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यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, दो वस्तुओं के बीच का आकर्षण बल होगा
जब दूरी को आधा कर दिया जाता है,
उनके बीच का आकर्षण बल 4 गुना हो जाएगा।
सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले में तेज़ी से क्यों है गिरती?
वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल,
हम देखते हैं, F ∝ m परन्तु g, m पर निर्भर नहीं करता
अत: सभी गिरती हुई वस्तुओं के लिए त्वरण समान होगा। इसलिए एक भारी वस्तु, हलकी वस्तु की तुलना में तेज़ी से नहीं गिरती।
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच के गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6x1024kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4x106m है)।
दिया है,
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 1 kg
पृथ्वी का द्रव्यमान (M) = 6 x 1024kg
पृथ्वी का अर्धव्यास (R) = 6.4 x 106m
पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के बीच के गुरुत्वीय बल का परिमाण,
पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा है छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?
न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार, यदि एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु के ऊपर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु के ऊपर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु पहली वस्तु के ऊपर बराबर और विपरीत बल लगाती है। जब पृथ्वी, चंद्रमा के ऊपर आकर्षण बल लगाती है, तो विपरीत दिशा में, चंद्रमा भी पृथ्वी के ऊपर बराबर बल लगाता है।
यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर क्यों नहीं करती?
चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है। जब कभी भी किसी वस्तु पर बल लगाता है, तो उसमें त्वरण उतपन्न करता है।
अत: वस्तु में उतपन्न त्वरण, उसके द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
चंद्रमा का द्रव्यमान कम होता है और पृथ्वी का द्रव्यमान बहुत अधिक है। इसलिए, चंद्रमा तथा पृथ्वी के बीच लगा हुआ गुरुत्वाकर्षण बल, चंद्रमा में उसके द्रव्यमान के कारण बहुत कम (नगण्य) त्वरण उतपन्न करता है। चंद्रमा में उतपन्न अधिक त्वरण के कारण, हम देख सकते हैं कि चंद्रमा, पृथ्वी की तरफ गति कर रहा है। पृथ्वी में उतपन्न त्वरण कम है जिससे पृथ्वी का विस्थापन लगभग शून्य है। इस कारण हम पृथ्वी को चंद्रमा की तरफ गति करते हुए नहीं देखते हैं।
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुनी कर दिया जाए?
(ii) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?
गुरुत्वाकर्षण बल, F = G
(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुनी कर देने पर।
नया बल होगा,
(ii) a) वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी करने पर,
वस्तुओं के बीच की दूरी दोगुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल एक चौथाई हो जाएगा।
b) वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर,
वस्तुओं के बीच की दूरी तीन गुनी करने पर गुरुत्वाकर्षण बल वां भाग हो जाएगा।
(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर देने पर,
दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने करने पर गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाएगा।
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व है?
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के महत्व:
(i) गुरुत्वाकर्षण का नियम पृथ्वी का सही-सही द्रव्यमान ज्ञात करने में सहायता करता है।
(ii) गुरुत्वाकर्षण का नियम का उपयोग सूर्य, चन्द्रमा और ग्रहों के द्रव्यमान ज्ञात करने में किया जाता है।
(iii) गुरुत्वाकर्षण का प्रमुख अनुप्रयोग युग्मतारों (double stars) के द्रव्यमानों का आंकलन करता है।
(iv) गुरुत्वकर्षण का नियम नए तारों तथा ग्रहों की खोज करने में सहायता करता है।
युग्म-तारा, उनके द्रव्यमान केंद्र के सामान्य केंद्र के चारों ओर परिक्रमा करते हुए तारों का युग्म (pair of stars) होता है। तारे की गति में अनियमितता (अथवा परिवर्तनशीलता) अस्थिरता या डगमगाहट (wobbling) कहलाती है और तारा स्वयं डांवाडोल या अस्थिर (wobble) कहलाता है।
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?
पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच गुरुत्वीय बल को हम भार कहते हैं।
एक कागज़ की शीट उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
वायु कागज़ की शीट पर, गेंद की अपेक्षा अधिकतम प्रतिरोध लगती है क्योंकि कागज़ का क्षेत्रफल अधिक होने के कारण वह वायु का प्रतिरोध करता है। अत: कागज़ की शीट, गेंद की तुलना में धीमी गिरती है।
चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?
वस्तु का द्रव्यमान = 10 kg
चंद्रमा पर वस्तु का भार,
पृथ्वी पर वस्तु का भार, we = m x g
= 10 kg x 9.8 ms-2 = 98 N
19.4 m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।
आरंभिक गति, u = 0 m/s
गुरुत्वीय त्वरण, g = -9.8 m/s2
मीनार की ऊंचाई, h = 19.6 m
v2 - u2 = 2gh
v2 - 02 = 2 x (-9.8) x (-19.6)
v2 - 02 = (19.6)2
v = - 19.6 m/s
अत: पृथ्वी से टकराने से पहले अंतिम वेग = 19.6 m/s
कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40 m/s के प्रारंभिक वेग फेंका जाता है। 10 m/s2 लेते हुए ग्राफ की सहायता से पत्थर द्वारा पहुंची अधिकतम ऊंचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होती?
ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका गया पत्थर,
प्रारंभिक वेग, u= 40 m/s ऊपर की ओर
गुरुत्वीय त्वरण, g = 10 m/s2 निचे की ओर
पत्थर के अधिकतम बिंदु पर पहुँचने की दूरी, v = 0
v2 - u2 = 2 gs
02 - 402 = 2 ( -10 ) h
h = ( 40 x 40 ) / 20 = 80 m
कुल तक दूरी = h + h = 80 + 80 = 160 m
कुल विस्थापन = 80 - 80 = 0
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान = 6 x 1024 kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg। दोनों के बीच की औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।
दिया है,
पृथ्वी का द्रव्यमान, Me = 6 x 1024 kg
दूरी का द्रव्यमान, Ms = 2 x 1030 kg
कोई पत्थर 100 m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे?
दोनों पत्थर पृथ्वी तल से 20 m की ऊँचाई पर मिलेंगे।
किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु का उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है।
ऊपर की दिशा में कार्य करता है।
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पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
चूँकि प्लास्टिक का घनत्व, पानी के घनत्व से कम होता है, इस कारण प्लास्टिक के गुटके को जल में डुबोने पर उस पर लगने वाला उत्प्लावन बल गुटके के भार से अधिक होगा। अत: गुटका पानी की सतह पर आ जाता है।
50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm3 है। यदि पानी का घनत्व 1 g cm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?
पदार्थ का द्रव्यमान = 50 g
पदार्थ का आयतन = 20 cm3
अत: पदार्थ डूबेगा क्योंकि पदार्थ का घनत्व पानी से अधिक है।
500 g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1 gcm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?
पैकेट का द्रव्यमान = 500 g
पैकेट का आयतन = 350 cm3
जल का घनत्व = 1 g/cm3
पैकेट का घनत्व जल से अधिक होने के कारण वह डूब जायेगा।
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए।
गुरुत्वाकर्षण बल वस्तुओं के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है, जिन दो वस्तुओं के बीच यह बल लगता है।
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