हैं जबकि उल्काओं का सूर्य के प्रति गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होता है।
    3. ग्रहों का आकार बड़ा होता है जबकि उल्काओं का बहुत छोटा।

     
    Question 14
    CBSEENHN8000964

    अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।

    Solution

    कहानी बनाने हेतु संकेत बिंदु:

    1. नई कक्षा में प्रवेश।
    2. बच्चों का खुश होना।
    3. कक्षा की अलमारी की सफाई करना।
    4. एक चार्ट का मिलना।
    5. चार्ट खोलते ही उसमें बने भूत के चित्र की लाल-लाल आँखें चमकना।
    6. बच्चों का डर जाना।
    7. कक्षा से बाहर भागना।
    8. अध्यापक का आना।
    9. चार्ट को खोलना।
    10. फिर आँखें चमकना।
    11. चार्ट को उल्टा करना।
    12. विज्ञान का प्रयोग कि तार जोड़ने पर विद्युतपथ का पूरा होना और बल्ब का जलना।
    13. अध्यापक का हँसना।
    14. बच्चों का लजाना।
    15. कक्षा में वापिस आना।

    Question 15
    CBSEENHN8000965

    बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?

    Solution
    बिलवासी जी ने जिस तरह से रुपयों का प्रबंध किया वह उचित नहीं था। अपने स्वार्थ व मन बहलाव हेतु किसी को मूर्ख नहीं बनाना चाहिए।
    Question 16
    CBSEENHN8000966

    इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चूनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।

    Solution

    1. इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे?
    2. इसी उधेड़-बुन में पड़े लाला छत पर टहल रहे थे।
    3. लाला अपना गुस्सा पीकर पानी पीने लगे।
    4. अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल सा सिंध के रेगिस्तान में मारा-मारा फिर रहा था।

    Question 17
    CBSEENHN8000967

    इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावराे़ं का प्रयोग किया है। कहानी में से पाँच मुहावरे चूनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए।

    Solution

    1. उधेड़-बुन-दादीजी ने इसी उधेड़-बुन में ही रात बिता दी कि दोनों में से किस पुत्र के पास रहें।
    2. तिलमिला उठना-अस्पताल में चोरी का दोष लगते ही वह तिलमिला उठा।
    3. अस्त्रों से ओझल-जादूगर के छड़ी घुमाते ही कबूतर आँखों मे ओझल हो गया।
    4. मारा-मारा फिरना-पिता की मृत्यु के पश्चात् नौकरी पाने हेतु सोहेल मारा-मारा फिर रहा है।
    5. ताव आना-पत्नी ने लालाजी की बात मानने से इंकार किया तो मै ताव में आ गए।

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    Question 18
    CBSEENHN8000968

    झाऊलाल का परिवार कितना बड़ा था?

    Solution
    लाला झाऊलाल का परिवार छोटा-सा था। बच्चे तो उनके थे नहीं, वे और उनकी पत्नी ही रहते थे।
    Question 19
    CBSEENHN8000969

    हमारे पूर्वजों ने पानी पीने के कौन-कौन से नियम बनाए थे?

    Solution
    हमारे पूर्वजों ने पानी पीने के संबंध में नियम बनाए थे कि खड़े-खड़े पानी मत पीयाे, सोते समय पानी मत पीयाे और दौड़ने के बाद पानी मत पीयो।
    Question 20
    CBSEENHN8000970

    बिलवासी मिश्र कौन थे? उन्होंने मित्र के लिए पैसों का प्रबंध कैसे किया?

    Solution
    पंडित बिलवासी मिश्र झाऊलाल जी के घनिष्ठ मित्र थे। लालाजी ने जब उन्हें अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक से ढाई सौ रुपए चुराकर उन्हें देने चाहे। लेकिन जब वे लालाजी के घर पहुँचे तो वहाँ भीड़ लगी थी जिनमें एक अंग्रेज़ सिर से पैर तक पानी से भीगा हुआ झगड़ रहा था क्योंकि लालाजी के हाथ से पानी से भरा एक लोटा छूटकर उसे जा लगा था। पंडित जी ने उसे ऐसे बातों में लगाया कि वह उसी लोटे को ‘अकबरी लोटा’ के नाम से खरीदने को लालायित हो उठा और उसने पाँच सौ रुपए में उस लोटे को खरीद लिया।
    Question 21
    CBSEENHN8000971

    झाऊलाल जी के हाथों से लोटा छूटने का कारण क्या था?

