लोकतांत्रिक राजनीति 1 Chapter 5 संस्थाओं का कामकाज
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    NCERT Solution For Class 9 सामाजिक विज्ञान लोकतांत्रिक राजनीति 1

    संस्थाओं का कामकाज Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 5 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान संस्थाओं का कामकाज Chapter 5 NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान संस्थाओं का कामकाज Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 सामाजिक विज्ञान.

    Question 5
    CBSEHHISSH9009418

    उस मंत्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार ज़ारी किया होगा:

    A. देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है। (i) रक्षा मंत्रालय
    B. ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ करायी जाएँगी। (ii) कृषि खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय।
    C. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएँगी। (iii) स्वास्थ्य मंत्रालय
    D. पल्स पोलियों अभियान शुरू किया जाएगा। (iv) वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय 
    E. ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएँगे।   (v) संचार और सुचना प्रौद्योगिकी  मंत्रालय 

    Solution

    A.

    देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है।

    (i)

    संचार और सुचना प्रौद्योगिकी  मंत्रालय 

    B.

    ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ करायी जाएँगी।

    (ii)

    वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय 

    C.

    सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएँगी।

    (iii)

    स्वास्थ्य मंत्रालय

    D.

    पल्स पोलियों अभियान शुरू किया जाएगा।

    (iv)

    रक्षा मंत्रालय

    E.

    ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएँगे।  

    (v)

    कृषि खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय।

    Question 10
    CBSEHHISSH9009423

    भारत का प्रधानमंत्री सीधे जनता द्वारा क्यों नहीं चुना जाता? निम्नलिखित चार जवाबों में सबसे सही को चुनकर अपनी पसंद के पक्ष में कारण दीजिए:

    • संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमंत्री बन सकता है।

    • लोकसभा, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद् का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है।

    • चूँकि प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति नियुक्त करता है लिहाजा उसे जनता द्वारा चुने जाने की ज़रूरत ही नहीं है।

    • प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव में बहुत ज़्यादा खर्च आएगा।

    Solution

    B.

    लोकसभा, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद् का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है।

    प्रधान मंत्री सीधे भारत में लोगों द्वारा चुने जाते हैं क्योंकि हमारे पास सरकार का संसदीय स्वरूप है जहां राष्ट्रपति द्वारा बहुमत पार्टी के नेता को प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया जाता है।

    प्रधान मंत्री लोकसभा के लिए भी जिम्मेदार हैं। उनके पास बहुमत के लोकसभा सदस्यों का समर्थन होना चाहिए।

    Question 11
    CBSEHHISSH9009424

    तीन दोस्त एक ऐसी फिल्म देखने गए जिसमें हीरो एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनता है और राज्य में बहुत से बदलाव लाता है। इमरान ने कहा कि देश को इसी चीज़ की ज़रूरत है। रिज़वान ने कहा कि इस तरह का, बिना संस्थाओं वाले एक व्यक्ति का राज खतरनाक है। शंकर ने कहा कि यह तो एक कल्पना है कोई भी मंत्री एक दिन में कुछ भी नहीं कर सकता ऐसी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है?  

    Solution

    यह फिल्म वास्तविकता से रहित है। रिज़वान सही है जब उसने यह अनुसरण किया कि संस्थाओं के बिना इस तरह के निजी नियम खतरनाक है। कोई भी लोकतांत्रिक सरकार संस्था के बिना काम नहीं कर सकती है और प्रशासन के लिए तीन संस्थाएं हैं,- विधायिका, कार्यकारी और न्यायपालिका जिनके नियमों का पालन करना होता हैं। 

    Question 13
    CBSEHHISSH9009426

    आरक्षण पर आदेश का उदाहरण पढ़कर तीन विद्यार्थियों की न्यायपालिका की भूमिका पर अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। इनमें से कोन-सी प्रतिक्रिया, न्यायपालिका की भूमिका को सही तरह से समझती है? 

    आपकी राय में कौन-सा विचार सबसे सही है।   

    • श्रीनिवास का तर्क है कि चूँकि सर्वोच्च न्यायालय सरकार के साथ सहमत हो गया है लिहाता वह स्वतंत्र नहीं है।   

    • अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतंत्र हैं क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ़ फ़ैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन का निर्देश दिया।

    • विजया का मानना हैं कि न्यायपालिका न तो स्वतंत्र है न ही किसी के अनुसार चलने वाली है बल्कि वह विरोधी समूहों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है। न्यायालय ने इस आदेश के समर्थकों और विरोधियों के बीच बढ़िया संतुलन बनाया।   

    Solution

    B.

    अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतंत्र हैं क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ़ फ़ैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन का निर्देश दिया।

    अंजैया द्वारा व्यक्त विचार सही है।
    भारत में न्यायपालिका स्वतंत्र है । सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में सरकार के आदेश के खिलाफ आदेश दिया है। नवंबर 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से फैसला किया की भारत सरकार का आदेश अवैध नहीं है, परन्तु सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से उसके मूल आदेश में कुछ संशोधन करने को कहा। उसने कहा की पिछड़े वर्ग के अच्छी स्थिति वाले लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना कि सभी आरक्षणों का अधिकतम आकार 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

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