Vasant Bhag 3 Chapter 13 जहाँ पहिया है
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    NCERT Solution For Class 8 Hindi Vasant Bhag 3

    जहाँ पहिया है Here is the CBSE Hindi Chapter 13 for Class 8 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 8 Hindi जहाँ पहिया है Chapter 13 NCERT Solutions for Class 8 Hindi जहाँ पहिया है Chapter 13 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 8 Hindi.

    Question 1
    CBSEENHN8000894

    '... उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं ...”
    आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों’ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?

    Solution
    तमिलनाडु के जिला पुड़ुकोट्टई में महिलाओं में अधिक जागृति न थी। वे रूढ़िवादिता. पिछड़ेपन व बधनों से परिपूर्ण जीवन बिता रही थीं। इन्हीं बंधनों को लेखक न जंजीरें माना है।
    Question 2
    CBSEENHN8000895

    '... उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं ...”
    क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।

    Solution
    ‘उन जंजीरों को तोड़ने का, जिनमें वे जकड़े हुए है, कोई न कोई तरीका लोग निकाल लेते हैं’ - इस वक्तव्य से हम पूर्णतया सहमत हैं क्योकि मनुष्य स्वभावानुसार अधिक समय तक बंधनों मे नहीं रह सकते। किसी-न-किसी चीज का सहारा पाकर उन बंधनों की जंजीरें अवश्य टूटती हैं और वे स्वच्छंदता को प्राप्त करते हैं। ठीक वैसे ही पुडुकोट्टई जिले की महिलाओं के साथ भी हुआ। वे भी रूढ़िवादिता व पुरुष प्रधान समाज की जंजीरों में जकड़ी थीं-लेकिन साइकिल चलाने से उनके जीवन में इतना परिवर्तन आया कि उनका जीवन ही बदल गया। उनमें आत्मसम्मान की भावना जागृत हुई इससे वे आत्मनिर्भर भी हो गईं। अब वे सभी कार्य आसानी से कर सकती हैं। पुरुष वर्ग भले ही कुछ भी कहे वे इसकी परवाह नहीं करतीं। साइकिल चलाना उनकी ‘आजादी का प्रतीक बन गया।
    Question 3
    CBSEENHN8000896

    ‘साइकिल आंदोलन’ से पुड़ुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?

    Solution
    साइकिल आंदोलन से पुडुकोट्टई की महिलाओं में निम्न बदलाव आए-
    1. स्त्रियों में आत्मसम्मान की भावना जागृत हुई।
    2. वे रूढ़िवादिता व पुरुषों द्वारा थोपे गए रोजमर्रा के घिसे-पिटे दायरे से बाहर निकल सकीं।
    3. इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला अब उन्हें कहीं भी जाने हेतु किसी का मुँह नहीं ताकना पड़ता।
    4. इससे महिलाओं की आय में वृद्धि हुई वे अगल-बगल के गाँवों में भी उत्पाद बेचने जा सकती हैं।
    5. अब महिलाओं के समय की भी बचत हो जाती थी जिससे वे सामान बेचने पर ध्यान केंद्रित कर पाती हैं।
    6. उन्हें आराम करने का भी समय मिल जाता है।
    7. साइकिल से घरेलू कार्यो को भी सुचारू रूप से करने में महिलाएँ सक्षम हो गई हैं जैसे घरेलू सामान लाना। बच्चों की देखभाल व पानी भरना आदि।
    8. सबसे बड़ी बात वे साइकिल को अपनी ‘आजादी का प्रतीक’ मानती हैं।

    Question 4
    CBSEENHN8000897

    शुरूआत में पुरुषों ने इस आदोलन का विरोध किया परंतु आर साइकिल के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?

    Solution

    जब स्त्रियों ने बड़ी संख्या में साइकिल चलाना सीखना शुरू किया तो पुरुषों ने इसका विरोध किया क्यौंकि उन्हें डर था कि इससे नारी समाज में जागृति आ जाएगी। उन पर कई प्रकार के व्यंग्य भी किए जाते। लेकिन महिलाओं ने इनकी परवाह न करके साइकिल चलाना जारी रखा। धीरे-धीरे महिलाओं द्वारा साइकिल चलाने को सामाजिक स्वीकृति प्राप्त हो ही गई।

    एक साइकिल विक्रेता ‘आर साइकिल्स’ के मालिक ने इसका समर्थन किया क्योंकि उसकी दुकान पर लेडिज साइकिल की बिक्री में 350 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। यहाँ तक कि जिन महिलाओं को लेडिज साइकिल नहीं मिल पाई थीं उन्होंने जेंटस साइकिलें ही खरीद लीं। दुकानदार द्वारा यह वक्तव्य बताना इस बात को प्रदर्शित करता है कि महिला साइकिल चालकों की संख्या दिन-प्रति-दिन बढ़ती ही जा रही है।

    Question 5
    CBSEENHN8000898

    प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?

