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ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो-
(i) कमरे के ताप पर द्रव होती हैl
(ii) चाकू से आसानी से काटा ज सकता हैl
(iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती हैl
(iv) ऊष्मा की कुचालक होती हैl
आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइएl
आघातवर्ध्य- धातुओं का वह गुण जिसके द्वारा उन्हें पीट कर पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता हैl सोना और चाँदी सबसे ज्यादा आघातवर्ध्य धातुएँ हैंl
तन्य- धातुओं का वह गुण जिसके द्वारा उनके लंबे और पतले तार बनाए जाते हैंl
सोडियम को केरोसिन तेल में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
सोडियम सक्रिय धातु है जो वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से क्रिया करके सोडियम ऑक्साइड बनाती हैl यह पानी के साथ क्रिया करके सोडियम हाइड्रोक्साइड तथा हाइड्रोजन उतपन्न करती हैl वायु में खुला छोड़ देने पर यह आग पकड़ लेती हैl इसलिए बहुत सक्रिय धातु होने के कारण इसे मिट्टी के तेल में डुबो कर सुरक्षित रखते हैंl
इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए
(i) भाप के साथ आयरन
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम
(i) 3Fe (s) + 4H2O (g) Fe3O4 + 4H2
(ii) Ca (s) + 2H2O (l) → Ca (OH)2 +H2
A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है:
धातु |
लोहा II सल्फ़ेट |
कॉपर II सल्फ़ेट |
ज़िंक सल्फ़ेट |
सिल्वर नाइट्रेट |
A |
कोई अभिक्रिया नहीं |
विस्थापन |
||
B |
विस्थापन |
कोई अभिक्रिया नहीं |
||
C |
कोई अभिक्रिया नहीं |
कोई अभिक्रिया नहीं |
कोई अभिक्रिया नहीं |
विस्थापन |
D |
कोई अभिक्रिया नहीं |
कोई अभिक्रिया नहीं |
कोई अभिक्रिया नहीं |
कोई अभिक्रिया नहीं |
इस सरणी का उपयोग कर धातु A, B, C एवं D के संबंध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है?
(ii) धातु B को कॉपर (II) सल्फ़ेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
(iii) धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशील के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित करेंl
(i) धातु (B) सर्वाधिक अभिक्रियाशील है, क्योंकि कोई अन्य धातु FeSO4 ( आयरन सल्फ़ेट ) में से धातु को विस्थापित नहीं कर सकतीl
(ii) धातु (B) सर्वाधिक अभिक्रियाशील हैl इसलिए यदि धातु को कॉपर (II) सल्फ़ेट के विलयन में डाला जाए तो यह कॉपर को उसके विलयन से विस्थापित कर देगा और विलयन का नीला रंग फीका पड़ जाएगाl
(iii) B > A > C > D
अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन-सी गैस उतसर्जित होती है? आयरन के साथ तनु H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखिएl
किसी तनु अम्ल से क्रिया करने के पश्चात कोई धातु हाइड्रोजन गैस उतपन्न करती है सभी धातुएं तनु अम्लों से क्रिया नहीं करती पर जो धातुएं यह क्रिया नहीं करती हैं वे अम्ल में हाइड्रोजन को पुनर्स्थापित कर लवण तैयार करती हैंl
Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2
ज़िंक को आयरन सल्फ़ेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिएl
Zinc is more reactive than iron. So when zinc is added to a solution of iron (II) sulphate, iron is removed from solution and green colour of iron sulphate fades away.ज़िंक आयरन से ज्यादा संक्रिय होता हैl इसलिए जब ज़िंक को आयरन सल्फ़ेट के विलयन में डाला जाता है तो यह विलयन में से आयरन को विस्थापित कर देता है और आयरन सल्फ़ेट का हरा रंग फीका पड़ जाता हैl
Zn (s) + FeSO4 (aq) → Fe (s) + ZnSO4 (aq)
यह इस कारण से होता है क्योंकि लोहा ज़िंक से कम सक्रिय हैl
(i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना लिखिएl
(ii) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na2O एवं MgO की संरचना को दर्शाइएl
(iii) इन यौगिकों में कौन-से आयरन उपस्थित हैं?