    Solution
    झाऊलाल जी के हाथों से लोटा छूटने का एक कारण था उनकी मानसिक परेशानी कि पत्नी की ढाई सौ रुपए कैसे देंगे और दूसरा कारण था लोटे का बेढब होना।
    Question 22
    CBSEENHN8000972

    लोटा बिकने की स्थिति में सबसे अधिक फायदे में कौन रहा?

    Solution
    लोटा बिकने की स्थिति में सबसे अधिक फायदा लाला झाऊलाल को हुआ क्योंकि उन्हें ढाई सौ रुपयो की सख्त जरूरत थी उसके बदले उन्हें पाँच सो रुपए मिल गए। साथ ही वह लोटा उन्हें पसंद भी न था उससे भी जान छूटी।
    Question 23
    CBSEENHN8000973

    जहाँगीरी अंडा क्या है? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    'जहाँगीरी अंडा’ भी अकबरी लोटे की तरह अंग्रेज़ को मूर्ख बनाकर ठगने की एक घटना पर आधारित है। जिस तरह पं. बिलवासी मिश्र एक अंग्रेज़ को एक साधारण व अनचाहा लोटा पाँच सौ रुपए में उसे ‘अकबरी लोटा’ बताकर बेच देते है उसी प्रकार अंग्रेज डगलस भी लूटा गया होगा। कहानी के अनुसार नूरजहाँ से जब जहाँगीर ने पूछा कि उसने एक कबूतर कैसे उड़ा दिया तो उसने दूसरा कबूतर उड़ाकर कहा कि ‘ऐसे’। उसके यह कहने पर वे उस पर मुग्ध हाे गया। उन्हें लगा कि कबूतर के कारण ही उन्हें नूरजहाँ से प्रेम हुआ है। उन्होंने कबूतर पर प्रसन्न होकर उसके एक अंडे को काँच की हांडी में सुरक्षित रख दिया। बाद में वही अंडा ‘जहाँगीरी अंडे’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
    Question 24
    CBSEENHN8000974

    बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था?

    Solution
    बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके किया था क्योंकि वे हर हाल में अपने मित्र की सहायता करना चाहते थे।
    Question 32
    CBSEENHN8000982

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    पत्नी ने एक दिन एकाएक ढाई सौ रुपये की माँग पेश की, तब उनका जी एक बार ज़ोर से सनसनाया और फिर बैठ गया। उनकी यह दशा देखकर पत्नी ने कहा-”डरिए मत, आप देने में असमर्थ हों तो मैं अपनै भाई से माँग लूँ?”
    लाला झाऊलाल तिलमिला उठे। उन्होंने रोब के साथ कहा-”अजी हटो, ढाई सौ रुपये के लिए भाई से भीख माँगोगी, मुझसे ले लेना।”

    पत्नी ने माँग के साथ ही क्या तर्क दिया?
    • यदि आप देने में असमर्थ हैं तो मत दीजिए।
    • यदि आप देने में असमर्थ हैं तो मैं अपने भाई से माँग लूँ।
    • यदि आप देने में असमर्थ हैं तो पिताजी से ले लूँ।
    • यदि आप अब देने में असमर्थ हैं तो अगले सप्ताह दे देना।

    Solution

    B.

    यदि आप देने में असमर्थ हैं तो मैं अपने भाई से माँग लूँ।
    Question 33
    CBSEENHN8000983
    Question 34
    CBSEENHN8000984
    Question 35
    CBSEENHN8000985

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जब चार दिन ज्यों-त्यों में यों ही बीत गए और रुपयों का कोई प्रबंध न हो सका तब उन्हें चिंता होने लगी। प्रश्न अपनी प्रतिष्ठा का था, अपने ही घर में अपनी साख का था। देने का पक्का वादा करके अगर अब दे न सके तो अपने मन में वह क्या सोचेगी? उसकी नज़रों में उसका क्या मूल्य रह जाएगा? अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ सुना चुके थे। अब जो एक काम पड़ा तो चारों खाने चित हो रहे। यह पहली बार उसने मुँह खोलकर कुछ रुपयों का सवाल किया था। इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे? 