    Solution
    प्रारंभ में इस साइकिल आंदोलन को चलाने में महिलाओं को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लोग उन पर गंदी-गंदी टिप्पणियाँ कसते थे लोकन महिलाएँ बिना किसी की परवाह किए निरंतर आगे की ओर अग्रसर ही होती रहीं।
    Question 6
    CBSEENHN8000899

    आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ क्यों रखा होगा?

    Solution
    लेखक द्वारा पाठ का शीर्षक ‘जहाँ पहिया है’ रखना पूर्णतया उचित है क्योंकि पहिए को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता है और जब पुडुकोट्टई में महिलाओं द्वारा साइकिल आंदोलन चला तो उनका जीवन भी गतिशील हो गया। वे भी रूढ़िवादी विचारधाराओं के बंधनों को तोड़कर आधुनिकता व आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हुई। इससे ही उनमें आत्मसम्मान की भावना भी जागृत हुई।
    Question 7
    CBSEENHN8000900

    अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हए शीर्षक के पक्ष में पक्ष में तर्क दीजिए

    Solution
    इस पाठ का अन्य शीर्षक हो सकता है- ‘सुनहले दिन’। सुनहले दिन शीर्षक भी उपयुक्त है क्योंकि साइकिल चलाना सीखने से पुड़ुकोट्टई नामक स्थान के महिला समाज में ऐसी जागृति आई कि उनके दिन ही बदल गए। बंधनों व रूढ़िवादी जीवन बिताने वाली महिलाएँ साइकिल पर सवार होकर आज़ादी से घूमने लगी। यहाँ तक कि वे पूर्णतया आत्मनिर्भर भी हो गई।
    Question 8
    CBSEENHN8000901

    'लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण औरतों के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज़ उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है।”
    साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है? समूह बनाकर चर्चा कीजिए।

    Solution

    साइकिल चलाना ग्रामीण महिला हेतु अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि ग्रामीण समाज नवीनता से कोसों दूर होता है। महिलाओं को किसी भी कार्य की अधिक छूट नहीं दी जाती यह समझा जाता है कि उनके भाग्य में केवल घर-गृहस्थी संभालना ही लिखा है। घर के मुख्य निर्णय पुरूषों द्वारा लिए जान हैं।
    ऐसे में यदि अचानक ही औरतों को। साइकिल चलाने का मौका मिल जाए जिससे वे सस्वच्छंदता से इधर-उधर जा सकें, अपने मनचाहे काम कर सकें तो साइकिल चलाना उनके लिए हवाई जहाज़ से कम न होगा।

    Question 9
    CBSEENHN8000902

    “पुड़ुकाट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी क बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था।” साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है?

    Solution
    लेखक की दृष्टि में साइकिल एक विनम्र अर्थात् आम सवारी थी। उसने कभी सोचा भी न था कि साइकिल जैसी सवारी भी किसी के जीवन में इतना बदलाव ला सकती है। यह ता उसने पुडुकाट्टई की महिलाओं द्वारा ही जाना क्योंकि यहाँ की महिलाओं को ‘मानसिक जागृति’ देने का कार्य साइकिल ने ही किया था।
    Question 10
    CBSEENHN8000903

    फातिमा ने कहा, '..मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।”
    साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आज़ादी’ का अनुभव क्यों होता होगा?

    Solution
    साइकिल चलाने से पुडुकाट्टई की महिलाओं की ‘आजादी’ का अनुभव हाेता था क्योंकि जब वे साइकिल पर सवार होकर चलती थी तो उन पर किसी प्रकार का कोई बंधन या कोई रोक-टोक नहीं होती थी जबकि उनके पारिवारिक जीवन में किसी प्रकार की काेई स्वच्छंदता न थी।
    Question 11
    CBSEENHN8000904

    पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी-चिन्ह क्या बनाती और क्यों?

    Solution
    पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती ताे शायद अपना पार्टी चिह ‘पहिया’ ही बनाती क्योंकि पहिए से उनके जीवन में अत्यधिक परिवर्तन आया । वे बंधनों से मुक्त होकर गतिशीलता की ओर बढ़ सकीं। पहिया सदैव आगे बढ़ने व उन्नति करने का संकेत देता है ।
    Question 12
    CBSEENHN8000905

    अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें तो क्या होगा?

    Solution
    अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें ताे शायद जीवन में ठहराव ही आ जाए क्योंकि पहिए से ही यातायात है, यातायात से उद्योग-धंधे व लोगों का आवागमन होता हैं।
    Question 13
    CBSEENHN8000906

    “1992 मे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह ज़िला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।” इस कथन का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।

    Solution
    “1992 मे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह ज़िला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।” - इस कथन का अभिप्राय यह है कि इस दिन के बाद महिलाओं में जागृति आ गई। उन्होंने रूढ़िवादिता व बधनों में जकड़ा हुआ जीवन जीना छोड़ दिया। वे अपने आत्मसम्मान के प्रति जागरूक हो उठीं। इस हेतु उन्होंने तरीका अपनाया साइकिल चलाने का। साइकिल चलाने से उनके जीवन में आत्मनिर्भरता व गतिशीलता आ गई। अब वे पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहतीं। निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर होना ही उनका उद्देश्य है।
    Question 14
    CBSEENHN8000907