(iii) Na2O यौगिकों में Na+ आयन तथा O2- आयन हैl
MgO यौगिकों में Mg2+ आयन तथा O2- आयन हैl
आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
निम्न पदों की परिभाषा दीजिए:
(i) खनिज (ii)अयस्क (iii) गैंग
(i) खनिज: धातुयुक्त पदार्थों को खनिज कहते हैंl जिनसे धातुओं को विभिन्न विधियों द्वारा प्राप्त किया जाता हैl यह धातुयुक्त खनिज पृथ्वी की सतह पर पर प्रकृतिक रूप से पाए जाते हैंl
(ii) अयस्क: जिस खनिज से धातु, प्राप्त करना सरल तथा आर्थिक रूप से लाभदायक हो उसे अयस्क कहते हैंl
(iii)गैंग: पृथ्वी से निकले गए अयस्कों में बहुत सी अशुद्धियाँ होती हैl इन अशुद्धियों को गैंग कहते हैl
दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैl
सोना (Au) एवं प्लैटिनम (Pt) प्रकृति में स्वतंत्र अवस्था में पाए जाते हैंl
सक्रियता श्रेणी में निम्न स्थित धातु ऑक्साइडों को गैर्न करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
धातु ऑक्साइडों से धातु को प्राप्त करने की क्रिया को अपचयी क्रिया कहते हैलजिन्क ऑक्साइड को कार्बन के साथ गर्म करने पर ज़िंक धातु प्राप्त होती है
ZnO (s) + C (s) → Zn (s) + CO (g)
ज़िंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइड को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया:
धातु | ज़िंक | मैग्नीशियम | कॉपर |
ज़िंक ऑक्साइड | |||
मैग्नीशियम ऑक्साइड | |||
कॉपर ऑक्साइड |
किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी?
(i) ज़िंक ऑक्साइड तथा मैग्नीशियम में विस्थापन अभिक्रिया होगीl
ZnO + Mg MgO + Zn
(ii) मैग्नीशियम ऑक्साइड विस्थापन अभिक्रिया नहीं कर सकताl
(iii) कॉपर ऑक्साइड ज़िंक और मैग्नीशियम के साथ गर्म करने पर विस्थापन अभिक्रिया करेगाl
CuO + Zn ZnO Cu
CuO + Mg Cu + MgO
मिश्रधातु क्या होते हैं?
किसी धातु के साथ किसी अन्य धातु या अधातु के मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैंl सबसे पहले धातु को पिघलाया जाता हैl फिर उसमे वांछित धातु या अधातु को मिल्या जाता हैl तब इस मिश्रण को ठंडा कर लिया जाता है और जमने के बाद यह मिश्रधातु के रूप में आ जाता हैl
निम्नलिखित में से कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है?
NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
MgCl2 विलयन एवं अलुमिनियम धातु
FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
D.
AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
NaCl विलयन एवं कॉपर धातु क्योंकि कॉपर सिल्वर से ज्यादा सक्रिय है
2AgNO3 (aq) + Cu (s) → Cu (NO3)2 (aq) + 2Ag (s)
लोहे के फ्राईंग पैन को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त है
ग्रीज़ लगाकर
पेंट लगाकर
ज़िंक की परत लगाकर
ऊपर के सभी
C.
ज़िंक की परत लगाकर
ऊपर दिए गए सभी तरिके लोहे को जंग से बचाने के लिए सक्षम हैl परंतु ( a ) और ( b ) विधि फ्राई पैन के लोहे के लिए उपयुक्त नहीं हैl क्योंकि ग्रीज़ और पेंट दोनों ही गर्म करने पर जल जाते हैंl इसलिए विधि ( c ) का प्रयोग किया जाता है क्योंकि ज़िंक लोहे से अधिक अभिक्रियाशील हैl इसलिए यह लोहे को जंग नहीं लगने देता ज़िंक का गलनांक लोहे से कम होता है और यह उच्च तापमान को सहन कर सकता है, इसलिए इसका प्रयोग फ्राई पैन में लोहे को जंग से बचाने के लिए किया जा सकता हैl अत: विधि ( c ) सही एवं उपयुक्त विधि हैl
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कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती हैl यह यौगिक जल में विलेय हैl यह तत्व क्या हो सकता है?