    झाऊलाल की चिंता का क्या कारण था?
    • पत्नी से हरदम झगड़ा करना
    • पैसों का इंतजाम न हो पाना
    • पत्नी के समक्ष सर झुकना
    • पत्नी का भाई से रुपए माँगना

    Solution

    B.

    पैसों का इंतजाम न हो पाना
    Question 36
    CBSEENHN8000986

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जब चार दिन ज्यों-त्यों में यों ही बीत गए और रुपयों का कोई प्रबंध न हो सका तब उन्हें चिंता होने लगी। प्रश्न अपनी प्रतिष्ठा का था, अपने ही घर में अपनी साख का था। देने का पक्का वादा करके अगर अब दे न सके तो अपने मन में वह क्या सोचेगी? उसकी नज़रों में उसका क्या मूल्य रह जाएगा? अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ सुना चुके थे। अब जो एक काम पड़ा तो चारों खाने चित हो रहे। यह पहली बार उसने मुँह खोलकर कुछ रुपयों का सवाल किया था। इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे? 

    वे मन ही मन क्या सोच रहे थे?
    • पैसों का इंतजाम न होने पर वे पत्नी की नजरों में गिर जाएँगे।
    • वे पत्नी को क्या जवाब देंगे।
    • अपनी पत्नी के भाई से नजरें कैसे मिलाएँगे।
    • पत्नी पर रोब कैसे जतलाएँगे।

    Solution

    A.

    पैसों का इंतजाम न होने पर वे पत्नी की नजरों में गिर जाएँगे।
    Question 37
    CBSEENHN8000987

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जब चार दिन ज्यों-त्यों में यों ही बीत गए और रुपयों का कोई प्रबंध न हो सका तब उन्हें चिंता होने लगी। प्रश्न अपनी प्रतिष्ठा का था, अपने ही घर में अपनी साख का था। देने का पक्का वादा करके अगर अब दे न सके तो अपने मन में वह क्या सोचेगी? उसकी नज़रों में उसका क्या मूल्य रह जाएगा? अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ सुना चुके थे। अब जो एक काम पड़ा तो चारों खाने चित हो रहे। यह पहली बार उसने मुँह खोलकर कुछ रुपयों का सवाल किया था। इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे? 

    लाला को क्या डर था?
    • उनकी पत्नी अपने भाई से रुपए माँग लेगी
    • रुपए न दे पाने पर पत्नी का सामना कैसे करेंगे?
    • पत्नी द्वारा ताने सुनाए जाने का
    • दिए गए सभी।

    Solution

    B.

    रुपए न दे पाने पर पत्नी का सामना कैसे करेंगे?
    Question 38
    CBSEENHN8000988

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जब चार दिन ज्यों-त्यों में यों ही बीत गए और रुपयों का कोई प्रबंध न हो सका तब उन्हें चिंता होने लगी। प्रश्न अपनी प्रतिष्ठा का था, अपने ही घर में अपनी साख का था। देने का पक्का वादा करके अगर अब दे न सके तो अपने मन में वह क्या सोचेगी? उसकी नज़रों में उसका क्या मूल्य रह जाएगा? अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ सुना चुके थे। अब जो एक काम पड़ा तो चारों खाने चित हो रहे। यह पहली बार उसने मुँह खोलकर कुछ रुपयों का सवाल किया था। इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे? 

    लाला के समक्ष कैसा प्रश्न था?
    • उनकी प्रतिष्ठा व घर में साख का
    • पत्नी पर रोब डालने का
    • पत्नी को रुपए देने का
    • पत्नी के समक्ष न झुकने का

    Solution

    A.