    मान लीजिए आप एक संवाददाता हैं। आपकी 8 मार्च 1992 के दिन पुडुकोट्टई में हुई घटना का समाचार तैयार करना है। पाठ में दी गई सूचनाओंं और अपनी कल्पना के आधार पर एक समाचार तैयार कीजिए।

    Solution
    दिनांक 8 मार्च 1992 को तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले में महिलाओं द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ हर्षोल्लास से मनाया गया। इसमें महिलाओं ने स्वछंद रूप से साइकिलें चलाकर इस बात का प्रदर्शन करना चाहा कि वे अब आजाद हैं, किसी के बंधन और पुराने रीति-रिवाजों के दायरे में रहकर जीवन नहीं बिताएँगी। उनमें साइकिल सीखने व सिखाने की प्रबल इच्छा दिखाई दे रही थी। वे नवसाइकिल चालक गीत भी गा रही थीं। उनकी साइकिलों के हैंडलों पर लगी झंडियाँ. बजती घंटियाँ इस बात को सूचित कर रही थीं कि वे अब उन्नति की आेर अग्रसर हैं और सफलता की ऊँचाइयों को पाकर रहेंगी। एक साथ 1500 साइकिल सवार महिलाओं ने अपने जोश एवं बल से सभी को हक्का-बक्का कर दिया।
    Question 15
    CBSEENHN8000908

    इस पाठ के अंत में दी गयी ‘पिता के बाद’ कविता पढ़िए। क्या कविता में और फातिमा की बात में कोई संबंध हो सकता है? अपने विचार लिखिए।

    Solution
    पाठ के आधार पर फातिमा के यही विचार हैं कि साइकिल चलाना महिलाओं के आत्मसम्मान व आर्थिक संपन्नता को तो बढ़ावा देता ही है साथ ही साथ आजादी और खुशहाली का अनुभव भी करवाता है। जबकि इस कविता में इस बात को दर्शाया गया है कि दुख हो या सुख लड़कियाँ हर हाल में खुश रहती हैं। पिता के कंधों का भार अपने कंधों पर उठाने की हिम्मत रखती हैं। पिता की मृत्यु के पश्चात् माँ को संभालने की शक्ति भी उनमें होती है। वे अपने पूर्वजों का नाम ऊँचा उठाती हैं। उदास राहों पर भी खुशियाँ ढ़ुँढने की क्षमता रखती हैं। धूप, बारिश व हर मौसम अर्थात् हर परिस्थिति में खुश रहती हैं।
    Question 16
    CBSEENHN8000909

    उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ ‘उपसर्ग’ और ‘प्रत्यय’ इस प्रकार हैं-अभि, प्र, परि, वि (उपसर्ग), इक वाला, ता, ना।

    Solution

    उपसर्ग
    (1) शब्द - उपसर्ग मूलशब्द
    अभिव्यक्त - अभि व्यक्त
    प्रशिक्षण - प्र शिक्षण
    प्रदर्शन - प्र दर्शन
    अनुभव - अनु भव
    परिवहन - परि वहन
    विनम्र - वि नम्र
    बेशक - बे शक
    प्रत्यय 
    (2) शब्द      प्रत्यय  मूलशब्द
    सामाजिक      इक    समाज
    गतिशीलता    ता     गतिशील
    समझना       ना     समझ

    Question 17
    CBSEENHN8000910

    ‘साइकिल चलाना एक सामाजिक आंदोलन’ इससे आप क्या समझते हैं?

    Solution
    आंदोलन का अर्थ है क्रांति अर्थात् एक चाह या लगन जिसे पूरा करके ही दम लिया जाए और जिसमें समाज का अधिकाधिक भाग हिस्सा ले। ऐसा हुआ तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले में जिसमें महिलाओं ने ऐसा आदोलन चलाया कि साइकिल चलाने की होड़ ही हो गई। लगभग सभी महिलाएँ रूढ़िवादी विचारधाराएँ व पिछड़ेपन को छोड़कर साइकिल चलाना सीखकर स्वच्छंदता व गतिशीलता की ओर बढ़ना चाहती थी इसीलिए इसे सामाजिक आंदोलन का नाम दिया गया।

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    Question 18
    CBSEENHN8000911

    साइकिल चलाने से संबंधित कैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया?

     

    Solution
    साइकिल चलाने से संबंधित ‘प्रदर्शन एवं प्रतियोगिता’ आदि सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया प्रदर्शन में महिलाएँ साइकिल चलाने के विभिन्न प्रकार के कौशल दिखाती हैं व प्रतियोगिता में हर महिला साइकिल चालक सबसे आगे निकल जाना चाहती है। इससे महिलाओं में साइकिल चलाने के प्रति रुचि व उत्साह बढ़ा और यहां का एक चौथाई महिला वर्ग साइकिल चलाने में सक्षम हो गया।
    Question 19
    CBSEENHN8000912

    ‘साइकिल ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया’-कैसे?