कैल्सियम
कार्बन
सिलिकॉन
लोहा
A.
कैल्सियम
कैल्सियम, ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर कैल्सियम ऑक्साइड बनाता हैl जो एक आयनिक यौगिक है, इसका गलनांक उच्च होता हैl यह जल के साथ अभिक्रिया करने पर कैल्सियम हाइड्रोक्साइड बनाता हैl इसके विपरीत कार्बन का ऑक्साइड, यौगिक, कार्बन डाइऑक्साइड (गैस) होता हैl सिलिकॉन का सिलिकॉन डाइऑक्साइड होता है ( पानी में घुलनशील नहीं होता ) एवं लोहे का ऑक्साइड यौगिक आयरन ऑक्साइड होता हैl जो पानी में नहीं घुलता इसलिए (b), (c) और (d) गलत हैl केवल (a) ठीक हैl
खाद्य पदार्थों के डिब्बों पर ज़िंक की बजाए टिन का लेप होता है क्योंकि:
टिन की अपेक्षा ज़िंक महंगा हैl
टिन की अपेक्षा ज़िंक का गलनांक अधिक हैl
टिन की अपेक्षा ज़िंक अधिक अभिक्रियाशील हैl
टिन की अपेक्षा ज़िंक कम अभिक्रियाशील हैl
C.
टिन की अपेक्षा ज़िंक अधिक अभिक्रियाशील हैl
टिन की अपेक्षा ज़िंक अधिक अभिक्रियाशील होता हैl तथा खाने में पाए जाने वाले जैविक तत्वों के साथ अभिक्रिया कर सकता हैl इसके विपरीत टिन इस प्रकार की अभिक्रिया नहीं करता इसलिए खाद्य पदार्थों को टिन में रखा जा सकता है परंतु ज़िंक में नहींl इसलिए (c) सही हैl
आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया हैl
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिता का अवलोकन करेंl
(a) हथौड़े का प्रयोग करके- यदि लिया गया नमूना टूट जाए तो वह अधातु है, इसके विपरीत यदि नमूना एक पतली चादर का रूप ले लेता है इसका अर्थ है कि वह आघातवर्ध्य है तो वह एक धातु हैl
सभी उपकरणों को दर्शाए गए चित्र के अनुसार जोड़ लेंl लिए गए नमूनों को क्लिप्स के बीच में रखें और स्विच 'ऑन' करेंl यदि बल्ब जलता है तो नमूना धातु है क्योंकि धातु विद्युत् का सुचालक होते हैं और यदि बल्ब नहीं जला तो लिया गया नमूना अधातु है क्यूंकि अधातु विद्युत् के कुचालक होते हैंl
(b) लोहे के आघातवर्ध्य होने के कारण, एवं लगभग सभी धातुओं के आघातवर्ध्य गुण के कारण उन्हें पतली चादर के रूप में बदल कर विभिन्न कामों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता हैl जैसे लोहे का प्रयोग बक्से एवं संदूक बनाने में किया जाता हैl
धातुएँ विद्युत कि सुचालक होती हैंl इसी गुण के कारण कॉपर एवं ऐलुमिनियम को विद्युत के संचालन के लिए प्रयोग किया जाता हैl
उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी आक्साइडों का उदाहरण दीजिएl
जो धातु ऑक्साइड अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार के व्यवहार प्रकट करते हैं उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहते हैंl
उदाहरण: ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) ज़िंक ऑक्साइड (ZnO)
(i) Al2O3 + 6HCl → 2AlCl3 + 3H2O ( क्षारीय व्यवहार )
Al2O3 + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O ( अम्लीय व्यवहार )
(ii) ZnO + 2HCl → ZnCl2 + H2O ( क्षारीय व्यवहार )
ZnO + 2NaOH → Na2ZnO2 + H2O ( अम्लीय व्यवहार )
दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैंl
(i) ज़िंक (Zn) तथा लोहा (Fe) हाइड्रोजन से अधिक अभिक्रियाशील होने के कारण उसे तनु अम्ल से विस्थापित कर सकते हैंl
(ii) कॉपर (Cu) तथा पारा (Hg) हाइड्रोजन से कम अभिक्रियाशील होने के कारण ऐसा नहीं कर सकतेl
किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप एनोड-कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे?