    उनकी प्रतिष्ठा व घर में साख का
    Question 39
    CBSEENHN8000989

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    जब चार दिन ज्यों-त्यों में यों ही बीत गए और रुपयों का कोई प्रबंध न हो सका तब उन्हें चिंता होने लगी। प्रश्न अपनी प्रतिष्ठा का था, अपने ही घर में अपनी साख का था। देने का पक्का वादा करके अगर अब दे न सके तो अपने मन में वह क्या सोचेगी? उसकी नज़रों में उसका क्या मूल्य रह जाएगा? अपनी वाहवाही की सैकड़ों गाथाएँ सुना चुके थे। अब जो एक काम पड़ा तो चारों खाने चित हो रहे। यह पहली बार उसने मुँह खोलकर कुछ रुपयों का सवाल किया था। इस समय अगर दुम दबाकर निकल भागते हैं तो फिर उसे क्या मुँह दिखलाएँगे? 

    पत्नी ने पहली बार कितने माँगे थे?
    • पांच सौ 
    • ढाई सौ
    • दो सौ
    • चार सौ

    Solution

    B.

    ढाई सौ

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    Question 42
    CBSEENHN8000992
    Question 43
    CBSEENHN8000993
    Question 47
    CBSEENHN8000997

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया। किसी ज़माने में न्यूटन नाम के किसी खुराफाती ने पृथ्वी की आकर्षण शक्ति नाम की एक चीज़ ईजाद की थी। कहना न होगा कि यह सारी शक्ति इस समय लोटे के पक्ष में थी। 

    अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया-शब्दों का आशय स्पष्ट कीजिए?
    • जिस प्रकार एक टूटता हुआ तारा बहुत तेजी से जुदा होकर आगे की और बढ़ता है उससे भी तेज गति से लोटा नीचे की ओर लुढ़कता गया।
    • लोटे का हाथ न आना।
    • लोटे का लुढ़कते ही जाना।
    • नीचे गिरकर एक टूटे तारे के समान लगना।

    Solution

    A.

    जिस प्रकार एक टूटता हुआ तारा बहुत तेजी से जुदा होकर आगे की और बढ़ता है उससे भी तेज गति से लोटा नीचे की ओर लुढ़कता गया।
    Question 59
    CBSEENHN8001009

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    पं. बिलवासी मिश्र भीड़ को चीरते हुए आँगन में आते दिखाई पड़े उन्होंने आते ही पहला काम यह किया कि उस अंग्रेज़ को छोड़कर और जितने आदमी में आँगन घुस आए थे, सबको बाहर निकाल दिया। फिर आँगन में कुर्सी रखकर उन्होंने साहब से कहा-”आपके पैर में शायद कुछ चोट आ गई है। अब आप आराम से कुर्सी पर बैठ जाइए।”

    झगड़ते हुए अंग्रेज़ का विरोध करने की बजाय वे उसका साथ क्यों दे रहे थे?

    • वे उसे शांत करके झाऊलाल की जान बचाना चाहते थे।
    • वे उसे शांत करना चाहते थे और लोटे का कुछ कमाल दिखाना चाहते थे।
    • वे अंग्रेज़ को पुलिस स्टेशन ले जाकर मामला सुलझाना चाहते थे।
    • वे चाहते थे कि अंग्रेज़ से किसी प्रकार ढाई सौ रुपए ले लिए जाए ताकि झाऊलाल की समस्या टल जाए।

    Solution

    B.

    वे उसे शांत करना चाहते थे और लोटे का कुछ कमाल दिखाना चाहते थे।
    Question 65
    CBSEENHN8001015

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सोलहवीं शताब्दी की बात है। बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर भागा था और सिंध के रेगिस्तान मैं मारा-मारा फिर रहा था। एक अवसर पर प्यास से उसकी जान निकल रही थी। उस समय एक ब्राह्मण ने इसी लोटा से पानी पिलाकर उसकी जान बचाई थी। हुमायूँ के बाद अकबर ने उस ब्राह्मण का पता लगाकर उससे इस लोटे को ले लिया और इसके बदले में उसे इसी प्रकार के दस सोने के लोटे प्रदान किए। यह लोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी से इसका नाम अकबरी लोटा पड़ा। वह बराबर इसी से वजू करता था।

    पंडित जी ने लोटे की क्या कथा बताई?
    • बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर रेगिस्तान में घूम रहा था तो एक ब्राह्मण ने उसे इस लोटे से पानी पिलाया।
    • बादशाह हुमायूँ के पिता की निशानी है यह लौटा।
    • बादशाह हुमायूं ने सौ सोने के लोटों के बदले एक यह लोटा लिया।
    • बादशाह हुमायूँ इसी लोटे से पानी पीते थे।

    Solution

    A.

    बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर रेगिस्तान में घूम रहा था तो एक ब्राह्मण ने उसे इस लोटे से पानी पिलाया।
    Question 66
    CBSEENHN8001016

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सोलहवीं शताब्दी की बात है। बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर भागा था और सिंध के रेगिस्तान मैं मारा-मारा फिर रहा था। एक अवसर पर प्यास से उसकी जान निकल रही थी। उस समय एक ब्राह्मण ने इसी लोटा से पानी पिलाकर उसकी जान बचाई थी। हुमायूँ के बाद अकबर ने उस ब्राह्मण का पता लगाकर उससे इस लोटे को ले लिया और इसके बदले में उसे इसी प्रकार के दस सोने के लोटे प्रदान किए। यह लोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी से इसका नाम अकबरी लोटा पड़ा। वह बराबर इसी से वजू करता था।

    ब्राह्मण को लोटे के बदले क्या मिला?
    • दस सोने के लोटे
    • पाँच सोने के लोटे
    • सौ सोने के लोटे 
    • पचास सोने के लोटे

    Solution

    A.

    दस सोने के लोटे
    Question 67
    CBSEENHN8001017

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सोलहवीं शताब्दी की बात है। बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर भागा था और सिंध के रेगिस्तान मैं मारा-मारा फिर रहा था। एक अवसर पर प्यास से उसकी जान निकल रही थी। उस समय एक ब्राह्मण ने इसी लोटा से पानी पिलाकर उसकी जान बचाई थी। हुमायूँ के बाद अकबर ने उस ब्राह्मण का पता लगाकर उससे इस लोटे को ले लिया और इसके बदले में उसे इसी प्रकार के दस सोने के लोटे प्रदान किए। यह लोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी से इसका नाम अकबरी लोटा पड़ा। वह बराबर इसी से वजू करता था।

    ब्राह्मण को लोटे के बदले क्या मिला?
    • दस सोने के लोटे 
    • पाँच सोने के लोटे
    • सौ सोने के लोटे
    • पचास सोने के लोटे

    Solution

    A.

    दस सोने के लोटे 
    Question 68
    CBSEENHN8001018

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सोलहवीं शताब्दी की बात है। बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर भागा था और सिंध के रेगिस्तान मैं मारा-मारा फिर रहा था। एक अवसर पर प्यास से उसकी जान निकल रही थी। उस समय एक ब्राह्मण ने इसी लोटा से पानी पिलाकर उसकी जान बचाई थी। हुमायूँ के बाद अकबर ने उस ब्राह्मण का पता लगाकर उससे इस लोटे को ले लिया और इसके बदले में उसे इसी प्रकार के दस सोने के लोटे प्रदान किए। यह लोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी से इसका नाम अकबरी लोटा पड़ा। वह बराबर इसी से वजू करता था।

    ‘वजू’ शब्द से आप क्या समझते हैं?
    • नमाज पढ़ने से पहले पानी पीने हेतु की गई प्रक्रिया
    • नमाज पड़ने से पूर्व हाथ-पैर धोने की प्रक्रिया
    • नमाज़ पड़ते समय पानी भर कर रखने की प्रक्रिया 
    • इनमें से कोई नहीं

    Solution

    B.