    Solution
    महिलाओं का मानना है कि साइकिल चलाने से उनमें आत्मनिर्भरता का विकास हुआ है। अब उन्हें अपने कार्यों हेतु पुरुषों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना, पानी भरना, सामान ढोना ये सारे कार्य वे आसानी से साइकिल द्वारा कर लेती हैं। कई बार तो बच्चे भी उनके साथ होते हैं।
    Question 20
    CBSEENHN8000913

    महिलाओं द्वारा साइकिल चलाने को सामाजिक स्वीकृति कैसे मिली?

    Solution
    शुरू-शुरू में जब महिलाओं ने साइकिल चलानी शुरू की तो लोगों ने गंदी-गंदी टिप्पणियाँ कसीं क्योंकि पुडुकोट्टई की पृष्ठभूमि रूढ़िवादी विचारधाराओं व पिछड़ेपन की शिकार थीं, यहाँ महिलाओं को अधिक स्वतंत्रता न थी। साइकिल चलाने हेतु महिलाएँ दृढ़ रहीं उन्होंने किसी के कुछ भी कहने की परवाह न की इसीलिए धीरे-धीरे साइकिल चलाने को सामाजिक स्वीकृति मिली।
    Question 21
    CBSEENHN8000914

    साइकिल चलाने का आंदोलन कैसा था?

    Solution
    तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले के किलाकुरुचि गाँव में साइकिल प्रशिक्षण शिविर देखने का अनुभव असाधारण था। एक बड़ी संख्या में औरतें साइकिल सीखने हेतु एकत्र हुईं। जो महिलाएँ साइकिल चलाना सीख चुकी थीं वे दूसरों को भी सीखने में पूरा पूरा सहयोग दे रही थीं। सीखने-सिखाने की प्रबल इच्छा जागृत थी। वे नव साइकिल चालक संबंधी गीत भी गा रही थीं जिससे दूसरों को प्रोत्साहन मिले। इस प्रकार यह कार्य एक आदोलन का रूप ग्रहण कर चुका था।
    Question 22
    CBSEENHN8000915

    साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं हेतु कैसी उपलब्धि है और क्यों?

    Solution
    साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं हेतु हवाई जहाज चलाने जैसी बड़ी उपलब्धि है क्योंकि जहाँ महिलाएँ घरों में बंद थीं व पूर्णतया पिछड़ेपन का शिकार थीं. साइकिल ने उन्हें आजादी, आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता व गतिशीलता प्रदान की।
    Question 29
    CBSEENHN8000922

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    साइकिल चलाना एक सामाजिक आंदोलन है? कुछ अजीब-सी बात है - है न! लेकिन चौंकने की बात नहीं है। पुडुकोट्टई ज़िले की हजारों नवसाक्षर ग्रामीण महिलाओं के लिए यह अब आम बात है। अपने पिछड़ेपन पर लात मारने, अपना विरोध व्यक्त करने और उन ज़ंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं। कभी-कभी ये तरीके अजीबो-गरीब होते हैं। 

    साइकिल चलाना ‘सामाजिक आंदोलन’ क्यों बन गया?
    • समाज ने स्त्रियों को साइकिल चलाने की अनुमति दी।
    • सभी क्षेत्रों की स्त्रियां साइकिल चलाने की आेर अग्रसर हुई।
    • सभी क्षेत्रों को सरकार की ओर से साइकिल दी गई।
    • इनमें से कोई नहीं।

    Solution

    B.

    सभी क्षेत्रों की स्त्रियां साइकिल चलाने की आेर अग्रसर हुई।
    Question 31
    CBSEENHN8000924

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    साइकिल चलाना एक सामाजिक आंदोलन है? कुछ अजीब-सी बात है - है न! लेकिन चौंकने की बात नहीं है। पुडुकोट्टई ज़िले की हजारों नवसाक्षर ग्रामीण महिलाओं के लिए यह अब आम बात है। अपने पिछड़ेपन पर लात मारने, अपना विरोध व्यक्त करने और उन ज़ंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं। कभी-कभी ये तरीके अजीबो-गरीब होते हैं। 

    साइकिल चलाने ने यहाँ की महिलाओं को कैसे प्रभावित किया?
    • अब समाज में उनका प्रभुत्व पुरुषों से बढ़ गया।
    • अब वे अपने सभी कार्य स्वयं करने लगीं।
    • महिलाओं को ऐसा लगा कि वे अपने पिछड़ेपन की जंजीरें तोड़कर स्वच्छंदता की ओर बढ रही हैं।
    • वे पुरुषों से आगे निकल गई।

    Solution

    C.