एनोड- अशुद्ध धातुl
कैथोड- शुद्ध धातुl
अपघट्य- जल में घुलनशील विलयनl
प्रत्युष ने सल्फ़र चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया चित्र के अनुसार एक परखनली को उलटा करके उसने उत्सृजित गैस को एकत्र किया
( a ) गैस की क्रिया क्या होगी?
( i ) सूखे लिटमस पत्र परl
( ii ) आर्द्र लिटमस पत्र परl
( b ) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिएl
( a ) सल्फ़र जलने पर सल्फर डाईऑक्साइड उतपन्न करता है
S (s) + O2 → SO2
(i) सूखे लिटमस पत्र पर गैस की कोई भी क्रिया नहीं होगीl
(ii) सल्फ़र एक अधातु है और अधातु की प्रकृति अम्लीय होती है गैस गैस आर्द्र लिटमस पत्र में मौजूद जल के साथ अभिक्रिया क्र सल्फ्यूरिक अम्ल उतपन्न करेगी जो नीले लिटमस पत्र का रंग लाल कर देगाl
(b) SO2 (g) + H2O → H2SO3 (aq)
(सल्फ्यूरस)
लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरिके बताइएl
लोहे को जंग से बचाने के तरिके:
(a) पेंट करके- लोहे की किसी भी वस्तु को जंग से बचाने के लिए उसके ऊपर पेंट करना चाहिएl क्योंकि पेंट के अवरोध से लोहा वायु के साथ क्रिया नहीं कर पाता और जंग लगने से बच जाता हैl
(b) तेल या ग्रीस की तह जमाकर- लोहे को जंग से बचाने के लिए लोहे पर तेल या ग्रीस की तह जमा देनी चाहिए जिससे नम वायु लोहे के संपर्क में नहीं आ पाती जिससे जंग नहीं लगताl मशीनों के पुर्जों पर ऐसा ही किया जाता हैl
(c) ज़िंक की परत चढ़ाकर- लोहे की धातु पर ज़िंक की परत चढ़ा दी जाती हैl जिससे वायु और जल का संपर्क लोहे से नहीं हो पाता और लोहे से बानी वस्तुओं को जंग लगने से बचाया जा सकता हैl
ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातु कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
कारण बताइए-
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता हैl
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लिथियम को तेल के अंदर संग्रहित किया जाता हैl
(c) ऐलुमिनियम अंत्यत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग कहना बनाने वाले बर्तन बनाने में किया जाता हैl
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फ़ाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता हैl
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी गैर-प्रतिक्रियाशील होते है जो जल्दी क्रिया नहीं करते और अपनी चमक नहीं खोतेl इनमे तन्यता, आघातवर्ध्यता, जंग से सुरक्षा देने वाले गुणधर्म होते हैl
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लिथियम अत्यधिक अभिक्रियाशील है ये ऑक्सीजन के साथ मिलकर ऑक्साइड बनाते हैं तथा जल के संपर्क में आने पर जल जाते हैं इसलिए इन्हे बचाने के लिए तेल में डुबोकर रखा जाता हैl
(c) ऐलुमिनियम एक शक्तिशाली एवं सस्ता धातु हैl यह ताप का सुचालक है परंतु यह अत्यधिक अभिक्रियाशील हैl आर्द्र वायु के संपर्क में आने पर इसकी सतह पर पार न किए जाने वाली ऐलुमिनियम ऑक्साइड की परत चढ़ जाती हैl यह परत आर्द्र वायु को क्रियाशील धातु के संपर्क में नहीं आने देती और धातु को जंग लगने से बचाती हैl इन सभी कारणों से ऐलुमिनियम का प्रयोग खाना बनने के बर्तन बनाने में किया जाता हैl
(d) धातु कार्बोनेट और धातु सल्फ़ाइड को धातु में बदलना कठिन होता हैl इसलिए उन्हें पहले धातु ऑक्साइड में बदलना आवश्यक होता हैl तब उसे किसी अपचायन की सहायता से धातु में बदला जा सकता हैl धातु कार्बोनेट को वायु की अनिपस्थिति में गर्म करके कार्बन डाइऑक्साइड को निष्कासित कर दिया जाता है-
ZnCO3 ZnO + CO2
धातु सल्फ़ाइड को ऑक्सीजन की उपस्थिति में गर्म करके उसे धातु ऑक्साइड में रूपांतरित किया जाता है इससे गंधक और आर्सेनिक जैसी अशुद्धियाँ भी दूर हो जाती हैं-
2ZnS + 3O2 → 2ZnO + 2SO2
S + O2 → SO2
4As + 5O2 → 2As2O5
आपने तांबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ़ करते अवश्य देखा होगा ये खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ़ करने में प्रभावी क्यों हैं?