    नमाज पड़ने से पूर्व हाथ-पैर धोने की प्रक्रिया
    Question 69
    CBSEENHN8001019

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सोलहवीं शताब्दी की बात है। बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर भागा था और सिंध के रेगिस्तान मैं मारा-मारा फिर रहा था। एक अवसर पर प्यास से उसकी जान निकल रही थी। उस समय एक ब्राह्मण ने इसी लोटा से पानी पिलाकर उसकी जान बचाई थी। हुमायूँ के बाद अकबर ने उस ब्राह्मण का पता लगाकर उससे इस लोटे को ले लिया और इसके बदले में उसे इसी प्रकार के दस सोने के लोटे प्रदान किए। यह लोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी से इसका नाम अकबरी लोटा पड़ा। वह बराबर इसी से वजू करता था।

    ‘म्यूज़ियम’ के साथ लोटे को क्यों जोड़ा गया?
    • उसे अच्छे दामों में बेचने के लिए।
    • झाऊलाला की समस्या का निदान करने हेतु।
    • अंग्रेज़ पुरानी चीजें खरीदने का शौकीन था इसलिए म्यूज़ियम के साथ लोटे का संबंध जोड़कर उसकी महत्ता बढ़ाई गई।
    • दिए गए सभी।

    Solution

    D.

    दिए गए सभी।
    Question 70
    CBSEENHN8001020

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    सोलहवीं शताब्दी की बात है। बादशाह हुमायूँ शेरशाह से हारकर भागा था और सिंध के रेगिस्तान मैं मारा-मारा फिर रहा था। एक अवसर पर प्यास से उसकी जान निकल रही थी। उस समय एक ब्राह्मण ने इसी लोटा से पानी पिलाकर उसकी जान बचाई थी। हुमायूँ के बाद अकबर ने उस ब्राह्मण का पता लगाकर उससे इस लोटे को ले लिया और इसके बदले में उसे इसी प्रकार के दस सोने के लोटे प्रदान किए। यह लोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी से इसका नाम अकबरी लोटा पड़ा। वह बराबर इसी से वजू करता था।

    किस सम्राट के नाम से इस लोटे का नामकरण हुआ?
    • हुमायूँ 
    • जहाँगीर
    • अकबर
    • शेरशाह

    Solution

    C.

    अकबर
    Question 71
    CBSEENHN8001021

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एक कबूतर ने नूरजहाँ से जहाँगीर का प्रेम कराया था। जहाँगीर के पूछने पर कि, मेरा एक कबूतर तुमने कैसे उड़ जाने दिया, नूरजहाँ ने उसके दूसरे कबूतर को उड़ाकर बताया था, कि ऐसे। उसके इस भोलेपन पर जहाँगीर दिलोजान से निछावर हो गया। उसी क्षण से उसने अपने को नूरजहाँ के हाथ कर दिया। कबूतर का यह अहसान वह नहीं भूला। उसके एक अंडे को बड़े जतन से रख छोड़ा। एक बिल्लोर की हाँडी में वह उसके सामने टँगा रहता था। बाद में वही अंडा “जहाँगीरी अंडा” के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

    नूरजहाँ का जहाँगीर से प्रेम किसने करवाया?
    • एक कबूतर ने
    • एक सेनापति ने
    • उन्होंने स्वयं ही एक-दूसरे को पसंद किया
    • नूरजहाँ की सखी ने

    Solution

    A.

    एक कबूतर ने
    Question 72
    CBSEENHN8001022

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एक कबूतर ने नूरजहाँ से जहाँगीर का प्रेम कराया था। जहाँगीर के पूछने पर कि, मेरा एक कबूतर तुमने कैसे उड़ जाने दिया, नूरजहाँ ने उसके दूसरे कबूतर को उड़ाकर बताया था, कि ऐसे। उसके इस भोलेपन पर जहाँगीर दिलोजान से निछावर हो गया। उसी क्षण से उसने अपने को नूरजहाँ के हाथ कर दिया। कबूतर का यह अहसान वह नहीं भूला। उसके एक अंडे को बड़े जतन से रख छोड़ा। एक बिल्लोर की हाँडी में वह उसके सामने टँगा रहता था। बाद में वही अंडा “जहाँगीरी अंडा” के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

    नूरजहाँ ने एक कबूतर कैसे उड़ाया यह उसने जहाँगीर को कैसे बताया?
    • कबूतर को वापिस बुलाकर
    • दूसरे कबूतर को उड़ाकर
    • उड़ते कबूतर की ओर इशारा करके
    • सांकेतिक भाषा में

    Solution

    B.