    महिलाओं को ऐसा लगा कि वे अपने पिछड़ेपन की जंजीरें तोड़कर स्वच्छंदता की ओर बढ रही हैं।
    Question 32
    CBSEENHN8000925
    Question 33
    CBSEENHN8000926

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    भारत के सर्वाधिक गरीब ज़िलों में से एक है पुडुकोट्टई। पिछले दिनों यहाँ की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आजा़दी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है। उनमें से अधिकांश नवसाक्षर थीं। अगर हम दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को अलग कर दें तो इसका अर्थ यह होगा कि यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक-चौथाई हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है और इन महिलाओं में से सत्तर हज़ार से भी अधिक महिलाओं ने ‘प्रदर्शन एव प्रतियोगिता’ जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बडे गर्व के साथ अपने नए कौशल का प्रदर्शन किया और अभी भी उनमें साइकिल चलाने की इच्छा जारी है। वहाँ इसके लिए कई ‘प्रशिक्षण शिविर’ चल रहे हैं।

    पुडुकोट्टई जिला किस प्रदेश में है?

    • केरल
    • आंध्रप्रदेश 
    • तमिलनाड़ु
    • कर्नाटक

    Solution

    C.

    तमिलनाड़ु
    Question 34
    CBSEENHN8000927

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    भारत के सर्वाधिक गरीब ज़िलों में से एक है पुडुकोट्टई। पिछले दिनों यहाँ की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आजा़दी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है। उनमें से अधिकांश नवसाक्षर थीं। अगर हम दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को अलग कर दें तो इसका अर्थ यह होगा कि यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक-चौथाई हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है और इन महिलाओं में से सत्तर हज़ार से भी अधिक महिलाओं ने ‘प्रदर्शन एव प्रतियोगिता’ जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बडे गर्व के साथ अपने नए कौशल का प्रदर्शन किया और अभी भी उनमें साइकिल चलाने की इच्छा जारी है। वहाँ इसके लिए कई ‘प्रशिक्षण शिविर’ चल रहे हैं।

    ग्रामीण महिलाओं ने साईकल चलाने को क्यों चुना?


    • पैदल न चलने के कारण
    • पुरुषों से होड़ लेने हेतु
    • स्वाधीनता, आज़ादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने हेतु
    • निरंतर गतिशील रहने हेतु।

    Solution

    C.

    स्वाधीनता, आज़ादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने हेतु
    Question 35
    CBSEENHN8000928

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    भारत के सर्वाधिक गरीब ज़िलों में से एक है पुडुकोट्टई। पिछले दिनों यहाँ की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आजा़दी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है। उनमें से अधिकांश नवसाक्षर थीं। अगर हम दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को अलग कर दें तो इसका अर्थ यह होगा कि यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक-चौथाई हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है और इन महिलाओं में से सत्तर हज़ार से भी अधिक महिलाओं ने ‘प्रदर्शन एव प्रतियोगिता’ जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बडे गर्व के साथ अपने नए कौशल का प्रदर्शन किया और अभी भी उनमें साइकिल चलाने की इच्छा जारी है। वहाँ इसके लिए कई ‘प्रशिक्षण शिविर’ चल रहे हैं।

    साइकिल चलाना सीखने ही कैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ?

    • अधिक से अधिक साइकिल चलाने की होड़ 
    • प्रदर्शन एवं प्रतियौगिता
    • साइकिल चलाने मे पुरुषों से बराबरी
    • स्त्रियों में साइकिल चलाने की क्षमता (प्रति- घंटा)

    Solution

    B.

    प्रदर्शन एवं प्रतियौगिता
    Question 36
    CBSEENHN8000929

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    भारत के सर्वाधिक गरीब ज़िलों में से एक है पुडुकोट्टई। पिछले दिनों यहाँ की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आजा़दी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है। उनमें से अधिकांश नवसाक्षर थीं। अगर हम दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को अलग कर दें तो इसका अर्थ यह होगा कि यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक-चौथाई हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है और इन महिलाओं में से सत्तर हज़ार से भी अधिक महिलाओं ने ‘प्रदर्शन एव प्रतियोगिता’ जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बडे गर्व के साथ अपने नए कौशल का प्रदर्शन किया और अभी भी उनमें साइकिल चलाने की इच्छा जारी है। वहाँ इसके लिए कई ‘प्रशिक्षण शिविर’ चल रहे हैं।

    ‘प्रशिक्षण शिविर’ से आप क्या समझते हैं?

    • साइकिल चलाना सिखाने हेतु लगाए गए कैंप
    • साइकिल बनाने हेतु लगाए गए कैंप
    • साइकिल की मरम्मत करना सिखने हेतु लगाए गए कैंप
    • इनमें से कोई नहीं

    Solution

    A.

    साइकिल चलाना सिखाने हेतु लगाए गए कैंप
    Question 37
    CBSEENHN8000930

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    भारत के सर्वाधिक गरीब ज़िलों में से एक है पुडुकोट्टई। पिछले दिनों यहाँ की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आजा़दी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है। उनमें से अधिकांश नवसाक्षर थीं। अगर हम दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को अलग कर दें तो इसका अर्थ यह होगा कि यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक-चौथाई हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है और इन महिलाओं में से सत्तर हज़ार से भी अधिक महिलाओं ने ‘प्रदर्शन एव प्रतियोगिता’ जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में बडे गर्व के साथ अपने नए कौशल का प्रदर्शन किया और अभी भी उनमें साइकिल चलाने की इच्छा जारी है। वहाँ इसके लिए कई ‘प्रशिक्षण शिविर’ चल रहे हैं।

    प्रशिक्षण शिविर क्यों चलाए गए?
    • महिलाओं को प्रोत्साहित करने हेतु
    • साइकिल खरीदने के लिए ऋण देने हेतु
    • महिलाओं द्वारा साइकिल चलाना सीखने के सामाजिक आंदोलन को सफल बनाने हेतु
    • महिलाओं की शक्ति परखने हेतु।

    Solution

    C.

