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निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें:
300K
केल्विन मापक्रम पर तापमान = सेल्सियस मापक्रम तापमान + 273
300K = सेल्सियस मापक्रम तापमान + 273
सेल्सियस मापक्रम तापमान = 300 - 270 = 27oC
निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस में परिवर्तित करें:
573K
केल्विन मापक्रम पर तापमान = सेल्सियस इकाई पर तापमान + 273
सेल्सियस इकाई पर तापमान = केल्विन मापक्रम पर तापमान - 273
= 573 - 273 = 300oC
निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें:
25oC
केल्विन मापक्रम पर तापमान = सेल्सियस मापक्रम पर तापमान + 273
केल्विन मापक्रम पर तापमान = 25 + 273 = 298K
निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें:
373oC
केल्विन मापक्रम पर तापमान = सेल्सियस मापक्रम पर तापमान + 273
केल्विन मापक्रम पर तापमान = 373 + 273 = 646K
निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें:
(a) नैफ़्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के सह कुछ भी ठोस छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
नैफ़्थलीन ऊर्ध्वपातन का गुणधर्म दर्शाता है। नैफ़्थलीन का वाष्पीकरण बहुत आसानी से हो जाता है जिसके कारण यह कोई ठोस छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें:
हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
इत्र का विष्पीकरण अधिक होता है जिससे इत्र आसानी से हवा में मिल जाता है। वायु के अणु निरन्तर गति करते रहते है तथा सुगन्धित पदार्थों के अणुओं से टकराते है कुछ समय पश्चात इस प्रकार का वितरण हो जाता है कि उसका एक समांगी मिश्रण बन जाता है। इस प्रक्रम को विसरण कहते हैं। अत: विसरण के कारण हम कई मीटर दूर बैठे इत्र कि सुगन्ध पा सकते हैं।
निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है:
a) 25°C
b) 00C
c) 1000C
निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था:
a) 25°C - द्रव
b) 00C - ठोस
c) 1000C - गैस
पुष्टि हेतु कारण दें:
जल कमरे के ताप पर द्रव है।
जल कमरे के तापमान पर द्रव होता है क्योंकि जल के निम्नलिखित गुणधर्म होतें है:
1) जल कमरे के ताप पर द्रव होता है क्योंकि जल का आयतन निश्चित होता है परन्तु उसका आकर निश्चित नहीं होता है। जल उस बर्तन का आकर धारण क्र लेता है जिसमें उसे रखा जाता है।
2) जल कमरे के ताप पर द्रव होता है क्योंकि जल आसानी से बहता है।
पुष्टि हेतु कारण दें:
लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
लोहे की अलमारी कमरे के तापमान पर ठोस है क्योंकि:
1) अलमारी का निश्चित आकर तथा निश्चित आयतन होता है।
2) अलमारी कमरे के तापमान पर ठोस होती है यह बहती नहीं।
273K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?
273K के तापमान पर बर्फ की ऊर्जा पानी की ऊर्जा से कम होती है। बर्फ को इसी तापमान में ठंडा करने पर शीतलता अधिक होती है क्योंकि बर्फ और पानी दोनों की गुप्त ऊष्मा अलग-अलग होती है।
उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किस्मे अधिक महसूस होती है?
भाप में उबलते हुए जल की अपेक्षा अधिक ऊष्मा होती है जो गुप्त ऊष्मा के रूप में होती है। इसलिए, हमारी त्वचा पर जब भाप पड़ती है और जल उत्प्नन करने के लिए संघनित होती है वह, उसी ताप पर उबलते जल की अपेक्षा 22.5 x 105 जूल प्रति किलोग्राम अधिक ऊष्मा निकालती है क्योंकि उबलते जल की अपेक्षा भाप अधिक ऊष्मा निकालती है, यह अधिक असहनीय जलन उत्प्नन करती है।
निम्नलिखित चित्र में अवस्था परिवर्तन दर्शाते हुए A, B, C, D, E तथा F के नाम बताओ:
A — गलन
B — वाष्पन
C — संघनन
D — हिमीकरण
E — ऊर्ध्वपातन
F — ऊर्ध्वपातन
निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें:
(a) जल, (b) चीनी, (c) ऑक्सीजन
गैस के कणों के बीच आकर्षण बल सबसे कम होता है, द्रव में उससे ज्यादा होता है और ठोस में सबसे ज्यादा होता है।
इसलिए:
ऑक्सीजन<जल<चीनी
निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताए:
गर्मा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।
गर्मागरम खाने के कणों का तापमान अधिक होने के कारण इसकी गतिज ऊर्जा वहुत अधिक बढ़ जाती है तथा ये कण खाने की सतह छोड़कर वायु में विसरित हो जाते हैं। अधिक तापमान पर विसरण भी तीव्र हो जाता है जिससे कई मीटर की दुरी पर होने पर भी खाने की गंध हम तक पहुंच जाती है।
दूसरी और खाना ठंडा होने पर इसके कणों का वायु में विसरण लगभग नगण्य होता है, इसलिए अधिक दुरी पर ठंडे खाने की महक लेने के लिए, हमें खाने के समीप जाना पड़ता है।
स्वीमिंग पुल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षित होता है?
