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ऊतक को परिभाषित करें।
यह कोशिकाओं का वह समूह है जो बनावट तथा कार्य में समान होता है तथा एक ही तरह के कार्य करता है। उदाहरण: रक्त, अस्थि, पेशीय ऊतक।
कितने प्रकार के तत्व मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं? उनके नाम बताए।
जाइलम के चार अवयव होते हैं:
(i) वाहिनिकायें: मृत, लम्बी नली के समान।
(ii) वाहिकायें: मृत, संकरी नली के समान।
(iii) दारू मृदूतक: सजीव, मृदूतक बहुतायत में।
(iv) काष्ठ तन्तु: मृत, लम्बे तथा नुकीले।
पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
सरल ऊतक | जटिल ऊतक |
1. ये एक ही प्रकार की कोशिकाओं के बने होते हैं। | 1. ये एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं के बने होते हैं। |
2. इनके उदाहरण हैं: मृदूतक, श्लेषोत्क एवं दृढ़ोतक ऊतक। | 2.इनके उदाहरण हैं: दारू तथा फ्लोएम। |
कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा कोलेन्काइमा और स्केलेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
मृदूतक | स्थूलकोण ऊतक | दृढ़ ऊतक |
1. यह गोल, कोशिका भित्ति वाली कोशिकाओं का बना होता है जिनमें केन्द्रक विद्यमान होता है तथा उनके बीच अंतरकोशिकीय स्थान पाये जाते हैं। ये सजीव होते हैं। | 1. यह बहुभुजी कोशिकाओं का बना होता है। उनके बीच अंतरकोशिकीय स्थान नहीं होते हैं। ये सजीव होती हैं। | 1. यह मोटी भित्ति वाली कोशिकाओं का बना होता है जो आकार में लंबी अथवा अनियमित होती हैं। ये कोशिकाएँ मृत होती हैं। |
2. कोशिका भित्ति पेक्टिन तथा सेल्यूलोज की बनी होती है। | 2. कोशिका भित्ति पेक्टिन एवं सेल्यूलोज की बनी होती है। | 2. इनकी कोशिका भित्ति लिग्निन की बनी होती है। |
रंध्र के क्या कार्य हैं?
रंध्र के मुख्य कार्य:
(i) वाष्पोतसर्जन व
(ii) गैसों का आदान-प्रदान
वाष्पोतसर्जन के दौरान जल वाष्प भी रंध्रों द्वारा ही बाहर नकलती है।
प्रकाश संश्लेषण एवं श्व्सन के दौरान वातावरण से वैट विनिमय द्वारा रंध्रों द्वारा ही होता है।
तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट करें।
अरेखित पेशियाँ | रेखित पेशियाँ | ह्दय पेशियाँ |
1. ये शरीर के आंतरिक अंगों में पाई जाती हैं। | 1. ये प्राय: अस्थियों से लगी होती हैं। | 1. ये ह्दय की भित्ति में पाई जाती हैं। |
2. ये लंबी, तर्कु रूप, अंतिम छोर पर नुकीली होती हैं। | 2. ये लंबी, बेलनाकार, अंतिम छोर पर कुन्द होती हैं। | 2. ये शाखामय, बेलनाकार होती हैं। डिस्क द्वारा परस्पर जुडी होती हैं। |
3. कोशिका द्रव्य में एक केन्द्रक होता है। | 3. कोशिका द्रव्य में अनेक केन्द्रक होते हैं। | 3. कोशिका द्रव्य में प्राय: एक केन्द्रक होता है। |
4. हल्के तथा गहरे रंग की पट्टियाँ नहीं पाई जाती। | 4. हल्के तथा गहरे रंग की पट्टियाँ पाई जाती हैं। | 4. हल्के तथा गहरे रंग की पट्टियाँ पाई जाती हैं। |
5. इनमें संकुचन एक ही लय में धीरे-धीरे होता है। | 5. इसमें संकुचन शीघ्रता से और प्राणी की इच्छानुसार होता है। | 5. ये एक निश्चित लय से बिना रुके सिकुड़ती-फैलती रहती हैं। |
6. ये पेशियाँ थकान महसूस नहीं करतीं। | 6. ये पेशियाँ थकान महसूस करती हैं। | 6. ये थकान का अनुभव नहीं करतीं। |
कार्डिक ( ह्दयक ) पेशी का विशेष कार्य क्या है?