    महिलाओं द्वारा साइकिल चलाना सीखने के सामाजिक आंदोलन को सफल बनाने हेतु
    Question 38
    CBSEENHN8000931

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    ज़िले में साइकिल की धूम मची हुई है। इसकी प्रशंसकों में हैं महिला खेतिहर मज़दूर, पत्थर खदानों में मज़दूरी करनेवाली औरतें और गाँवों में काम करनेवाली नर्सें। बालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेशकीमती पत्थरों को तराशने में लगी औरतें और स्कूल की अध्यापिकाएँ भी साइकिल का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। ग्राम सेविकाएँ और दोपहर का भोजन पहुँचानेवाली औरतें भी पीछे नहीं हैं। सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जौ अभी नवसाक्षर हुई हैं। जिस किसी नवसाक्षर अथवा नयी-नयी साइकिल चलानेवाली महिला से मैंने बातचीत की, उसने साइकिल चलाने और अपनी व्यक्तिगत आजा़दी के बीच एक सीधा संबंध बताया।

    पूरे जिले में क्या धूम मची थी?
    • पुरुषों से आगे निकलने की धूम
    • साइकिलें धड़ाधड़ बिकने की धूम
    • महिलाओं द्वारा साइकिल चलाना सीखने की धूम 
    • महिलाओं को हर प्रकार की स्वच्छंदता मिलने की धूम

    Solution

    C.

    महिलाओं द्वारा साइकिल चलाना सीखने की धूम 
    Question 39
    CBSEENHN8000932

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    ज़िले में साइकिल की धूम मची हुई है। इसकी प्रशंसकों में हैं महिला खेतिहर मज़दूर, पत्थर खदानों में मज़दूरी करनेवाली औरतें और गाँवों में काम करनेवाली नर्सें। बालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेशकीमती पत्थरों को तराशने में लगी औरतें और स्कूल की अध्यापिकाएँ भी साइकिल का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। ग्राम सेविकाएँ और दोपहर का भोजन पहुँचानेवाली औरतें भी पीछे नहीं हैं। सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जौ अभी नवसाक्षर हुई हैं। जिस किसी नवसाक्षर अथवा नयी-नयी साइकिल चलानेवाली महिला से मैंने बातचीत की, उसने साइकिल चलाने और अपनी व्यक्तिगत आजा़दी के बीच एक सीधा संबंध बताया।

    साइकिल चलाने में कौन-कौन सी महिलाएँ आगे आई?
    • केवल ग्रामीण महिलाएँ
    • केवल स्कूल की अध्यापिकाएँ
    • केवल पत्थरों को तराशने वाली महिलाएँ
    • सभी क्षेत्रों की महिलाएँ

    Solution

    D.

    सभी क्षेत्रों की महिलाएँ

    Sponsor Area

    Question 40
    CBSEENHN8000933

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    ज़िले में साइकिल की धूम मची हुई है। इसकी प्रशंसकों में हैं महिला खेतिहर मज़दूर, पत्थर खदानों में मज़दूरी करनेवाली औरतें और गाँवों में काम करनेवाली नर्सें। बालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेशकीमती पत्थरों को तराशने में लगी औरतें और स्कूल की अध्यापिकाएँ भी साइकिल का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। ग्राम सेविकाएँ और दोपहर का भोजन पहुँचानेवाली औरतें भी पीछे नहीं हैं। सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जौ अभी नवसाक्षर हुई हैं। जिस किसी नवसाक्षर अथवा नयी-नयी साइकिल चलानेवाली महिला से मैंने बातचीत की, उसने साइकिल चलाने और अपनी व्यक्तिगत आजा़दी के बीच एक सीधा संबंध बताया।

    ‘नवसाक्षर’ शब्द से क्या तात्पर्य है।
    • नया सीखने वाला
    • कुछ विशेष सीखने वाला
    • सीखकर होड़ लगाने वाला 
    • प्रतियोगिताओें में भाग लेना

    Solution

    A.

    नया सीखने वाला
    Question 41
    CBSEENHN8000934

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    ज़िले में साइकिल की धूम मची हुई है। इसकी प्रशंसकों में हैं महिला खेतिहर मज़दूर, पत्थर खदानों में मज़दूरी करनेवाली औरतें और गाँवों में काम करनेवाली नर्सें। बालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेशकीमती पत्थरों को तराशने में लगी औरतें और स्कूल की अध्यापिकाएँ भी साइकिल का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। ग्राम सेविकाएँ और दोपहर का भोजन पहुँचानेवाली औरतें भी पीछे नहीं हैं। सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जौ अभी नवसाक्षर हुई हैं। जिस किसी नवसाक्षर अथवा नयी-नयी साइकिल चलानेवाली महिला से मैंने बातचीत की, उसने साइकिल चलाने और अपनी व्यक्तिगत आजा़दी के बीच एक सीधा संबंध बताया।

    ‘साइकिल चलाना’ किस बात का प्रतीक बन गया?
     