यह इसलिए हो पाता है क्योंकि द्रव संकीर्ण होता है। द्रव के कणों के बीच में आकर्षण बल ठोस की तुलना में कम होता है। इसलिए स्वीमिंग पुल में गोताखोर पानी को आसानी से काट पाता है।
पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती है?
पदार्थ के कणों के मध्य एक आकर्षण-बल उपस्थित होता है जिसे अंतरा-अणुक बल कहते हैं। इसी बल के कारण किसी पदार्थ के कण परस्पर बंधे रहते हैं। यह बल ठोसों में सबसे अधिक, द्रवों में उससे कम तथा गैसों में सबसे कम होता है। जैसे द्रवित पदार्थ को आसानी से अलग कर लिया जाता है जबकि ठोस पदार्थ को नहीं।
किसी तत्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं। ( घनत्व = द्रव्यमान / आयतन )। बढ़ते हुए घनत्व के कर्म में निम्नलिखित को सुव्यवस्थित करें:
वायु, चिमनी का धुआँ, शहद, जल, चॉक, रुई और लोहा।
दिए गए तत्व का घनत्व बढ़ते क्रम में निम्न प्रकार से है:
वायु < चिमनी का धुआँ < रुई < जल < शहद < चॉक < लोहा।
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पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अंतर् को सारणीबद्ध कीजिए।
क्रम संख्या | ठोस | द्रव | गैस |
1. | ठोसों का निश्चित आकार तथा निश्चित आयतन होता है। | द्रवों का आयतन निश्चित होता है परंतु उनका आकार निश्चित नहीं होता है। | गैसों का न तो निश्चित आकार होता है और न निश्चित आयतन। |
2. | ठोसों को अधिक दबाया नहीं जा सकता है। | द्रवों को अधिक नहीं दबाया जा सकता है। | गैसों को आसानी से दबाया जा सकता है। |
3. | अणुओं के बीच स्थान ठोसों में अधिकतम होता है। | अणुओं के बीच स्थान द्रवों में कुछ अधिक होता है। | अणुओं के बीच स्थान गैसों में अधिकतम होता है। |
4. | अणुओं के बीच आकर्षण बल ठोसों मे प्रबलतम होता है। | अणुओं के बीच आकर्षण बल द्रवों में कम प्रबल होता है। | अणुओं के बीच आकर्षण बल गैसों में नगण्य होता है। |
5. | अणुओं की गतिज ऊर्जा ठोसों में न्यूनतम होती है। | अणुओं की गतिज ऊर्जा द्रवों में अधिक होती है। | अणुओं की गतिज ऊर्जा गैसों में अधिकतम होता है। |
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए: दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
दृढ़ता: दृढ़ता पदार्थ का एक गुण है। यह गुण पदार्थ में कणों के मध्य स्थित रिक्त स्थान ( अंतरा-अणुक स्थान ) को व्यक्त करता है। कणों के मध्य रिक्त स्थान जितना कम होता है, पदार्थ उतना ही दृढ़ कहा जाता है। इस प्रकार ठोस पदार्थ की दृढ़ता सबसे अधिक, द्रवों की इनसे कम तथा गैसों की सबसे कम होती है।
संपीड्यता: पदार्थों का संपीड्यता गुण, उन पर डाब के प्रभाव को व्यक्त करता है। यदि पदार्थ को बाह्य डाब से दबाया जा सकता हो तो उसकी संपीड्यता अधिक होती है। द्रवों की संपीड्यता ठोसों से अधिक होती है तथा गैसों की संपीड्यता सर्वाधिक होती है।
तरलता: तरलता द्रव पदार्थों के बहने का गुण है। ठोस पदार्थों में यह गुण नहीं होता। द्रव पदार्थ सदैव ऊपर से नीचे की और बहते हैं। इन पदार्थों का इस प्रकार बहना इनकी तरलता कहलाती है। गैसों में भी यह गुण पाया जाता है। गैसें प्रत्येक दिशा में बहती हैं।
बर्तन में गैस का भरना: गैसों में कणों के मध्य पर्याप्त रिक्त स्थान उपलब्ध रहता है तथा ये कण इन रिक्त स्थानों में अत्यधिक गतिज ऊर्जा के साथ गतिशील रहते हैं। जब किसी गैस को बर्तन में भरा जाता है तो इसके कण बर्तन का संपूर्ण स्थान घेर लेते है।