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातु एवं अधातु में विभेद कीजिएl
धातु
|
अधातु |
1. धातुएँ ऑक्साइड और क्षारीय होती हैंl | 1. अधातुएँ अम्लीय और उदासीन होती हैंl |
2. धातुएँ अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर लवण बनाती हैंl | 2. धातुएँ अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर लवण बनाती हैंl |
3. धातुएँ प्रकृति में धनात्मक होती हैl इनके परमाणुओं में धनात्मक आयन बनाने की प्रवृत्ति होती हैl | 3. अधातुएँ प्रकृति में ऋणात्मक होती हैंl इनके परमाणुओं में ऋणात्मक आयन बनाने की प्रवृत्ति होती हैl |
एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता हैl उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचा हैl लोई संदेह किये बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती हैl जिसे वह उसे एक विशेष विलयन में डाल देता हैl कंगन नए की तरह चमकने लगते हैंl लेकिन उनका वज़न बहुत कम हो जाता हैl वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात उस व्यक्ति को झुकना पड़ता हैl एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं?
गर्म जल का टैंक बनाने में तांबे का प्रयोग होता है परंतु इस्पात ( लोहे का मिश्रधातु ) का नहीं इसका पॉर्न बताइएl
कॉपर, स्टील की अपेक्षा अधिक सुगम ताप का सुचालक हैl इसके और यह स्टील की अपेक्षा अधिक सस्ता भी होता है ऊर्जा बचाने के लिए गर्म पानी के टैंक को कॉपर से बनाया जाता हैl कॉपर जल से क्रिया भी नहीं करता चाहे उसे कितना भी गर्म किया जाए जबकि लोहा गर्म करने पर जल से क्रिया करता हैl
3Fe (s) + 4H2O → Fe3O4 (s) + 4H2 (g)
Cu(s) + H2O → कोई क्रिया नहीं
कैल्सियम कोई तत्व है, जिसकी परमाणु संख्या 20 है। नीचे दिए गए प्रश्न का कारण सहित उत्तर दीजिए :
(i) कैल्सियम धातु है अथवा अधातु?
(ii) इसकी परमाणु त्रिज्या पोटैशियम (परमाणु संख्या =19) से कम होगी अथवा अधिक?
(iii) इसके ऑक्साइड का सूत्र लिखिए?