    • पुरुषों की गुलामी का प्रतीक
    • स्त्रियों की स्वाधीनता का प्रतीक
    • व्यक्तित्व प्रमुख का प्रतीक
    • मान-मर्याद का प्रतीक

    Solution

    B.

    स्त्रियों की स्वाधीनता का प्रतीक
    Question 42
    CBSEENHN8000935

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    ज़िले में साइकिल की धूम मची हुई है। इसकी प्रशंसकों में हैं महिला खेतिहर मज़दूर, पत्थर खदानों में मज़दूरी करनेवाली औरतें और गाँवों में काम करनेवाली नर्सें। बालवाड़ी और आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बेशकीमती पत्थरों को तराशने में लगी औरतें और स्कूल की अध्यापिकाएँ भी साइकिल का जमकर इस्तेमाल कर रही हैं। ग्राम सेविकाएँ और दोपहर का भोजन पहुँचानेवाली औरतें भी पीछे नहीं हैं। सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जौ अभी नवसाक्षर हुई हैं। जिस किसी नवसाक्षर अथवा नयी-नयी साइकिल चलानेवाली महिला से मैंने बातचीत की, उसने साइकिल चलाने और अपनी व्यक्तिगत आजा़दी के बीच एक सीधा संबंध बताया।

    साइकिल चलाने ने महिलाओं के मन में किम भावना को जागृत किया?
    • अपनी मनमानी करने की
    • व्यक्तिगत आजा़दी की
    • आकाश की ऊंचाइयों को पाने की
    • आत्मनिर्भरता की

    Solution

    B.

    व्यक्तिगत आजा़दी की
    Question 48
    CBSEENHN8000941

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है यह बहुत महत्वपूर्ण है। फातिमा का कहना है-”बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।” फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा-”साइकिल चलाने से मेरी कौन सी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ। मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं साइकिल खरीद सकूँ। लेकिन हर शाम मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।” पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में कभी इस तरह सोचा ही नहीं था। मैंने कभी साइकिल को आज़ादी का प्रतीक नहीं समझता था। 

    साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं में क्या बदलाव आया?

    • आत्मनिर्भरता बढ गई।
    • आत्मसम्मान की भावना जागी।
    • वे स्वयं को स्वच्छंद समझने लगी।
    • दिए गए सभी।

    Solution

    D.

    दिए गए सभी।
    Question 49
    CBSEENHN8000942

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है यह बहुत महत्वपूर्ण है। फातिमा का कहना है-”बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।” फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा-”साइकिल चलाने से मेरी कौन सी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ। मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं साइकिल खरीद सकूँ। लेकिन हर शाम मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।” पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में कभी इस तरह सोचा ही नहीं था। मैंने कभी साइकिल को आज़ादी का प्रतीक नहीं समझता था। 

    महिलाओं के साइकिल चलाने के बारे मैं लेखक की क्या सोच थी?
    • आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ व आत्मनिर्भर होना।
    • पुरुषों से अलग रहने में भी संकोच न करना।
    • प्रभुत्व जमाना
    • इनमे से कोई नहीं।

    Solution

    A.

    आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ व आत्मनिर्भर होना।
    Question 50
    CBSEENHN8000943

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है यह बहुत महत्वपूर्ण है। फातिमा का कहना है-”बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।” फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा-”साइकिल चलाने से मेरी कौन सी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ। मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं साइकिल खरीद सकूँ। लेकिन हर शाम मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।” पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में कभी इस तरह सोचा ही नहीं था। मैंने कभी साइकिल को आज़ादी का प्रतीक नहीं समझता था। 

    फातिमा ने लेखक को क्या कहा?
    • समाज अब स्त्री प्रधान बन जाएगा।
    • महिलाएँ साइकिल चलाने से आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ आजादी व खुशहाली का अनुभव करती हैं।
    • वे अब निडर हो गई हैं।
    • अब वे कभी रूढ़िवादिता की जंजी़रों में नहीं बँधेंगी।

    Solution

    B.

    महिलाएँ साइकिल चलाने से आर्थिक संपन्नता के साथ-साथ आजादी व खुशहाली का अनुभव करती हैं।
    Question 51
    CBSEENHN8000944

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है यह बहुत महत्वपूर्ण है। फातिमा का कहना है-”बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।” फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा-”साइकिल चलाने से मेरी कौन सी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ। मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं साइकिल खरीद सकूँ। लेकिन हर शाम मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।” पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में कभी इस तरह सोचा ही नहीं था। मैंने कभी साइकिल को आज़ादी का प्रतीक नहीं समझता था। 

    लेखक की सोच में क्या परिवर्तन आया?
    • अब महिलाएँ पुरुषों का मुकाबला पूरी तरह से करेंगी।
    • अब पुडुकोट्टई खूब उन्नति करेगा।
    • साइकिल चलाना केवल महिलाओं के आनंद का नहीं बल्कि आज़ादी का प्रतीक है।
    • अब इस गाँव में आर्थिक संपन्नता आ जाएगी।

    Solution

    C.