आकार: पदार्थ में कणों के बीच अंतरा-अणुक बल पदार्थ का आकार निर्धारित करता है। यदि पदाथ के कणों के बीच आकर्षण बल अत्यधिक होगा तो पदार्थ का आकार निश्चित होगा। इसके विपरीत यदि आकर्षण बल कम या नगण्य होगा तो आकार निश्चित नहीं होगा। इसलिए ठोसों का आकार निश्चित तथा द्रवों और गैसों का आकार अनिश्चित होता है।
गतिज ऊर्जा: पदार्थों में कण सदैव गतिशील रहते हैं जिसके कारण उनमें गतिज ऊर्जा की उपस्थिति होती है। गतिज ऊर्जा ही पदार्थ के कणों को गतिशील करती है। गतिज ऊर्जा पदार्थ का ताप बढ़ने पर बढ़ जाती है।
घनत्व: घनत्व = पदार्थ का द्रव्यमान / पदार्थ का आयतन
ठोसों का घनत्व उच्च, द्रवों का कम तथा गैसों का घनत्व सबसे कम होता है।
कारण बताएँ:
गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमे इसे रखते है।
गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है जिसमे उसे रखा जाता हैं क्योंकि उच्च गतिज ऊर्जा तथा नगण्य आकर्षण बलों के कारण, गैस के अणु उच्च वेग से सभी दिशाओं में गतिशील रहते है।
कारण बताएँ -
गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
गैस के कण तेज गति से सभी दिशाओं में इधर उधर भागते है। जिसके कारण वे एक दूसरे से टकराते है और बर्तन की दीवारों से और ज्यादा बल से टकराते है। इसलिए गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
कारण बताएँ -
लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।
एक लड़की की मेज का निश्चित आकार और निश्चित आयतन होता है। यह बहुत कठोर होती है इसको दबाया नहीं जा सकता। ये सभी गुण ठोस के अंदर होते है तो हम कह सकते है की लकड़ी की मेज कठोर होती है।
कारण बताएँ -
हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते है, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलने के लिए हमे कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
हवा के अणुओं के बीच रिक्त स्थान बहुत होता है जिससे उनके अंदर अंतरा-बल न के बराबर होता है, जबकि लड़की के अणुओं के बीच में बहुत कम रिक्त स्थान होता है और अणुओं के बीच अंतरा-बल प्रबलतम होता है इसलिए यह कठोर होती है। इसलिए हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते है, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलने के लिए हमे कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें:
(a) 300 K. (b) 573 K.
केल्विन मापक्रम पर तापमान = 273 + सेल्सियस तापक्रम पर तापमान
सेल्सियस तापक्रम पर तापमान = केल्विन मापक्रम पर तापमान - 273
(a) सेल्सियस तापक्रम पर तापमान = 300 - 273 = 27oC
(b) सेल्सियस तापक्रम पर तापमान = 573 - 273 = 300oC
निम्नलिखित तापमान पर जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?
(a) 250oC पर जल की भौतिक अवस्था जल-वाष्प की होगी।
(b) 100oC पर जल की भौतिक अवस्था उबलते जल की होगी।
किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता हैं?
किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर रहता हैं क्योंकि दी गई उष्मीय ऊर्जा का उपयोग पदार्थ की अवस्था को बदलने में होता है।
वायुमंडलीय गैसों को द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइये।
द्रव के कण एक दूसरे के करीब होते है और उनकी गतिज ऊर्जा गैसों से कम होती है। जब गैस के अणुओं को दबाया जाता है तो वे एक दूसरे के करीब आ जाते है और उनकी गतिज ऊर्जा कम हो जाती है और वो जल में परिवर्तित हो जाते है। इस तरह गैसों को द्रवों में बदला जाता है: गैस को द्रव में बदलने के लिए दबाव को बढ़ाया जाता है और तापमान को घटाया जाता है।
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