यह ह्दय का मायोकार्डियम बनाता है। इसका मुख्य कार्य है पुरे जीवन भर लयबद्ध संकुचन तथा विमोचन।
रेखित , अरेखित एवं कार्डिक ( ह्दयक ) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अंतर स्पष्ट करें।
रेखित | अरेखित पेशी | ह्दय पेशी |
1. दीर्घ, बेलनाकार तथा अशाखित। | 1. छोटी तुर्काकार तथा नुकीली सिरे। | 1. छोटी बेलनाकार व चपटे सिरे। |
2. बहुकेंद्रकीय, परिधीय केंद्रक। | 2. एक केंद्रकीय तथा केंद्रक बीच में स्थापित। | 2. एक केंद्रकीय तथा केंद्रक बीच में। |
3. गहरे तथा हल्के रंग की पट्टिकायें। | 3. पट्टिकायें नहीं होती हैं। | 3. पट्टिकायें उपस्थित। |
4. ऐच्छिक संकुचन तेजी से थोड़े समय के लिए। जल्दी ही थकान महसूस करती हैं। | 4. संकुचन धीरे-धीरे होता है, परन्तु लंबे काल तक एवं पेशी को थकान का अनुभव नहीं होता। | 4. ये तेजी से संकुचित होती हैं तथा स्वत: ही निरंतर एक ही लय में बिना थके फैलती तथा सिकुड़ती रहती हैं। |
5. ये कंकाल से जुडी हुई होती है जैसे सिर, हाथ, पैर, जीभ तथा फैरैग्स। | 5. ये शरीर में अंगों की दीवारों में पायी जाती हैं। | 5. ये ह्दय का मायोकार्डियम बनाती हैं। |
6. पेशीचोल पताल तथा मजबूत होता है। | 6. पेशीचोल नहीं होता है। | 6. पेशीचोल पतला होता है। |
7. यह कंकाल तंत्र अथवा अस्थियों से जुडी होती हैं। | 7. यह शरीरी के खोखले अंगों जैसे आमाशय आदि में पाई जाती हैं। | 7. यह केवल ह्दय में पायी जाती हैं। |
निम्नलिखित के नाम लिखें:
(a) ऊतक जो मुहँ के भीतर अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीरी में वसा का संचय करता है।
(e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।
(a) शल्की एपिथीलियम
(b) कण्डरा
(c) फ्लोएम
(d) वसा ऊतक
(e) रुधिर
(f) तंत्रिका ऊतक
निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें:
त्वचा, पौधे का वल्क, अस्थि, वृक्कीय नलिका अस्तर, संवहन बंडल।
(i) त्वचा: स्तरित शल्की एपिथीलियम।
(ii) पौधे का वल्कुट: सरल स्थायी ऊतक पैरेन्काइमा।
(iii) अस्थि: संयोजी कंकाल ऊतक 'अस्थि'।
(iv) वृक्कीय नलिका अस्तर: घनाकार एपिथीलियम।
(v) संवहन बंडल: जटिल ऊतक जाइलम तथा फ्लोएम।
पैरेन्काइमा, ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं?
यह वल्कुट, मज्जा, पर्ण मध्योत्तक आदि में पाया जाता है। इनमें क्लोरोफ़िल पाया जाता है जिससे इसको क्लोरेन्काइमा कहा जाता है, यह हरी पत्तियों में पाया जाता है।
पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है?