    दूसरे कबूतर को उड़ाकर
    Question 73
    CBSEENHN8001023

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एक कबूतर ने नूरजहाँ से जहाँगीर का प्रेम कराया था। जहाँगीर के पूछने पर कि, मेरा एक कबूतर तुमने कैसे उड़ जाने दिया, नूरजहाँ ने उसके दूसरे कबूतर को उड़ाकर बताया था, कि ऐसे। उसके इस भोलेपन पर जहाँगीर दिलोजान से निछावर हो गया। उसी क्षण से उसने अपने को नूरजहाँ के हाथ कर दिया। कबूतर का यह अहसान वह नहीं भूला। उसके एक अंडे को बड़े जतन से रख छोड़ा। एक बिल्लोर की हाँडी में वह उसके सामने टँगा रहता था। बाद में वही अंडा “जहाँगीरी अंडा” के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

    जहाँगीर ने एक अंडे को संभाल कर क्यों रखा?
    • क्योंकि यह उस कबूतर का अंडा था जिसके कारण जहाँगीर ने स्वयं काे नूरजहाँ के समक्ष समर्पित किया था।
    • क्योंकि यह अंडा विशेष कबूतर का था।
    • क्योंकि यह उनके अब्बाजान की निशानी था।
    • क्योंकि यह नूरजहाँ ने जहाँगीर को दिया था।

    Solution

    A.

    क्योंकि यह उस कबूतर का अंडा था जिसके कारण जहाँगीर ने स्वयं काे नूरजहाँ के समक्ष समर्पित किया था।
    Question 74
    CBSEENHN8001024

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एक कबूतर ने नूरजहाँ से जहाँगीर का प्रेम कराया था। जहाँगीर के पूछने पर कि, मेरा एक कबूतर तुमने कैसे उड़ जाने दिया, नूरजहाँ ने उसके दूसरे कबूतर को उड़ाकर बताया था, कि ऐसे। उसके इस भोलेपन पर जहाँगीर दिलोजान से निछावर हो गया। उसी क्षण से उसने अपने को नूरजहाँ के हाथ कर दिया। कबूतर का यह अहसान वह नहीं भूला। उसके एक अंडे को बड़े जतन से रख छोड़ा। एक बिल्लोर की हाँडी में वह उसके सामने टँगा रहता था। बाद में वही अंडा “जहाँगीरी अंडा” के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

    अंडे का नाम ‘जहाँगीरी अंडा’ क्यों पड़ा?
    • क्योंकि जहाँगीर ने उसे अपने पास सहेज कर रखा।
    • क्योकि यह अंडा नूरजहाँ ने जहाँगीर को उपहार स्वरूप दिया था।
    • क्योंकि यह अंडा जहाँगीर के दरबार में था।
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    A.

    क्योंकि जहाँगीर ने उसे अपने पास सहेज कर रखा।
    Question 75
    CBSEENHN8001025

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एक कबूतर ने नूरजहाँ से जहाँगीर का प्रेम कराया था। जहाँगीर के पूछने पर कि, मेरा एक कबूतर तुमने कैसे उड़ जाने दिया, नूरजहाँ ने उसके दूसरे कबूतर को उड़ाकर बताया था, कि ऐसे। उसके इस भोलेपन पर जहाँगीर दिलोजान से निछावर हो गया। उसी क्षण से उसने अपने को नूरजहाँ के हाथ कर दिया। कबूतर का यह अहसान वह नहीं भूला। उसके एक अंडे को बड़े जतन से रख छोड़ा। एक बिल्लोर की हाँडी में वह उसके सामने टँगा रहता था। बाद में वही अंडा “जहाँगीरी अंडा” के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

    कबूतर के अंडे को किसमें सहेज कर रखा गया?
    • एक घोंसले में
    • ‘बिल्लोर की हांडी’ में
    • तश्तरी में
    • छोटी सी झोपड़ी में रूई के बिछौने पर

    Solution

    B.

    ‘बिल्लोर की हांडी’ में

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