(i) कैल्शियम की परमाणु संख्या 20 है। इसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 8, 2 हैं। कैल्शियम की योग्यता +2 है इसलिए यह एक धातु समूह 2 से संबंधित है।
(ii) कैल्शियम का त्रिज्या पोटैशियम की तुलना में छोटी है क्योंकि दोनों तत्व आवधिक तालिका की तीसरी अवधि में होते हैं। इस अवधि में पोटैशियम कैल्शियम की बाईं ओर स्थित होता है, और परमाणु का आकार घटता है, नाभिक द्वारा आकर्षण बल में वृद्धि के कारण बाएं से जा रहा है। अथवा इसकी परमाणु त्रिज्या पोटैशियम (परमाणु संख्या =19) से कम होगी।
(iii) कैल्शियम का ऑक्साइड कैल्शियम ऑक्साइड कहालता है और इसका रासायनिक सूत्र CaO के रूप में दिया गया है।
किसी परखनली में दानेदार जिंक के कुछ टुकडे लेकर उसमें 2 mL सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन डाला गया । परखनली की सामग्री को गर्म करने पर कोई गैस उत्सर्जित हुई जिसका परीक्षण करने से पूर्व उसे साबुन केविलयन से प्रवाहित किया गया जिसमें गैस के बुलबुले बने । होने वाली अभिक्रिया का समीकरण तथा इस गैस के संसूचन केलिए परीक्षण लिखिए । यदि यही धातु किसी प्रबल अप्ल के तनु विलयन से अभिक्रिया करे, तो जो गैस उत्सर्जित होगी उसका नाम लिखिए ।
(i) अभिक्रिया
(ii) गैस के निकट जलती तीली लाने पर गैस पॉप ध्वनि के साथ जलती है।
(iii)
गैस - हाइड्रोजन/H2
सक्रियता श्रेणी के मध्य की धातु के कार्बोनेट अयस्कों से शुद्ध धातुओं के निष्कर्षण की विधि के चरणों को लिखिए ।
मध्य की धातु के कार्बोनेट अयस्कों से शुद्ध धातुओं के निष्कर्षण की विधि के चरण:
(i) निस्तापन
(ii)अपचयन
(iii)परिष्करण
निस्तापन: धातु की अधिकता युक्त अयस्क को वायु की अनुपस्थिति या अपर्याप्त आपूर्ति में उच्च ताप पर गर्म करके इसके ऑक्साइड़ में बदलने के प्रक्रम कों निस्तापन कहते है।
जिंक का निष्कर्षण:
शुद्ध zinc इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।
कॉपर (तांबे) के सल्फाइड अयस्क से कॉपर का निष्कर्षण किस प्रकार किया जाता है? निष्कर्षण के विभिन्न चरणों की व्याख्या रासायनिक समीकरणों सहित कीजिए। कॉपर के विद्युत अपघटनी परिष्करण का नामांकित आरेख खींचिए।
कॉपर के सल्फाइड को हवा की उपस्थिति में गर्म करने पर कॉपर के अयस्क अयस्क से प्राप्त किया जा सकता है।
किसी छात्र ने दो परखनलियों A और B में लिए गए आयरन सल्फेट तथा कॉपर सल्फेट के जलीय विलयनों में ऐलुमिनियम धातु के कुछ-कड़े-डाले। प्रयोग के दूसरे भाग में उसने C और D परखनलियों में क्रमश: लिए गए ऐलुमिनियम सल्फेट और कॉपर सल्फेट के जलीय विलयनों में आयरन धातु के टुकड़े डाले। किस अथवा किन परखनलियों में उस छात्र को रंग परिवर्तन दिखाई देगा? इस प्रयोग के आधार पर उल्लेख कीजिए की कौन सी धातु सर्वाधिक अभिक्रियाशील है और क्यों।
परखनली A: FeSO4
परखनली B: CuSO4
परखनली C: Al2(SO4)3
परखनली D:CuSO4
परखनलियों A, B,और C में रग परिवर्तन रंग परिवर्तन दिखाई देगा।
एल्युमीनियम सर्वाधिक अभिक्रियाशील धातु क्यूंकि यह जिक, आयरन और कॉपर को उनके जलीय विलयनो से विस्थापित कर देता है।
परखनली A: 2Al + 3FeSO4 → Al2(SO4)3 + 3Fe
परखनली B: 2Al + 3CuSO4 → Al2(SO4)3 + 3Cu
परखनली C: 2Fe + Al2(SO4)3 → No Reaction
परखनली D: Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu
क्या प्रेक्षण किया जाता है जब किसी परखनली में लिए गए बेरियम क्लोराइड के विलियन में सोडियम सल्फेट विलयन मिलाया जाता है? सम्मिलित रासायनिक अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण तथा इस प्रकरण में होने वाली अभिक्रियाक प्रकार का नाम लिखिए ।
जब बेरियम क्लोराइड में सोडियम सल्फेट जोड़ा जाता है तो यह बेरियम सल्फेट का सफेद अवक्षेप का प्रेक्षण देता है जो पानी में अघुलनशील होता है।
Na2SO4 + BaCl2 → 2NaCl + BaSO4
द्विविस्थापन अभिक्रिया
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