(i) यह पौधों के शरीर का बाह्य आवरण बनाता है।
(ii) यह पौधों के शरीर के आंतरिक ऊतकों की सुरक्षा करता है।
(iii) यह सुरक्षात्मक ऊतक है। इसमें अंतरा कोशिकीय स्थान नहीं होते हैं।
छाल ( कार्क ) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है?
यह मोती भित्ति वाली मृत कोशिकाओं का बना होता है जिनमें सुबेरिन जम जाती है। कार्क को फ्लेम भी कहते हैं। यह जलसह होती है। कार्क सुरक्षा प्रदान करता है।
ऊतक क्या है?
यह कोशिकाओं का वह समूह है जो बनावट तथा कार्य में समान होता है तथा एक ही तरह के कार्य करता है।
बहुकोशिक जीवों में ऊतकों का क्या उपयोग है।
भोजन का पाचन, श्वसन क्रिया, उत्सर्जन क्रिया एवं जनन आदि।
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वाष्पोत्सर्जन के कार्यों का उल्लेख करें।
वाष्पोत्सर्जन के प्रमुख कार्य निम्नलिखित है:
(i) वाष्पोत्सर्जन के कारण जल के अवशोषण, रसारोहण तथा समान वितरण में सहायता मिलती है।
(ii) वाष्पोत्सर्जन के कारण खनिज लवणों के अवशोषण में सहायता मिलती है। मृदा जल में खनिज लवणों की मात्रा बहुत कम होती है। अत: जितना अधिक जन पौधे अवशोषित करेंगे, उतने ही अधिक लवण जन के माध्यम से पौधे को उपलब्ध होंगे।
(iii) वाष्पोत्सर्जन के कारण पौधों में ताप का नियमन होता रहता है।
(iv) वाष्पोत्सर्जन के कारण पौधों में यांत्रिक ऊतक अधिक विकसित होते हैं जिसके कारण पौधे अधिक मजबूत होते हैं। इनकी प्रतिरोध क्षमता अधिक होती है।
(v) वाष्पोत्सर्जन के कारण फलों में शर्करा आदि पोषक पदार्थों की मात्रा में वृद्धि होती है।
प्ररोह का शीर्षस्थ विभज्योतक कहाँ पाया जाता है?
जड़, तना एवं शाखाओं के शीर्ष पर स्थित होता है।
फ्लोएम के संघटक कौन-कौन से हैं?
फ्लोएम के चार अवयव हैं: (i) चालनी नलिकाएँ, (ii) साथी कोशिकाएँ, (iii) फ्लोएम मृदूतक तथा (iv) फ्लोएम तंतु।
उस ऊतक का नाम बताएँ जो हमारे शरीर में गति के लिए उत्तरदायी है।
संयोजक ऊतक (अस्थियाँ), पेशीय ऊतक (रेखित पेशियाँ) तथा तंत्रिका ऊतक (तंत्रिकाएँ) के कार्यात्मक संयोजन से हमारे शरीर में गति होती है।
न्यूरॉन देखने में कैसा लगता है?
न्यूरॉन लंबी धागे जैसी प्रतीत होती हैं। इनकी लंबाई एक मीटर तक होती है। न्यूरॉन का मुख्य भाग कोशिकाय (Cyton) कहलाता है। इससे एक लंबा अक्षतंतु (एक्सॉन, Axon) तथा अनेक छोटे-छोटे वृक्षाभ (डेन्ड्राइट्स, Dendrites) निकलते हैं।
ह्दय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।
ह्दय पेशी के तीन लक्षण:
(i) यह केवल ह्दय में पाई जाती है।
(ii) ये अनैच्छिक प्रकार की होती है अर्थात हमारी इच्छा के नियंत्रण में नहीं होती।
(iii) इनमें पट्टियाँ नहीं होती हैं।
एरिओलर ऊतक के क्या कार्य है?
एरिओलर ऊतक के कार्य:
(i) यह अंगों के बीच में स्थान को भरता है।
(ii) यह आंतरिक अंगों को सहारा देता है।
(iii) यह ऊतकों की मरम्मत में सहायक है।
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