    साइकिल चलाना केवल महिलाओं के आनंद का नहीं बल्कि आज़ादी का प्रतीक है।
    Question 52
    CBSEENHN8000945

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है यह बहुत महत्वपूर्ण है। फातिमा का कहना है-”बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।” फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा-”साइकिल चलाने से मेरी कौन सी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ। मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं साइकिल खरीद सकूँ। लेकिन हर शाम मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।” पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में कभी इस तरह सोचा ही नहीं था। मैंने कभी साइकिल को आज़ादी का प्रतीक नहीं समझता था। 

    फातिमा साइकिल कैसे चलाती थी?
    • नई खरीदकर
    • किराए पर लेकर
    • अपनी सहेलियों से माँगकर
    • धीरे-धीरे डर-डर कर

    Solution

    B.

    किराए पर लेकर
    Question 54
    CBSEENHN8000947

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एक महिला ने बताया - 'लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण महिलाओं के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है। लोग इस पर हँस सकते हैं लेकिन केवल यहाँ की औरतें ही समझ सकती हैं कि उनके लिए यह कितना महत्वपूर्ण है। जो पुरुष इसका विरोध करते हैं, वे जाएँ और टहलें क्योंकि जब साइकिल चलाने की बात आती है, वे महिलाओं की बराबरी कर ही नहीं सकते।”

    लोग महिलाओं पर क्यों हँसते थे?
    • साइकिल चलाने पर उनका मजाक उड़ाते थे।
    • उनकी स्वच्छंदता की चाह पर
    • उनके पास साइकिलें न होने पर
    • उनकी नवसाक्षरता पर

    Solution

    A.

    साइकिल चलाने पर उनका मजाक उड़ाते थे।
    Question 55
    CBSEENHN8000948

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एक महिला ने बताया - 'लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण महिलाओं के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है। लोग इस पर हँस सकते हैं लेकिन केवल यहाँ की औरतें ही समझ सकती हैं कि उनके लिए यह कितना महत्वपूर्ण है। जो पुरुष इसका विरोध करते हैं, वे जाएँ और टहलें क्योंकि जब साइकिल चलाने की बात आती है, वे महिलाओं की बराबरी कर ही नहीं सकते।”

    पुरुषों के बारे में महिलाओं के क्या विचार थे?
    • वे उनसे डरेंगी नहीं।
    • वे उनसे साइकिल लेने की जिद पूरी करवाकर दम लेंगी।
    • यदि वे उनका विरोध रते हैं तो वे उनकी परवाह नहीं करेंगी।
    • पुरुष उनकी बराबरी नहीं कर सकते।

    Solution

    C.

    यदि वे उनका विरोध रते हैं तो वे उनकी परवाह नहीं करेंगी।
    Question 56
    CBSEENHN8000949

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एक महिला ने बताया - 'लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण महिलाओं के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है। लोग इस पर हँस सकते हैं लेकिन केवल यहाँ की औरतें ही समझ सकती हैं कि उनके लिए यह कितना महत्वपूर्ण है। जो पुरुष इसका विरोध करते हैं, वे जाएँ और टहलें क्योंकि जब साइकिल चलाने की बात आती है, वे महिलाओं की बराबरी कर ही नहीं सकते।”

    महिलाओं को अपने-आप पर किस बात का गर्व है?
    • वे पुरुषों से अधिक समझदार हैं।
    • पुरुष साइकिल चलाने में उनकी बराबरी नही कर सकते।
    • अब पुरुष उन्हें बंधनों में जकड़ नहीं सकते।
    • अब वे समाज में आत्मसम्मान पा लेगी।

    Solution

    B.

    पुरुष साइकिल चलाने में उनकी बराबरी नही कर सकते।
    Question 57
    CBSEENHN8000950

    निम्न गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    एक महिला ने बताया - 'लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण महिलाओं के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है। लोग इस पर हँस सकते हैं लेकिन केवल यहाँ की औरतें ही समझ सकती हैं कि उनके लिए यह कितना महत्वपूर्ण है। जो पुरुष इसका विरोध करते हैं, वे जाएँ और टहलें क्योंकि जब साइकिल चलाने की बात आती है, वे महिलाओं की बराबरी कर ही नहीं सकते।”

    महिलाओं ने क्या ठान लिया?
    • अब पुरुषों के दबाव में नहीं आएगी।
    • अपने लक्ष्य को पाकर रहेगी।
    • अब साइकिल चलाना सीखकर अपनी स्वच्छंदता को प्रदर्शित करेगी।
    • दिए गए सभी।

    Solution

    D.

    दिए गए सभी।

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